Devbrat Bajpai
देवब्रत वाजपेयी क्रिकेटकंट्री हिंदी के साथ senior correspondent के पद पर कार्यरत हैं
Written by Devbrat Bajpai
Last Updated on - February 11, 2016 1:59 PM IST
भारतीय टीम के लिए श्रीलंकाई नए नवेले गेंदबाज हमेशा से ही एक रहस्य की तरह रहे हैं जो उनकी बल्लेबाजी को एका-एक पंगु बना देते हैं। हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए पहले टी20 मैच में बेहद मजबूत कही जाने वाली भारतीय बल्लेबाजी श्रीलंका के दो नए गेंदबाजों कसुन रजिथा और शनाका के आगे घुटने टेकते नजर आई। फलस्वरूप भारतीय टीम 101 रनों पर ढेर हो गई और अपने पूरे 20 ओवर तक नहीं खेल पाई। गौर करने वाली बात यह रही कि इनमें से एक गेंदबाज का तो यह पहला अंतरराष्ट्रीय मैच था तो दूसरे गेंदबाज का यह दूसरा अंतरराष्ट्रीय मैच था। ये भी पढ़ें: दूसरे टी20 में श्रीलंका को धूल चटाने को बेताब टीम इंडिया
आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब भारतीय बल्लेबाजी श्रीलंका के नए नवेले गेंदबाजों के आगे एक दम से सकपका गई है, बल्कि इसके पहले 2008 में एशिया कप के फाइनल में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला था जब उदीयमान स्पिन गेंदबाज अजंथा मेंडिस ने अकेले 6 विकेट लेते हुए भारतीय बल्लेबाजी को धराशाई कर दिया था। भारत 274 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रहा था और वीरेंदर सहवाग लगातार स्ट्रोक खेल रहे थे। ऐसे में लग रहा था कि भारत जल्दी ही मैच जीत जाएगा। लेकिन मेंडिस ने आते ही विकटों की झड़ी लगा दी और 97 रनों के भीतर भारत के 8 विकेट निकालते भारत को 173 रनों पर रोक दिया और इस तरह मैच श्रीलंका ने 100 रनों से जीत लिया। ये भी पढ़ें: क्या भारतीय टीम को खल रही है विराट कोहली की कमी?
ऐसा ही कुछ पुणे में हुए पहले टी20 मैच में भी देखने को मिला। चूंकि इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम खूब रनों की झड़ी लगा रही थी। ऐसे में रोहित ने शुरू से ही बड़े स्ट्रोक लगाने की कोशिश की और सस्ते में अपना विकेट गंवा बैठे। उनका अनुसरण टीम के अन्य बल्लेबाजों ने भी किया और गैर-जिम्मेदाराना स्ट्रोक खेलते हुए अपने विकेट गंवाए। अगर भारतीय बल्लेबाज शुरुआत में संभलकर खेलते हुए श्रीलंकाई गेंदबाजों की दिशा और लेंथ को परखने के बाद उस पर आक्रमण करते तो शायद परिस्थिति अलग होती। चूंकि, भारतीय टीम ने श्रीलंका की युवा टीम को देखते हुए मैच को लेकर कोई पुख्ता रणनीति तैयार नहीं की थी।
जिसका आभाव मैच में साफ नजर आया। ऐसे में दूसरे मैच के लिए भारतीय बल्लेबाजों को इन दोनों गेंदबाजों की गेंदबाजी पर गहरा अध्य्यन करने की आवश्यकता होगी। साथ ही कुछ भारतीय खिलाड़ियों जैसे पांड्या, युवराज और रहाणे के लिए रांची में खेला जाने वाला दूसरा मैच उनकी अग्निपरीक्षा होगा। चूंकि विराट कोहली अभी टीम से बाहर हैं और जब वह टीम में वापस आएंगे तो इन्हीं तीन में से एक को बाहर होना होगा। बहरहाल आगामी एशिया कप के लिए अंतिम एकादश की टिकट किसे मिलती है इसका फैसला श्रीलंका के खिलाफ होने वाले दोनोों मैच कर देंगे।
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