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Written by Cricket Country Staff
Last Published on - May 11, 2019 11:01 AM IST
मुंबई इंडियंस के खिलाफ पहले क्वालिफायर में हारने के बाद चेन्नई सुपर किंग्स के लिए फाइनल में पहुंचने का रास्ता और लंबा हो गया। फाइनल में जगह बनाने के दूसरे मौके की उम्मीद में चेन्नई का सामना दिल्ली कैपिटल्स से हुआ। विशाखापत्तनम के वाई एस राजशेखर रड्डी स्टेडियम में खेले गए दूसरे क्वालिफायर मैच में दिल्ली को 6 विकेट से हारकर चेन्नई ने आठवीं बार फाइनल में जगह बनाई।
मुकाबला शुरू होने से पहले श्रेयस अय्यर की अगुवाई वाली दिल्ली टीम क्रिकेट समीक्षकों की फेवरेट थी। वहीं चेन्नई टीम में शीर्ष बल्लेबाजी क्रम से लेकर डेथ ओवर तक कई परेशानियां थी। लेकिन महेंद्र सिंह धोनी की येलो आर्मी ने दूसरे क्वालिफायर मैच में सारी परेशानियों को सुलझा लिया और विजेता टीम के रूप में उभरी। मैच के दौरान सीएसके ने कई छोटे-छोटे मौकों का फायदा उठाया जो आखिर में जीत में अहम योगदान साबित हुए। ऐसे में कुछ फैक्टर्स के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
धोनी रीव्यू सिस्टम:
इस बात में कोई शक नहीं कि टॉस जीतना दोनों ही टीमों के लिए जरूरी था। लेकिन जब धोनी ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया तो विपक्षी कप्तानी अय्यर राहत में दिखे। अय्यर खुद भी पहले बल्लेबाजी करना चाहते थे। धोनी से जब समय पूछा गया कि टॉस जीतना कितना अहम है तो उन्होने कहा कि ये इस बात पर निर्भर करता है कि गेंदबाज कैसी शुरुआत करते हैं। चेन्नई के गेंदबाजों ने भी अपने कप्तान को निराश नहीं किया। पहले दो ओवरों में 20 रन जाने के बाद तीसरे ओवर में दीपक चाहर ने पृथ्वी शॉ को आउट कर सीएसके को पहली सफलता दिलाई। हालांकि इस विकेट का श्रेय गेंदबाज के साथ साथ सही डीआरएस कॉल लेने वाले कप्तान धोनी को भी जाता है।
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तीसरे ओवर की तीसरी गेंद पर पुल शॉट खेलने की कोशिश में शॉ बीट हुए और चाहर ने एलबीडब्ल्यू की अपील की जिसे फील्ड अंपायर ने नकार दिया। धोनी ने रीव्यू लिया और तीसरे अंपायर ने आउट का फैसला दिया, शॉ को 5 रन पर पवेलिन लौटना पड़ा। चेन्नई के लिए ये विकेट काफी अहम साबित हुआ। गौरतलब है कि फील्डिंग करते हुए धोनी ने आईपीएल 2019 में सात बार डीआरएस का इस्तेमाल किया और तीन बार फील्ड अंपायर के फैसले को बदला है।
स्पिनर्स का कमाल:
धोनी ने दिल्ली के खिलाफ मैच में चौथे ही ओवर में स्पिनर को अटैक में ले आए। चौथे ओवर से अटैक में आए हरभजन सिंह ने अपने दूसरे ही ओवर में शिखर धवन को आउट कर दिल्ली को बड़ा झटका। ये पहला मौका नहीं था जब धवन भज्जी के शिकार बने हों। धोनी भी ये बात जानते थे और इसी वजह से हरभजन को जल्दी अटैक में लाए थे, जिसका उन्हें सकारात्मक नतीजा मिला। दोनों सलामी बल्लेबाजों के पावरप्ले में आउट होने दिल्ली बैकफुट पर चली गई।
हरभजन के बाद रविंद्र जडेजा ने भी अपना कमाल दिखाया। जडेजा ने भी अपने स्पेल के दूसरे ओवर में खतरनाक लग रहे कॉलिन मुनरो को आउट किया। लगातार बड़े शॉट खेल रहे मुनरो जडेजा के खिलाफ स्वीप शॉट लगाने में नाकाम रहे और ड्वेन ब्रावो ने स्क्वायर लेग में अच्छा कैच पकड़ मुनरो को पवेलियन भेजा।
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चेन्नई के तीसरे और सबसे सफल स्पिनर इमरान ताहिर भी पीछे नहीं रहे। 10वें ओवर से अटैक में आए ताहिर ने 12वें ओवर में विपक्षी कप्तान अय्यर को अपना शिकार बनाया। ओवर की तीसरी गेंद पर अय्यर स्लॉग स्वीप खेलने की कोशिश में बल्ले का ऊपरी किनारा लगा बैठे और प्वाइंट पर सुरेश रैना एक बेहतरीन कैच पकड़ा। चेन्नई के तीनों स्पिन गेंदबाजों ने बीच के ओवरों में आकर लगातार विकेट निकाले और दिल्ली को वापसी का मौका नहीं दिया।
वाटसन-डु प्लेसिस की साझेदारी:
गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के दम पर दिल्ली को 147 के स्कोर पर रोकने के बाद चेन्नई को जरूरत थी अच्छी शुरुआत की, जो उन्हें शेन वाटसन और फाफ डु प्लेसिस ने दिलाई। दोनों ही विदेशी बल्लेबाजों के लिए 12वां सीजन अच्छा नहीं जा रहा था। एक-दो अर्धशतकीय पारियों के अलावा वाटसन और डु प्लेसिस निरंतरता नहीं दिखा पा रहा थे। लेकिन जब बड़े मैच में टीम को जरूरत पड़ी थी तो इन दोनों खिलाड़ियों ने अपने अनुभव का कमाल दिखाया।
ट्रेंट बोल्ट के पहले ओवर में रन लेने की कोशिश में हुई लापरवाही के बाद वाटसन और डु प्लेसिस ने कोई गलती नहीं की। डु प्लेसिस ने तेज शुरुआत की ताकि दूसरे छोर पर वाटसन अपना समय ले पाएं। दोनों बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिए 81 रन जोड़े और अपने-अपने अर्धशतक पूरे किए। पावरप्ले के आखिरी ओवर में डु प्लेसिस ने इशांत शर्मा के खिलाफ लगातार तीन चौके जड़े और चेन्नई को 42/0 के स्कोर तक पहुंचाया।
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11वें ओवर में डु प्लेसिस के आउट होने तक वाटसन पूरी तरह सेट हो चुके थे। पहला विकेट गिरने के बावजूद उन्होंने रन रेट कम नहीं होने दिया और 12वें ओवर में कीमो पॉल के खिलाफ तीन छक्के और एक चौका लगाकर 25 रन बनाए। वाटसन और डु प्लेसिस की दिलाई मजबूत शुरुआत के बाद चेन्नई ने लगभग मैच पर कब्जा कर लिया। हालांकि आखिरी के ओवरो में सुरेश रैना और धोनी सस्ते में आउट हुए लेकिन दिल्ली के लिए तब तक काफी देर हो चुकी थी। 19वें ओवर में चौका लगातार ड्वेन ब्रावो ने चेन्नई को जीत दिलाई।
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