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एंड्रयु कैडिक समेत इन गेंदबाजों ने की थी सचिन को उकसाने की जुर्रत, मिला करारा जवाब

सचिन ने अपने करियर में कई मौकों पर बड़ से बड़़े गेंदबाजों को बखिया उधेड़ी है।

user-circle cricketcountry.com Written by Devbrat Bajpai
Last Updated on - February 27, 2017 4:45 PM IST

सचिन तेंदुलकर विश्व कप 2003 © Getty Images (File Photos)
सचिन तेंदुलकर विश्व कप 2003 © Getty Images (File Photos)

क्रिकेट में बल्लेबाजों पर गेंदबाजों द्वारा जुबानी हमला करना कोई नई बात नहीं है बल्कि ये सिलसिला तो कई दशकों से चला आ रहा है। दरअसल, ये गेंदबाज की चाल होती है ताकि वह बल्लेबाज को शारीरिक रूप से उग्र कर दे और गुस्से में आकर बल्लेबाज कुछ ऐसे शॉट खेले कि वह अपना विकेट गंवा दे। अगर क्रिकेट इतिहास में इस रणनीति की समीक्षा की जाए तो पता चलता है कि इसे सही तरीके से भुनाने में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी सबसे ज्यादा सफल हुए हैं। लेकिन यह भी सत्य है कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को कई बार भारतीय खिलाड़ियों के हाथों इस चाल के कारण मुंह की खानी पड़ी। खासकर सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलियाई व अन्य क्रिकेट खेलने वाले देशों की इस रणनीति को ध्वस्त ही नहीं किया बल्कि विपक्षी खिलाड़ियों को पछतावे में भी डाल दिया कि आखिर उन्होंने सचिन को उकसाने की गलती क्यों की। आपके साथ हम ऐसे ही कुछ चर्चित किस्से साझा करने जा रहे हैं।

1. मैक्ग्रेथ ने सीखा कि क्यों सचिन से नहीं लेना चाहिए पंगा: ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच साल 2001 में खेली गई बॉर्डर और गावस्कर ट्रॉफी को कई कारणों के लिए याद किया जाता है। यह बात चेन्नई में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच की है। इस टेस्ट मैच में सचिन शतक बनाकर खेल रहे थे। इसी बीच मैक्ग्रेथ अपने शब्दों के मायाजाल में सचिन को फंसाने की कोशिश करने लगे। दरअसल, मैक्ग्रेथ ने सचिन पर बाऊंसर फेंकी और उसके बाद मैक्ग्रेथ ने सचिन से कहा कि जरा हुक मार के तो दिखाओ। लेकिन इसके बावजूद सचिन ने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी और अपनी स्वभाविक क्रिकेट खेलते रहे। हालांकि जब मैक्ग्रेथ अपना अगला स्पैल लेकर आए तो सचिन ने आते ही पुल मारकर चौका जड़ दिया। उसके बाद सचिन ने मैक्ग्रेथ को दो कवर ड्राइव भी मारे और मैक्ग्रेथ अब अपना सा मुंह लेकर रह गए। अंततः भारत ने यह टेस्ट मैच जीत लिया और सचिन ने मैक्ग्रेथ को मजा भी चखा दिया। [ये भी पढ़ें: एमएस धोनी ने अपने पुराने दोस्तों के साथ किया डिनर]

2. जब सचिन ने मैकडरमोट को सिखाया सबक: साल 1992 में सिडनी टेस्ट में 148 रन ठोकते हुए सचिन ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। इसी बीच जब सचिन ने मैकडरमोट की गेंद पर चौका जड़ा तो उन्होंने चिढ़ते हुए कहा, “पर्थ में आओ मैं तुम्हें वहां देखता हूं।” शायद ही मैकडरमोट को तब पता था कि उनके उस आमंत्रण का उन्हें जल्द ही करारा जवाब मिलने वाला है। मैकडरमोट जो सिडनी में अच्छे खासे महंगे साबित हुए थे वह पर्थ टेस्ट में सचिन से बदला लेने के लिए बैठे थे। लेकिन जैसे ही मैकडरमोट ने सचिन को गेंद फेंकी सचिन ने उनकी गेंद पर छक्का जड़ दिया। अंततः सचिन ने इस टेस्ट में 114 रनों की पारी खेली। बाद में फिर कभी मैकडरमोट ने सचिन को छेड़ने की गुस्ताखी नहीं दिखाई।

3. जब मोईन खान को सचिन ने सिखाया सबक: यह बात साल 2004 की है जब एक टेस्ट मैच में भारत को जीतने के लिए पाकिस्तान को जल्द से जल्द ऑलआउट करने की जरूरत थी। इस दौरान बल्लेबाजी कर रहे थे मोईन खान और गेंदबाजी कर रहे थे सचिन तेंदुलकर। इसी बीच मोईन ने सचिन से कहा, “आज तो मैं तुझे छक्का मारूंगाा, इसी बीच सचिन ने अपने टीम के खिलाड़ियों से कहा, “देखो मैं इसे पहले भी आउट कर चुका हूं और आज भी आउट करूंगा।” सचिन ने मोईन से कहा, “चलो मार के दिखाओ।” इसी बीच सचिन ने अपने टीम के खिलाड़ियों से सहा कि रज्जाक को सिंगल लेने दो ताकि मोईन स्ट्राइक पर आ जाएं। उस दिन अपनी अंतिम गेंद सचिन ने गुगली डाली और मोईन खान को क्लीन बोल्ड कर दिया। यह गेंदबाज अपने आपमें अजूबा थी। इस तरह मोईन खान का घमंड चूर चूर हो गया।

4. सचिन का एंड्रयु कैडिक को खूबसूरत जवाब: साल 2003 में डरबन में जब भारत और इंग्लैंड का मुकाबला होना था तो उसके पहले इंग्लैंड के गेंदबाज एंड्रयु कैडिक ने कहा, “भारतीय टीम कभी भी अच्छी नहीं रही। वे दोनों गेंदबाजी और बल्लेबाजी में प्रभावित करने में नाकामयाब रहे हैं।” वहीं सचिन के बारे में कैडिक ने कहा, “सचिन ने जरूर इतने शतक बनाए हैं लेकिन वह बढ़िया नहीं खेलते और वह अन्य भारतीय बल्लेबाजों जैसे ही हैं।” सचिन ने इस मैच में जबरदस्त बल्लेबाजी की और खासकर कैडिक को निशाना बनाया। सचिन ने इस मैच में अर्धशतक जमाया जिसमें 8 चौके और एक छक्का शामिल था। साथ ही कैडिक महंगे साबित हुए और उन्होंने कुल 69 रन लुटा दिए। इस तरह कैडिक को उनका जवाब मिल गया।

5. सचिन का कादिर को करारा जवाब: पेशावर में भारत और पाकिस्तान के बीच मैच खेला जा था। पाकिस्तानी स्पिनर मुश्ताक अहमद ने 16 साल के सचिन तेंदुलकर को गेंद डाली और सचिन ने आगे बढ़कर छक्का लगा दिया। ओवर खत्म होने पर दूसरे पाकिस्तानी गेंदबाज अब्दुल कादिर, मुश्ताक के पास आए और बोले, ”क्या यार तुम तो एक बच्चे से छक्का खा गए। देखो मैं बताता हूं कि इस बच्चे को कैसे गेंद डाली जाती है.”

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सचिन ही सचिन…..हर जगह स्टेडियम में छाया हुआ था। कादिर ने बड़े जोश और खरोश से उस ‘बच्चे’ को गेंद डाली लेकिन अब बारी कादिर की थी। बच्चे ने लगातार छक्के लगाए और ओवर में तीन छक्के लगाकर कादिर को हैरान परेशान कर दिया। आखिरकार कादिर ने ताली बजाई और हाथ जोड़कर सचिन को प्रणाम किया।