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CoA ने महिला टीम के कोच रमन की नियुक्ति की समीक्षा करने को कहा

रमन को पिछले साल दिसंबर में पूर्व क्रिकेटरों कपिल देव, अंशुमान गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी की तदर्थ समिति ने विवादास्पद हालात में नियुक्त किया था।

user-circle cricketcountry.com Written by Press Trust of India
Last Published on - July 24, 2019 7:43 PM IST

भारतीय क्रिकेट का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डीके जैन को राष्ट्रीय महिला टीम के मुख्य कोच डब्ल्यूवी रमन की नियुक्ति की समीक्षा करने को कहा है।

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सीओए ने सैद्धांतिक रूप से अप्रैल में ही रमन की नियुक्ति की समीक्षा करने का फैसला किया था लेकिन उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जैन को कुछ दिन पहले ही उन्होंने यह मामला भेजा है।

रमन को तदर्थ समिति ने विवादास्‍पद हालात में कोच बनाया था

पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज रमन को पिछले साल दिसंबर में पूर्व क्रिकेटरों कपिल देव, अंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी की तदर्थ समिति ने विवादास्पद हालात में नियुक्त किया था।

सीओए उस समय दो सदस्यीय समिति थी और इसके अध्यक्ष विनोद राय और डायना इडुल्जी के बीच कोच चयन प्रक्रिया को लेकर गंभीर मतभेद थे। लेफ्टिनेंट जनरल रवि थोडगे के शामिल होने के बाद अब यह समिति तीन सदस्यीय हो गई है।

तब इडुल्‍जी ने चयन प्रकिया को असंवैधानिक करार दिया था

इडुल्जी ने कोच चयन प्रक्रिया को दिखावटी और ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए कहा था कि कोच चुनने की जिम्मेदारी सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएससी) को दी जानी चाहिए थी।

फिर तदर्थ समिति को पुरुष टीम के मुख्‍य कोच चयन की जिम्‍मेदारी दी जा सकती है

सीएसी अभी काफी हद तक निष्क्रिय है और ऐसे में एक बार फिर कपिल, गायकवाड़ और रंगास्वामी की तदर्थ समिति को पुरुष टीम के मुख्य कोच के चयन की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है जिसके लिए आवेदन मंगाए गए हैं।

नए संविधान के अनुसार सिर्फ सीएसी को ही कोच चुनने का अधिकार है लेकिन सीओए को गांगुली और लक्ष्मण को लेकर उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का इंतजार है जिन्हें जैन ने क्रिकेट में कई भूमिकाओं में से एक को चुनने को कहा है।

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बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ‘तदर्थ समिति अगर दोबारा राष्ट्रीय कोच चुनती है तो स्थिति पेचीदा हो सकती है, जैसा कि रमन के मामले में हुआ। तार्किक यह है कि गांगुली और लक्ष्मण के मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का इंतजार किया जाए और फिर आगे की प्रक्रिया पर फैसला किया जाए।’

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अधिकारी ने कहा, ‘अगर तदर्थ पैनल एक बार फिर कोच चुनता है तो यह हितों के टकराव का संभावित मामला हो सकता है क्योंकि कपिल और रंगास्वामी दोनों भारतीय खिलाड़ी संघ के गठन से जुड़े हैं।’