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कप्तान बनकर इंग्लैंड का इतिहास बदलेंगे Ben Stokes, बोले- मैं विश्वास पर खरा उतरूंगा
बेन स्टोक्स से पहले दो महान ऑलराउंडरों ने इंग्लैंड की टेस्ट टीम की कमान संभाली है लेकिन दोनों का ही रिकॉर्ड बेहद निराशाजनक रहा है. ऐसे में स्टोक्स की कप्तानी पर भी चिंताएं हैं.
Written by India.com Staff
Last Published on - May 3, 2022 9:06 PM IST

जो रूट (Joe Root) के टेस्ट टीम की कमान छोड़ने के बाद इंग्लैंड के नवनियुक्त कप्तान बने स्टार ऑलराउंडर बेन स्टोक्स (Ben Stokes) ने उम्मीद जताई है कि वह उम्मीदों पर खरा उतरेंगे. इससे पहले इंग्लैंड की टेस्ट टीम की कमान जब भी ऑलराउंडर खिलाड़ियों को सौंपी गई है, टीम को सबसे बुरे प्रदर्शनों से जूझना पड़ा है. लेकिन स्टोक्स मानते हैं कि यह तुलना गलत है और वह चीजों को बदलने में सफल रहेंगे.
स्टोक्स ने पिछले हफ्ते इंग्लैंड की टेस्ट टीम की कप्तानी स्वीकार की जिससे चिंताएं बढ़ गई हैं कि उन पर कप्तानी का बोझ हावी हो सकता है. क्योंकि पहले ही उन पर उम्मीदों का काफी बोझ है. इससे अलावा उन पर एक दबाव यह भी होगा कि वह इस मिथक को तोड़े कि इंग्लैंड की टेस्ट टीम की कप्तानी कोई ऑलराउंडर करता है तो टीम को सफलता नहीं मिलती.
अतीत में इंग्लैंड केदो महान हरफनमौलाओं इयान बॉथम और एंड्रयू फ्लिंटॉफ को टेस्ट टीम की कमान संभालने के बाद जूझना पड़ा था. इंग्लैंड की टीम 1980-81 में बॉथम की कप्तानी में खेले 12 टेस्ट में से एक में भी जीत दर्ज नहीं कर पाई थी. इसके बाद टीम ने 2006-07 में फ्लिंटॉफ की अगुआई में खेले 11 टेस्ट में से सिर्फ दो में जीत दर्ज की, जबकि इस दौरान ऑस्ट्रेलिया में एशेज सीरीज 0-5 से गंवाई.
फ्लिंटॉफ के बाद टीम की कमान संभालने वाले पहले ऑराउंडर स्टोक्स ने हालांकि इस तुलना को खारिज कर दिया. मंगलवार को इंग्लैंड के नए टेस्ट कप्तान के रूप में मीडिया के सामने पेश स्टोक्स ने कहा, ‘जब मैं 18 बरस का था तब से मुझे एंड्रयू फ्लिंटॉफ और सर इयान बॉथम के ठप्पे के साथ जीना पड़ रहा है. लेकिन मैंने हमेशा से कहा है कि मैंने कभी एंड्रयू फ्लिंटॉफ या सर इयान बॉथम बनने की कोशिश नहीं की. मैं बेन स्टोक्स हूं.’
शारीरिक और मानसिक बोझ से जुड़ा सवाल हालांकि स्टोक्स को लेकर व्यावहारिक है. तीस साल के स्टोक्स मानसिक स्वास्थ्य कारणों तथा अपने बेहतर स्वास्थ्य के कारण 2021 के अधिकांश सत्र से बाहर रहे. इस दौरान वह अंगुली के दो आपरेशन से भी उबर रहे थे.
अब मीडिया की नजरें उन पर होगी और उनकी फॉर्म तथा मैदान में उनके फैसलों के अलावा मैदान के अंदर और बाहर उनके आचरण की लगातार समीक्षा होगी. स्टोक्स ने हालांकि कहा कि पिछले साल के अनुभव से उन्हें मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा, ‘मानसिक स्वास्थ्य को लेकर हमेशा नकारात्मक अहसास होता है लेकिन मैंने ब्रेक लिया, लोगों से बात की और ऐसा करना जारी रखूंगा. मैं अब इस भूमिका में हूं और इसे सकारात्मक रूप से देखता हूं. पिछले सत्र में जिस चीज से मैं गुजरा और इससे भी पहले, मुझे काफी अनुभव है कि जीवन में आपको किन चीजों का सामना करना पड़ सकता है.’
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(इनपुट: भाषा)