Bharat Malhotra
Bharat Malhotra अभी cricketcountry.com/hi की टीम की अगुआई कर रहे हैं. भारत के पास डिजिटल मीडिया का 16 साल का अनुभव है. करियर की विधिवत श ...Read More
Written by Bharat Malhotra
Last Published on - May 25, 2022 8:28 AM IST
गुजरात टाइटंस ने राजस्थान रॉयल्स को सात विकेट से हराकर इंडियन प्रीमियर लीग 2022 के फाइनल में जगह बना ली। मंगलवार को कोलकाता के ईडन गार्डंस मैदान पर खेले गए मैच में पहली बार आईपीएल में भाग ले रही गुजरात की टीम ने 190 रनों का लक्ष्य 3 गेंद बाकी रहते हासिल कर लिया। गुजरात की जीत के नायक रहे साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज डेविड मिलर और कप्तान हार्दिक पंड्या। ‘मिलर द किलर’ के नाम से मशहूर बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 38 गेंद पर 68 रन की नाबाद पारी खेली। इसमें उन्होंने तीन चौके और पांच छक्के लगाए। इसके अलावा हार्दिक ने भी 27 गेंद पर नाबाद 40 रन बनाए।
राजस्थान की टीम को शायद इस बात का अहसास काफी पहले हो गया था कि मिलर उनके लिए कितने खतरनाक हो सकते हैं। तभी तो उसने उन्हें अपनी टीम में शामिल करने की पूरी कोशिश की, लेकिन बाजी उसके हाथ नहीं लगी। इसे भी पढ़ें- हार्दिक पंड्या ने टपकाया कैच
पिछले दो सीजन मिलर ने राजस्थान के लिए खेले थे। और दोनों बार उन्हें 75-75 लाख रुपये मिले थे। लेकिन इस बार महानीलामी से पहले राजस्थान ने मिलर को रिलीज कर दिया था। हालांकि उसे मालूम थी मिलर की काबिलियत। तभी तो उसने इस धाकड़ बल्लेबाज को अपनी टीम में दोबारा शामिल करने की पूरी कोशिश की।
बात हो रही है नीलामी के दिनों की। फरवरी में दो दिन चली नीलामी में मिलर 1 करोड़ रुपये के बेस प्राइस के साथ टीम टेबल पर आए। राजस्थान ने देर नहीं की और फौरन बोली लगाई। और इसके बाद गुजरात ने 1 करोड़ 10 लाख की बोली लगाकर अपने इरादे जाहिर किए। राजस्थान ने फिर 10 लाख बढ़ा दिए। और गुजरात ने भी। इसी तरह नीलामी बढ़ती जा रही थी। कमाल की बात यह थी कि इन दोनों के अलावा तीसरी कोई टीम मिलर को खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही थी। नीलामी टेबल पर बैठे दोनों टीमों के प्रतिनिधि जानते थे कि मिलर जरूरत पड़ने पर कितने कमाल के साबित हो सकते हैं। इसे भी पढ़ें- गुजरात ने जीती बाजी, देखिए क्या बने रिकॉर्ड
आखिर 3 करोड़ की बोली लगाकर गुजरात टाइटंस ने मिलर को अपनी टीम में शामिल किया। राजस्थान ने 2.80 करोड़ रुपये की आखिरी बोली लगाई। मिलर गुजरात में पहुंचे।
और पहले क्वॉलिफायर में उनके सामने थी उनकी पुरानी टीम राजस्थान रॉयल्स। वह रॉयल्स, जिसने रणनीतिक फैसला लेते हुए मिलर को नीलामी से पहले रिलीज किया था, लेकिन दोबारा खरीदने की पूरी कोशिश भी की। पर दांव नहीं फिट बैठा। पर उस दिन शायद राजस्थान को इस बात का अहसास नहीं होगा कि मिलर को छोड़ना उनके लिए इस कद्र भारी पड़ेगा।
आखिरी ओवर में गुजरात को 16 रन चाहिए थे। राजस्थान ने प्रसिद्ध कृष्णा को गेंद थमाई। अपनी सटीक यॉर्कर और रफ्तार से पहचान बना चुके कृष्णा के लिए मिलर की आर्क से दूर रहना जरूरी था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। और फिर वही हुआ जो इस खिलाड़ी ने एक इंटरव्यू में कहा था- When it is the arch it is out of the park. When it is in the V it’s on the tree. यानी गेंद जब मेरे बल्ले के आर्क में होगी तो यह मैदान से बाहर होगी और जब यह सीधी होगी तो सामने पेड़ पर होगी। मिलर ने वही किया जो कार्लोस ब्राथवेट ने किया था- 6, 6, 6 और मैच खत्म। राजस्थान के खेमे में वह तस्वीर चल रही होगी जो हैमर पड़ते ही कहा गया हो- डेविड मिलर, 300 लाख, सोल्ड टू गुजरात टाइटंस।
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