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मुझे कार चाहिए थी, मैं इसे सिर्फ अपने खेल के सहारे पा सकता था: हार्दिक पांड्या

पिछले दिनों हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या के बीच ट्विटर हुए झगड़े के बारे में बातें सुनने को मिली थीं। इसके बारे में बात करते हुए हार्दिक ने कहा, "वह एक प्रोमोशनल चीज थी।"

user-circle cricketcountry.com Written by Devbrat Bajpai
Last Published on - May 26, 2017 10:19 AM IST

क्रुणाल पांड्या और हार्दिक पांड्या  © BCCI
क्रुणाल पांड्या और हार्दिक पांड्या © BCCI

साल 2017 आईपीएल में हार्दिक पांड्या मुंबई इंडियंस के लिए ट्रंप कार्ड साबित हुए। उन्होंने निचले क्रम में आकर धमाकेदार बल्लेबाजी का मुजाहिरा पेश किया और कई मैचों में मुंबई की जीत में अहम भूमिका निभाई। पांड्या साल 2015 से आईपीएल में खेल रहे हैं। लेकिन 2017 उनके लिए इस टूर्नामेंट का सबसे बढ़िया साल रहा। उन्होंने 17 मैचों में 9 बार नॉट आउट रहते हुए 35.71 की औसत और 156.25 के स्ट्राइक रेट से 250 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 20 छक्के भी लगाए। हार्दिक पांड्या के लिए आईपीएल 2016 बेहद खराब रहा था और वह 11 मैचों में 6.28 की बेहद खराब औसत से 44 रन ही बना पाए थे। जाहिर है इतने खराब प्रदर्शन के बाद अपने आपको उबार पाना कठिन होता है लेकिन उन्होंने साल 2017 आईपीएल में आते ही कमाल कर दिया।

उल्लेखनीय है कि पांड्या को साल 2015 में मुंबई इंडियंस ने 10 लाख रुपए की रकम के साथ खरीदा था और आते ही उन्होंने अपनी तूफानी बल्लेबाजी और बीच के ओवरों में गेंदबाजी से सबको मुरीद बना लिया था। हाल ही में एक अंग्रेजी अखबार के साथ इंटरव्यू में हार्दिक पांड्या ने अपनी जिंदगी के कई पहलुओं के बारे में बातचीत की।

हार्दिक पांड्या को कार और फैंसी चीजों की चाहत ने बनाया क्रिकेटर: क्रिकेट में आने के बाद कैसे हार्दिक पांड्या और उनके परिवार के हालात सुधरे। इसके बारे में बातचीत करते हुए हार्दिक ने कहा, “एक परिवार के तौर पर हमने बैठकर इस बारे में ज्यादा बातचीत नहीं की। हम बस जानते थे कि चीजें बदलने वाली हैं। क्रुणाल और मुझे अपने ऊपर खासा विश्वास था। मैं उससे ज्यादा महत्वाकांक्षी था। मैंने हमेशा से बड़े सपने देखे थे। मुझे हमेशा से कार, फैंसी चीजें चाहिए थीं। उन्हें मैं सिर्फ एक माध्यम से प्राप्त कर सकता था वो था मेरा खेल। वह मेरा जुनून था इसलिए मुझे मदद मिली। उन दिनों मैं ज्यादातर समय तक मैदान पर रहता था। यह मैंने तब किया जब मैं 16 से 20 की उम्र के पड़ाव में था।”

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“मैदान में रहने के बाद मैं इतना थक जाता था कि मेरे पास इतनी ताकत ही नहीं रहती थी कि मैं आर्थिक समस्याओं के बारे में सोचूं। एक समय ऐसा भी था जब हम भगवान से पूछा करते थे, “हम क्यों? सिर्फ हमें ही क्यों समस्याएं होती हैं? हमने क्या किया है।” लेकिन यह करीब दो से तीन मिनट में खत्म हो जाता था। इसके बाद जुगाड़ू लड़कों की तरह, हम चीजों को सुलझा लिया करते थे। कई बार तो मैं पैसे न होने के कारण दोस्तों के साथ नहीं जाता था क्योंकि मैं उनके सामने शर्मिंदा नहीं होना चाहता था कि मैं उनसे कहूं कि मेरे पास पैसे नहीं है तुम दे दो।”

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ट्विटर में बड़े भाई क्रुणाल पांड्या के साथ झगड़े के बारे में बोले हार्दिक पांड्या: पिछले दिनों हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या के बीच ट्विटर हुए झगड़े के बारे में बातें सुनने को मिली थीं। इसके बारे में बात करते हुए हार्दिक ने कहा, “वह एक प्रोमोशनल चीज थी। हम दोनों को इस बारे में पता नहीं था। हमारे मैनेजर ने उसे पोस्ट किया था। मेरे और क्रुणाल के बीच ऐसा मनमुटाव कभी नहीं हो सकता। लोगों को लगता है कि क्रुणाल और मुझमें मैं बेहतर हूं। मैंने कभी इस तुलना की परवाह नहीं की। क्रुणाल ने कभी न इस बारे में सोचा या कहा कि मैं गलत कर रहा हूं। उसके और मेरे माता-पिता के लिए मैं हमेशा से परफेक्ट था और यही लोग हैं जिनकी बातों की मैं परवाह करता हूं। क्रुणाल मुझे भीतर किसी और से बेहतर जानता है और इसलिए मुझे महसूस होता है कि जो मैं कर रहा हूं वह सही है। समय के साथ मैंने एक चीज सीखी है कि अगर लोगों को मुझे समझना है तो मुझे ज्यादा सयंमित रहने की जरूरत है बजाय अपने आप में रहने वाले लड़के की।”