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भारतीय तेज आक्रमण में भुवी की कमी को पूरा करने का माद्दा: गॉफ

भारतीय टीम अब वैसी टीम नहीं है जो एक या दो गेंदबाजों पर निर्भर रहे।

user-circle cricketcountry.com Written by Press Trust of India
Published: Jul 29, 2018, 05:24 PM (IST)
Edited: Jul 29, 2018, 05:27 PM (IST)

इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज डेरेन गॉफ को लगता है कि भारतीय तेज आक्रमण में इतना दमखम है कि वे एक अगस्त से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज में भुवनेश्वर कुमार  और जसप्रीत बुमराह की कमी को पूरा कर सकें।

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गॉफ ने कहा कि भुवनेश्वर (पहले तीन टेस्ट) और बुमराह (पहला टेस्ट) की गैरमौजूदगी में भी कप्तान विराट कोहली के पास तेज और स्पिन गेंदबाजी विभाग में कई विकल्प मौजूद है जो किसी भी पिच पर प्रभावी गेंदबाजी कर सकते हैं।

गॉफ ने कहा, ‘भुवनेश्वर का टीम में नहीं होना बड़ी क्षति है और वह चोटिल होने के कारण वनडे सीरीज में लय में नहीं थे। भारतीय टीम अब वैसी टीम नहीं है जो एक या दो गेंदबाजों पर निर्भर रहे। पहले वह अनिल कुंबले, जवागल श्रीनाथ और जहीर खान पर काफी निर्भर रहते थे, लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है और वे टेस्ट सीरीज के लिए तैयार हैं।’

उन्होंने कहा, ‘आप घरलू मैदान पर खेल रहे हो या बाहर आज के दौर में आपको भारत को हराने के लिए अपने खेल के शीर्ष पर रहना होगा क्योंकि उनकी गेंदबाजी में सबकुछ मौजूद हैं। भुवनेश्वर के पास स्विंग है , बुमराह गेंद को स्कीड कराते है, उमेश यादव के पास गति के साथ गेंद को मूव कराने की क्षमता है, मोहम्मद शमी मजबूत है और जोर लगा कर गेंद को पिच पर टप्पा दिलाते है और इशांत शर्मा अनुभवी और आक्रामक है जो लंबी स्पेल डाल सकते हैं।’

‘कुलदीप के आने से स्पिन अटैक हुआ मजबूत’

डेरेन गफ ने कहा, ‘इन सब से ऊपर आपके पास तीन शानदार स्पिनर हैं। रविचंद्रन अश्विन को भारतीय पिचों पर खेलना लगभग नामुमकिन है, रविन्द्र जडेजा लगातार विकेट झटकते रहते हैं और कुलदीप यादव ने खुद को इंग्लैंड में साबित किया है। टीम का चयन आसान नहीं होगा, भारतीय टीम प्रबंधन को मेरी शुभकामनाएं क्योंकि किसी ना किसी को नाराज होना होगा।’

‘इंग्‍लैंड के पास विकल्‍प नहीं था’

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इंग्‍लैंड के पूर्व पेसर ने कहा गॉफ ने कहा, ‘टेस्ट टीम में उनका (राशिद) चयन नहीं होना चाहिए क्योंकि उसने लंबे प्रारूप में खेलना छोड़ दिया था। जब उसने घरेलू सत्र की शुरुआत में यार्कशर को बीच मझधार में छोड़ा तो मैं निराश था। मुझे लगता है कि अगर उसने लाल गेंद से थोड़ी ज्यादा मेहनत की होती तो वह इंग्लैंड की टेस्ट टीम का नियमित सदस्य होता। इसमें कोई शक नहीं की वह इंग्लैंड का सर्वश्रेष्ठ स्पिनर है। लेकिन मैं उससे (प्रथम श्रेणी क्रिकेट के प्रति रवैये से) निराश हूं।’