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IPL में अच्छा प्रदर्शन कर टी20 विश्व कप टीम में जगह बनाना चाहते हैं उमेश यादव

13वें आईपीएल सीजन में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का हिस्सा रहे उमेश यादव 14वें सीजन में दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेलेंगे।

user-circle cricketcountry.com Written by Cricket Country Staff
Last Published on - April 3, 2021 1:34 PM IST

भारतीय तेज गेंदबाज उमेश यादव का कहना है कि आगामी इंडियन प्रीमियर लीग सीजन में उनका प्रदर्शन टीम इंडिया के सीमित ओवर फॉर्मेट स्क्वाड में वापसी करने में अहम साबित होगा। यादव आईपीएल के 14वें सीजन में दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेलते नजर आएंगे।

9 अप्रैल से शुरू होने वाले सीजन से पहले ईएसपीएनक्रिकइंफो से टीम इंडिया के वापसी के बारे में बातचीत करते हुए यादव ने कहा, “मुझे लगता है कि ये मेरे प्रदर्शन पर निर्भर करता है। अगर मैं इस साल आईपीएल में अच्छा करता हूं, मैं सीमित ओवर फॉर्मेट के लिए राष्ट्रीय टीम में चुना जा सकता हूं। मुझे लगता है कि अगर मैं भारत के लिए सीमित ओवर फॉर्मेट क्रिकेट खेलना चाहता हूं तो आईपीएल मेरे लिए बेहद अहम है।”

उन्होंने कहा, “इस वजह से मैं बहुत ज्यादा आगे की नहीं सोच रहा हूं। अगर आप अच्छा करते हैं तो आप ध्यान जाता है, जिसके बाद ये फैसला लिया जाएगा कि आप विश्व कप टीम का हिस्सा बनेंगे या नहीं। इसलिए अब मेरा लक्ष्य आईपीएल में अच्छा करना है। साथ ही अगर आपको सीमित ओवर फॉर्मेट टीम में जगह बनानी है तो आपको राष्ट्रीय टीम में मौजूद तेज गेंदबाजों से अच्छा करना होगा।”

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भारत के लिए 48 टेस्ट मैच खेल चुके यादव का कहना है कि वो अगले दो-तीन सालों तक क्रिकेट खेल सकते हैं। उन्होंने कहा, “जहां तक मेरे करियर की बात है, भगवान का शुक्र है कि मुझे ज्यादा चोटें नहीं लगी हैं। और एक तेज गेंदबाज के तौर पर ये काफी अच्छा है चूंकि एक बार कोई तेज गेंदबाज नियमित अंतराल में चोटिल होने लगता है तो वो संघर्ष करने लगता है और उसका करियर घट जाता है।”

उमेश ने कहा, “इंजरी के बाद, रिकवरी होती है और फिर रीहैब जिसमें काफी समय लगता है, जिससे आप वापसी नहीं कर पाते है। लेकिन मैंने इंजरी के दौरान बहुत कम समय गंवाया है जिससे मुझे अपने करियर को बढ़ाने में मदद मिली है। इसलिए मुझे अपने गति के साथ भी ज्यादा समझौते नहीं करने पड़े हैं।”

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भारतीय गेंदबाज ने आगे कहा, “मैं 33 साल का हूं और मुझे पता है कि मैं अपने शरीर को अगले 2-3 सालों तक खींच सकका हूं। कई युवा खिलाड़ी खेलने के लिए आएंगे। मुझे लगता है कि ये स्वस्थ्य (प्रतिद्वंद्विता) है क्योंकि इससे आखिरी में टीम को ही फायदा मिलता है। जब एक चार या पांच टेस्ट मैच के दौरे के लिए आपके पास पांच या छह तेज गेंदबाज होते हैं, तो आप वर्कलोड मैनेज करने के लिए हर एक को दो मैच खिला सकते हैं। इससे पूरे समूह को फायदा मिलता है। हर गेंदबाज को सपोर्ट मिलता है, हर कोई अपना सर्वश्रेष्ठ देता है और इसलिए जो भी अपना सर्वश्रेष्ठ करता है उसे मौके मिलते रहेंगे।”