Gunjan Tripathi
गुंजन त्रिपाठी क्रिकेटकंट्री हिंदी की रिपोर्टर हैं
Written by Gunjan Tripathi
Last Published on - June 12, 2018 10:07 AM IST
भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपरकिंग्स ने हाल ही में तीसरी बार आईपीएल खिताब पर कब्जा किया है। आईपीएल के 11वें सीजन में कप्तानी के साथ बतौर बल्लेबाज भी धोनी ने शानदार प्रदर्शन किया है। टूर्नामेंट की शुरुआत होने से पहले ही धोनी ने तय कर लिया था कि वो बल्लेबाजी क्रम में ऊपर खेलेंगे क्योंकि निचले क्रम में बल्लेबाजी करना अब उनके लिए दलदल के समान है। 36 साल के हो चुके धोनी ने स्टार री-इमेजिन अवार्ड समारोह के दौरान कहा, “जहां आईपीएल की बात आती है, तो शुरुआत टीम बनाने से होती है। मैने सोच रखा था कि मैं ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करूंगा, क्योंकि उम्र के साथ निचले क्रम में बल्लेबाजी करना मेरे लिए दलदल के समान है।”
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धोनी ने सीएसके के बल्लेबाजी क्रम को इस तरह सेट किया कि उनके आउट होने के बाद भी बल्लेबाजी क्रम में गहराई रहे। कप्तान ने कहा, “मैं मैच जिताने की जिम्मेदारी लेना चाहता था लेकिन मैं इतना नीचे आकर खेलता था कि मैं खुद को पूरा मौका नहीं दे रहा था। निचले क्रम में बल्लेबाजी करना मेरे लिए दलदल के जैसा था, जितना मैं बचने की कोशिश करता, उतना ही फंसता जाता। इसलिए मैने सोचा कि मैं ऐसी टीम तैयार करूंगा जिसकी बल्लेबाजी में गहराई हो और मेरे लिए ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करने का मतलब तीन, चार या पांच नंबर से नहीं है, मेरा मतलब ओवरों से हैं। हां, जब अंबाती रायुडू चार नंबर पर बल्लेबाजी करने लगा तो मुझे उसे वो जगह देनी पड़ी क्योंकि वो हमारा लीडिंग रन स्कोरर था। इसलिए अगर उसे टीम की जरूरत के हिसाब से बल्लेबाजी करनी होती तो वो चार नंबर पर ही खेलता क्योंकि वो जगह उसके लिए सही थी।”
मौजूदा समय में धोनी भारतीय टीम के सबसे फिट खिलाड़ियों में से एक हैं। धोनी ने् पिछले कुछ सालों में अपनी फिटनेस रूटीन और डायट में बहुत बदलाव किया है, इस बारे में बात करते हुए धोनी ने कहा, “फिटनेस की तैयारी कुछ साल पहले ही शुरू हो गई थी, जब मैने टेस्ट छोड़ा था। अपने डेब्यू के समय में बटर चिकन, नान, मिल्कशेक और खूब सारी चॉकलेट खाता था।”
धोनी जानते हैं कि मध्य क्रम में खेलते हुए वो आक्रामक होकर बल्लेबाजी कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “मैं ऊपरी क्रम में इसलिए बल्लेबाजी करना चाहता था क्योंकि जब मैं बल्लेबाजी करने जाता हूं तो मैं आक्रामक होकर खेलना पसंद करता हूं। इसलिए अगर मैं आउट भी हो जाता हूं तो दूसरे खिलाड़ियों के पास मैच खत्म करने का मौका रहेगा। उन्हें भी दबाव में खेलने का मौका मिलता।”
अंबाती रायुडू और धोनी के साथ शेन वाटसन, ड्वेन ब्रावो और सुरेश रैना ने चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए इस सीजन लगातार रन बनाए। शीर्ष और मध्य क्रम के बल्लेबाजों के लगातार अच्छे प्रदर्शन से टीम को कभी निचले क्रम की परीक्षा करने की जरूरत नहीं पड़ी। इस बारे में कैप्टन कूल ने कहा, “अच्छी बात ये रही कि हमे इस आईपीएल में अपनी पूरी बल्लेबाजी को इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि वाटसन, रैना, रायडू, मैं और ब्रावो हमने लगातार रन बनाए और इससे हमे काफी मदद मिली। लेकिन मेरी योजना शुरुआत से ही ऐसी टीम बनाने की थी जिसकी बल्लेबाजी में गहराई हो और जो मुझे मैदान पर जाकर अपने आप को साबित करने का पूरा मौका दे।”
भारतीय टीम की कप्तानी करते समय धोनी कोई भी ट्रॉफी जीतने के बाद उसे तुरंत ही टीम को सौंप देते थे और खुद एक कोने में खड़े हो जाते थे। सीएसके टीम में भी धोनी ऐसा ही करते हैं। इसके पीछे की वजह के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “ऐसा टीम स्पोर्ट खेलना बेमानी है जहां कप्तान जाता है और ट्रॉफी उठाता है। ट्रॉफी से चिपके रहने का कोई मतलब नहीं है। पूरी टीम ने अच्छा खेला है, किसी एक ने नहीं। कई युवा खिलाड़ी भी ऐसा करना चाहते हैं।”
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