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On This Day: इस दिन के बाद से क्रिकेट जगत ने छोड़ दिया था वेस्टइंडीज की टीम को हल्के में लेना

लॉर्ड्स में खेले गए 1975 वर्ल्ड कप के फाइनल में वेस्टइंडीज ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कप्तान क्लाइव लॉयड के तूफानी शतक की बदौलत 8 विकेट खोकर 291 रन ठोक डाले थे।

user-circle cricketcountry.com Written by Vanson Soral
Last Published on - June 21, 2022 9:26 AM IST

21 जून 1975। क्रिकेट के इतिहास में ये एक खास तारीख है जो सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। दरअसल, 47 साल पहले आज ही के दिन क्रिकेट जगत को पहला वर्ल्ड चैंपियन मिला था। ये वर्ल्ड चैंपियन और कोई नहीं बल्कि वेस्टइंडीज टीम थी जिसे वर्ल्ड कप चैंपियन बनने से पहले एक मनमौजी टीम माना जाता था। लेकिन 1975 के वर्ल्ड कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को मात देने के साथ ही कैरेबियाई द्वीपों के खिलाड़ियों से मिलकर बनीं वेस्टइंडीज ने क्रिकेट जगत में खलबली मचा दी। ये वर्ल्ड कप अपने आप में बेहद खास था क्योंकि इसमें 60-60 ओवर के मैच खेले गए थे।

लॉर्ड्स में खेले गए 1975 वर्ल्ड कप के फाइनल में वेस्टइंडीज ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कप्तान क्लाइव लॉयड के तूफानी शतक की बदौलत 8 विकेट खोकर 291 रन ठोक डाले थे। क्लाइव ने महज 85 गेंदों पर 12 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 102 रनों की पारी खेली जबकि रोहन कन्हाई ने 55 रन बनाए। 292 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम सिर्फ 279 रन ही बना सकी। वेस्टइंडीज के सबसे सफल गेंदबाज रहे कीथ बॉयस जिन्होंने 4 विकेट अपने नाम किए।

क्रिकेट के पहले वर्ल्ड कप का नाम प्रूडेंशियल कप था जिसे प्रूडेंशियल एश्योरेंस कंपनी ने स्पॉन्सर किय था। 1975 वर्ल्ड कप में 8 टीमों ने हिस्सा लिया था जिसमें भारत, वेस्टइंडीज, इंग्लैंड, पाकिस्तान, ईस्ट अफ्रीका, न्यूजीलैंड, श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया शामिल थी।

इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे ग्लेन टर्नर जिन्होंने 4 पारियों में 166.50 की औसत से 333 रन बनाए। इस दौरान उनका सर्वाधिक स्कोर 171 रन रहा जो उन्होंने ईस्ट अफ्रीका के खिलाफ बनाया था। वहीं, सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामलें में ऑस्ट्रेलिया गैरी गिल्मर पहले नंबर पर रहे। उन्होंने महज 2 मैचों में ही 11 विकेट चटकाए।

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1975 वर्ल्ड कप में भारत का प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा। टीम इंडिया को ग्रुप-ए में इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ईस्ट अफ्रीका के साथ रखा गया था। इस दौरान भारत सिर्फ ईस्ट अफ्रीका के खिलाफ ही जीत दर्ज कर सका। इस वर्ल्ड कप की दिलचस्प बात ये रही कि टूर्नामेंट की पहली गेंद फेंकने का सौभाग्य भारत के गेंदबाज मदन लाल को मिला।