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स्पॉट फिक्सिंग में दोषी पाए गए ख़ालिद लतीफ़, लगा 5 साल का बैन

लतीफ़ और उनके वकील के पास बैन और फाइन के खिलाफ अपील करने के लिए 14 दिनों का वक़्त है।

user-circle cricketcountry.com Written by Devbrat Bajpai
Last Published on - October 18, 2017 10:58 AM IST

ख़ालिद लतीफ़ © Getty Images
ख़ालिद लतीफ़ © Getty Images

पाकिस्तान के बल्लेबाज़ ख़ालिद लतीफ़ पर 5 साल का बैन लगाया गया है और साथ ही 10 लाख रुपए का जु़र्माना भी उन पर लगा है। यह कार्यवाई एंटी करप्शन ट्रिब्यूनल ने की। उन्हें पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के एंटी करप्शन कोड का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है। ट्रिब्यूनल का विस्तृत ऑर्डर मंगलवार को उपलब्ध हुआ जिसमें ये बताया गया कि तीन सदस्यीय बेंच ने लतीफ़ को सभी 6 आरोपों में दोषी पाया। उनपर ये आरोप पीसीबी ने पाकिस्तान सुपर लीग में स्पॉट फि़क्सिंग को लेकर लगाए थे।

इस ट्रिब्यूनल को हेड लाहौर हाई कोर्ट के पूर्व जज किया, वह पहले ही टेस्ट ओपनर शारजील ख़ान को पांच साल के लिए बैन कर चुके हैं। पीसीबी के एडवाइजर तफ़ाज्ज़ुल रिज़वी ने कहा कि ट्रिब्यूनल ने उन्हें बुकमेकर से मिलते हुए 8 और 9 फरवरी को मैच में स्पॉट फ़िक्सिंग के लिए सहमति देने का दोषी पाया। [ये भी पढ़ें: पाकिस्तान ने किया टी20 टीम का ऐलान, मोहम्मद हफीज की हुई वापसी]

उन्होंने कहा, “इस पर बात करना बेफज़ूल है कि ख़ालिद खेले की नहीं। फुल ऑर्डर में उन्हें आचार संहित का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है।” लतीफ़ को इस बात का भी दोषी पाया गया है कि उन्होंने अपने टीम के अन्य खिलाड़ियों को स्पॉट फिक्सिंग के लिए उकसाया और उन्होंने शारजील को दुबई में बुकमेकर से मिलने के लिए मनाया।

लतीफ़ और उनके वकील के पास बैन और फाइन के खिलाफ अपील करने के लिए 14 दिनों का वक़्त है। शारजील ने अपने बैन के खिलाफ अपील की है। वहीं पीसीबी ने उनकी अपील सुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज को नियुक्त किया है। उनकी सुनवाई लाहौर में बुधवार से शुरू होगी।

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रिज़वी ने ये भी बताया कि पाकिस्तानी बल्लेबाज नासिर जमशेद और शहाज़ेब हसन के खिलाफ चल रहे केसों की सुनवाई हो रही है और इनके केसों पर जल्दी ही फ़ैसला लिया जाएगा। पिछले दिनों बांग्लादेश प्रीमियर लीग में भी पाकिस्तानी खिलाड़ियों के स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने को लेकर बात सामने आई थी। रिज़वी ने इस पर कहा कि यह बांग्लादेश का घरेलू टूर्नामेंट है इसलिए उन्हें पहले सुनिश्चित करना होगा कि वे इसपर जांच करवाना चाहते हैं कि नहीं।