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Parthiv Patel Retirement: पार्थिव ने इन्हें बताया फेवरेट कप्तान, बोले- 2009 में घरेलू क्रिकेट में 800 रन बनाने के बावजूद...
Parthiv Patel Retirement: पार्थिव पटेल ने 35 साल की उम्र में आज क्रिकेट को अलविदा कह दिया है.
Written by India.com Staff
Last Published on - December 9, 2020 7:04 PM IST

Trending Cricket News Today: भारतीय टीम केपूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल (Parthiv Patel Retirement) ने बुधवार को खेल के सभी प्रारूपों से संन्यास के बाद अपने सफर को लेकर पत्रकारों से बात की. पटेल से जब उनके करियर के दौरान पसंदीदा कप्तान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी या विराट कोहली का नहीं बल्कि सौरव गांगुली और अनिल कुंबले का नाम लिया.
घरेलू क्रिकेट में जीते सभी खिताब…
गुजरात के लिए घरेलू क्रिकेट के लगभग सभी खिताब के अलावा तीन बार आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) चैम्पियन बनने के बाद आगे बढ़ने का यह ‘सही समय’ है.
पार्थिव पटेल (Parthiv Patel Retirement) ने पत्रकारों से ऑनलाइन संवाद में कहा, ‘‘ लोगों के प्रबंधन कौशल के मामले में मैं हमेशा सौरव गांगुली को सही मायने में नेतृत्वकर्ता मानता हूं. सौरव और अनिल महान कप्तान थे. मैं आज जो हूं उसे बनाने में उनका काफी योगदान है.’’
पार्थिव पटेल (Parthiv Patel Retirement) ने कहा, ‘‘ मेरे पास अभी भी पहले टेस्ट मैच की टोपी है जिसे दादा (गांगुली) ने मुझे दिया था. हेडिंग्ले (2002) और एडीलेड (2003-04) में टेस्ट जीत और रावलपिंडी में पारी का आगाज करते हुए अर्धशतक लगाना मेरे लिए सबसे यादगार लम्हें है.’’
एक साल से रिटायरमेंट पर विचार कर रहा था…
उन्होंने कहा कि वह पिछले एक साल से संन्यास लेने के बारे में सोच रहे थे लेकिन यह सबसे बेहतर समय है. ‘‘ इस फैसले के बाद मुझे शांति की अनुभूति हुई और मैं ठीक से नींद ले पाया. मेरे परिवार के सदस्यों की आंखे हालांकि नम थी. मैं एक साल से इस पर विचार कर रहा था और 18 साल के बाद शायद ही कुछ और हासिल करने के लिए बचा था.’’
पार्थिव पटेल (Parthiv Patel Retirement) ने कहा, ‘‘ मैंने सभी घरेलू टूर्नामेंट जीते हैं. इसमें तीन आईपीएल ट्रॉफी भी है. मुझे लगता है गुजरात क्रिकेट सही जगह है.’’
महेंद्र सिंह धोनी के युग में विकेटकीपर के तौर पर खेलना एक आसान काम नहीं था, लेकिन पार्थिव ने खेल के प्रति अपने जज्बे से गुजरात जैसे राज्य को घरेलू क्रिकेट की मजबूत टीम बनाने में अहम भूमिका निभाई.
मैंने 2009 में रणजी में 800 रन बनाए फिर भी…
उन्होंने कहा, ‘‘ भारतीय टीम 2009 में न्यूजीलैंड दौरे पर गयी थी. मैंने उससे पहले रणजी ट्रॉफी में 800 रन बनाए थे और दलीप ट्रॉफी के फाइनल में शतक बनाया था. मुझे राष्ट्रीय टीम में तब जगह नहीं मिली. मुझे लगा करियर खत्म हो गया. लेकिन फिर मैंने कुछ और सोचा और यह एक टीम को खड़ा करने का फैसला था.’’
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पार्थिव को पता था कि जब तक एक टीम के रूप में गुजरात का प्रदर्शन अच्छा नहीं होगा, तब तक उनका व्यक्तिगत प्रदर्शन बहुत कम मायने रखेगा. उनकी कप्तानी में गुजरात ने जसप्रीत बुमराह और अक्षर पटेल जैसे खिलाड़ियों के साथ रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे और मुश्ताक अली ट्रॉफी का खिताब जीता.