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बीसीसीआई के खिलाफ कानूनी कार्यवाही के लिए तैयार है पीसीबी

भारत-पाकिस्तान के बीच छह द्विपक्षीय सीरीज को लेकर हुए समझौते के उल्लंघन के चलते बीसीसीआई पर कार्यवाही करना चाहता है पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड।

user-circle cricketcountry.com Written by Gunjan Tripathi
Last Published on - December 31, 2016 12:24 PM IST

शुक्रवार को पीसीबी की बैठक में लिया गया यह फैसला। © AFP

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के गवर्नर बोर्ड ने आखिरकार शुक्रवार को बीसीसीआई के खिलाफ कानूनी कार्यवाही के लिए मंजूरी दे दी है। यह मुद्दा भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा पाकिस्तान के साथ 2014 में द्विपक्षीय सीरीज खेलने का है जिसे पीसीबी के मुताबिक बीसीसीआई ने पूरा नहीं किया। जबकि बीसीसीआई का कहना है कि भारतीय सरकार की अनुमति के बिना वह इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं ले सकते थे। पीसीबी के प्रमुख शहरयार खान और नजम सेठी बैठक खत्म होने के बाद मीडिया को बताया कि सभी सदस्यों ने इस समझौते के पूरा न होने के चलते पीसीबी को होने वाले आर्थक नुकसान की भरपाई के लिए कानूनी कार्यवाही करने की मंजूरी दे दी है। ये भी पढ़ें: विराट कोहली ने साल 2016 में बनाए अनगिनत कीर्तिमान

शहरयार खान ने कहा, “हम आवश्यक कानूनी सलाह लेना जल्द शुरू करेंगे। तथ्य यह है कि बीसीसीआई ने समझौते पर हस्ताक्षर किए थे कि 2015 से 2022 तक भारत-पाकिस्तान के बीच छह द्विपक्षीय सीरीज खेली जाएगी। आईसीसी भी इस समझौते की गवाह है। हम अब अपने कानूनी सलाहकारों की मदद ले रहे हैं इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक उठाने के लिए।” वहीं सेठी का भी यही मानना है, उन्होंने साफ कह दिया कि अब तक पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड शांत था लेकिन अब वह कार्यवाही जरूर करेंगे। उन्होंने कहा, “अब हमारा धैर्य जवाब दे गया है क्योंकि इस समझौते के अंतर्गत हमें दो घरेलू सीरीज आयोजित करनी थी जिससे हमें काफी फायदा हो सकता था। लेकिन अब जब वह इस समझौते का पालन नहीं कर रहे हैं जिस कारण हमें नुकसान उठाना पड़ा रहा है।” बता दें कि भारत ने साल 2007 के बाद से पाकिस्तान के साथ कोई भी द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली है। जनवरी में पीसीबी श्रीलंका में इस समझौते के तहते एक वनडे सीरीज आयोजित करने को भी राजी हो गया था लेकिन बीसीसीआई पीछे हट गई। ये भी पढ़ें: साल 2016 में संन्यास लेने वाले क्रिकेटर

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सेठी ने कहा कि अगर बीसीसीआई को इस समझौते से इतनी परेशानी थी तो उन्हें हस्ताक्षर करने से पहले सोचना था। उन्होंने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीसीसीआई एक लिखिल समझौते का इस तरह अपमान कर रही है। पाकिस्तान बोर्ड अब इस मामले को हल्के में बिल्कुल नहीं लेना चाहता। वह इसे आईसीसी तक ले जाना चाहता है यह कहकर कि भारत सरकार बीसीसीआई को इस समझौते का पालन करने से रोक रहा है।