न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर रॉस टेलर क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं लेकिन अभी भी सुर्खियों में बने हुए हैं। टेलर के चर्चा में रहने के पीछे की वजह है उनकी ऑटोबायोग्राफी जो हाल ही में रिलीज हुई है। इस ऑटोबायोग्राफी में टेलर ने अपने निजी जीवन और क्रिकेट से जुड़े कई बड़े खुलासे किए हैं जिसमें IPL भी शामिल हैं। रॉस टेलर सात साल तक IPL से जुड़े रहे और चार अलग-अलग फ्रेंचाइजियों के लिए 1000 से अधिक रन बनाए।
टेलर ने पॉल थॉमस के साथ लिखी गई अपनी नई ऑटोबायोग्राफी- रॉस टेलर: ब्लैक एंड व्हाइट में अपना दर्द बयां करते हुए कहा है कि अगर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) उन्हें अपने साथ बनाए रखती तो भारत की मशहूर T20 लीग में उनका करियर लंबा हो सकता था।
रॉस टेलर ने IPL करियर का आगाज 2008 में RCB से किया था और 2011 तक इस टीम के साथ जुड़े रहे लेकिन इसके बाद 2012 में राजस्थान रॉयल्स का हाथ थाम लिया। टेलर ने RCB के लिए कुल 22 IPL पारियों में 2 अर्धशतक की मदद से 517 रन बनाए थे।
रॉस टेलर ने कहा, “लाखों डॉलर कमाना अच्छा होता है। अगर आरसीबी मुझे 950,000 डॉलर में खरीद लेती तो अच्छा रहता। अगर ऐसा होता तो वो मेरा RCB के साथ चौथा साल होता। IPL काफी अनसेंटिमेंटल है। जो खिलाड़ी ज्यादा लंबे समय तक खेलता है उसका फ्रैंचाइजी उतना ही ज्यादा साथ निभाती है। इसलिए एक फ्रेंचाइजी खिलाड़ी के तौर पर मेरा IPL करियर भी लंबा हो सकता था।”
टेलर ने हालांकि ये भी माना कि RCB से जाने से उनको एक फायदा भी हुआ। टेलर ने लिखा, “दूसरे तरीके से देखूं तो मैं अगर RCB में ही रहता तो मैं वीरेंद्र सहवाग, शेन वॉर्न, महेला जयवर्धने और युवराज सिंह जैसे खिलाड़ियों के साथ नहीं खेल पाता।”
टेलर IPL में RCB के लिए 3 सीजन (2008-2010) खेलने के बाद राजस्थान टीम के साथ हो लिए। एक सीजन RR के लिए खेलने के बाद वह 2012 में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) में चले गए। अगले साल उन्हें पुणे वॉरियर्स के साथ खेलने का मौका मिला लेकिन 2014 में वह फिर से दिल्ली की टीम में शामिल हो गए। ये IPL में उनका आखिरी सीजन साबित हुआ।