Bharat Malhotra
Bharat Malhotra अभी cricketcountry.com/hi की टीम की अगुआई कर रहे हैं. भारत के पास डिजिटल मीडिया का 16 साल का अनुभव है. करियर की विधिवत श ...Read More
Written by Bharat Malhotra
Last Updated on - December 12, 2024 12:41 PM IST
भारतीय टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने रोहित शर्मा और विराट कोहली की खराब फॉर्म पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि इन दोनों खिलाड़ियों के प्रदर्शन में निरंतरता के अभाव के चलते सिलेक्टर्स को फैसला लेने की जरूरत है. चैपल ने जोर देकर कहा कि खिलाड़ी यह जानने के बावजूद कि उनके खेल के अच्छा वक्त गुजर चुका है मुश्किल से ही हटते हैं.
रोहित और विराट भारत के सबसे बड़े मैच विनर्स में रहे हैं लेकिन उनका हालिया फॉर्म बहुत अच्छा नहीं रहा है. बीते काफी अर्से से वे रन नहीं बना परा रहे हैं. न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत को हालिया घरेलू सीरीज में 0-3 से हार का सामना करना पड़ा उसकी एक वजह यह भी रही कि रोहित और विराट ने रन नहीं बनाए. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रोहित पहला मैच नहीं खेले थे और विराट ने सेंचुरी लगाकर फॉर्म में वापसी के संकेत दिए थे. लेकिन ऐडिलेड टेस्ट में वह फिर असफल रहे. रोहित शर्मा ने ऐडिलेड की दोनों पारियों में मिलाकर सिर्फ 9 रन ही बनाए.
ऐडिलेड में पत्रकारों से बात करते हुए चैपल ने कहा कि सिलेक्टर्स को तब कठोर और निर्दयी होकर फैसले लेने चाहिए जब उन्हें यह पता हो कि अब किसी खिलाड़ी का समय पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा क्योंकि इस काम में काफी पैसे मिलते हैं इस वजह से खिलाड़ी बड़ी मुश्किल से ही हटते हैं.
चैपल ने कहा, ‘आपको खुद पता होता है कि आप अपने चरम पर प्रदर्शन कर रहे हैं या नहीं. लेकिन उन्हें बेशक खेलने से बहुत प्यार होता है. वे जितना हो सके उतने वक्त के लिए खेलना चाहते हैं. और इसके तमाम कारण भी हैं. उन्हें पूरा हक भी है कि वे जब तक चाहें खेलते रहें. इसी वजह से आपको अच्छी और मजबूत सिलेक्शन पॉलिसी और सिलेक्शन पैनल की जरूरत होती है ताकि आप ये कड़े फैसले ले सकें. आम तौर पर खिलाड़ी ये जरूरी फैसले नहीं लेते. वे शायद फैसला लेना भी चाहते हों लेकिन आखिरकार इस काम में बहुत पैसे मिलते हैं. कौन इसे छोड़ना चाहेगा? किसी अन्य को ही यह फैसला लेना होगा.’
चैपल से जब पूछा गया कि रोहित और विराट जैसे कद के खिलाड़ियों से यह बात करना कितना मुश्किल हो सकता है तो चैपल ने माना यह मुश्किल है. लेकिन उन्होंने कहा ऐसा फैसले नहीं लेना भी सही तरीका नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘यह बहुत मुश्किल है. आपको सिलेक्टर्स के लिए सही लोगों का चयन करना चाहिए. ऐसे लोग जो इस तरह की मुश्किल बात कर सकें. यह खिलाड़ियों और उस कमरे में मौजूद तमाम लोगों के रिश्तों पर भी निर्भर करता है. लेकिन, हम सब जो इस स्तर पर खेले हैं, इससे गुजरते हैं. एक खिलाड़ी के तौर पर आपके प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव आएंगे. अच्छे खिलाड़ियों को आप ज्यादा मैच देना पसंद करते हैं बजाय इसके कि उन्हें कम मुकाबले दिए जाएं. तो, सही संतुलन बना पाना हमेशा मुश्किल होता है.’
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