'मेरे बस में तो सिर्फ मेहनत है', टीम इंडिया में सिलेक्शन नहीं होने पर ऑन कैमरा इमोशनल हुईं यह खिलाड़ी
'मेरे बस में तो सिर्फ मेहनत है', टीम इंडिया में सिलेक्शन नहीं होने पर ऑन कैमरा इमोशनल हुईं शिखा पांडे
शिखा पांडे का बांंग्लादेश दौरे के लिए भारतीय टीम में सिलेक्शन नहीं हुआ. इससे वह काफी इमोशनल हो गईं. उन्होंने कहा कि वह तो बस मेहनत कर सकती हैं.
Written by Bharat Malhotra Last Published on - July 6, 2023 1:36 PM IST
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शिखा पांडे को बांग्लादेश दौरे पर जाने वाली भारतीय टीम में शामिल नहीं किया गया है. दाएं हाथ की इस पेसर ने पहले वुमंस प्रीमियर लीग में अच्छा प्रदर्शन किया था. लेकिन इसके वावजूद सिलेक्टर्स को वह प्रभावित नहीं कर पाईं.
शिखा साउथ अफ्रीका में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम का हिस्सा थीं. लेकिन इस इवेंट के बाद 34 वर्षीय इस खिलाड़ी को पहले सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट से बाहर किया गया और फिर बांग्लादेश दौरे के लिए भी टीम में नहीं चुना गया.
इस बार में बात करते हुए शिखा की नाराजगी साफ नजर आई. उन्होंने कहा कि उन्हें कोई आइडिया नहीं है कि आखिर क्यों बांग्लादेश सीरीज के लिए उनका चयन नहीं हुआ. हालांकि उन्हें इस बात की उम्मीद है कि जो मेहनत वह कर रही हैं उससे उनकी भारतीय टीम में वापसी होगी.
स्पोर्टस्टार के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ‘अगर मैं कहूं कि मैं परेशान या गुस्सा नहीं हूं तो मैं इनसान नहीं हूं. जब आपको परिश्रम का परिणाम नहीं मिलता है तो वाकई बहुत मुश्किल होती है. मैं आश्वस्त हूं कि इसके पीछे कोई कारण होगा जो मुझे पता नहीं है. तो मेरे हाथों में मेहनत है, और मैं मेहनत पर बहुत विश्वास रखती हूं. तो जब तक मैं मानसिक और शारीरिक रूप से फिट हूं, कड़ी मेहनत करते रहना चाहती हूं.’
?️ Shikha Pandey gets teary-eyed talking about the disappointment of not finding a place in the Indian team.
भारतीय महिला टीम के पूर्व कोच डब्ल्यूवी रमन के साथ अपनी बात कहते-कहते शिखा बहुत भावुक हो गईं. उन्होंने कहा, ‘जब मुझे ड्रॉप किया गया था, तो मुझे लगा था कि क्रिकेट से दूर होना ही सही रहेगा. फिर मुझे लगा कि यह एक भावनात्मक दौर है और मुझे खुद को और वक्त देने की जरूरत है. आपको लगा कि मुझमें अभी काफी क्रिकेट बाकी है और मुझे तब तक खेलना चाहिए जब तक मैं अपने खेल का आनंद उठा रही हूं. मैं अभी निराश हूं, लेकिन जिस परिस्थिति में मुझे डाला गया है वह मेरे नियंत्रण से बाहर है, यहां से बाहर निकलने के लिए मैं जो भी फैसले लूंगी वह पूरी तरह से मेरे हाथ में हैं.’
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