आज भारतीय क्रिकेट टीम के पास एक से बढ़कर एक तेज गेंदबाज है। धाकड़ पेसर्स की एक पूरी फौज है टीम इंडिया के पास। लेकिन कभी ऐसा नहीं था। भारतीय गेंदबाजी आक्रमण हमेशा से स्पिनर्स पर निर्भर रहा। बिशन सिंह बेदी, इरापल्ली प्रसन्ना, भगवत चंद्रशेखर और वेंकटराघवन की स्पिन चौकड़ी भारतीय गेंदबाजी की पहचान रही। लेकिन, ऐसा नहीं है कि भारत के पास कभी कोई पेसर नहीं रहा। एक गेंदबाज था जिसका नाम था मोहम्मद निसार। आप उन्हें भारत का पहला तेज गेंदबाज कह सकते हैं।
आज ही के दिन साल 1910 में निसार का जन्म हुआ। निसार के पास तेज रफ्तार तो थी ही साथ ही स्विंग और कट पर भी उनका बेहतरीन कंट्रोल था। वह इसी रफ्तार के साथ गेंद को स्विंग और कट करवा सकते थे। तेज गेंदबाज अमर सिंह के साथ उनकी साझेदारी काफी कामयाब रही।
साल 1932 की बात है। भारतीय टीम लॉर्ड्स में अपना पहला टेस्ट मैच खेल रही थी। निसार ने पेर्सी होल्स और हबर्ट सटक्लिफ को बोल्ड कर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। अपने पहले ही टेस्ट में उन्होंने पारी में पांच विकेट लिए। भारत के लिए इस पेसर ने कुल 6 टेस्ट मैचों में 25 विकेट लिए। इंग्लैंड के अपने पहले दौरे पर ही उन्होंने 71 विकेट झटके। और उनका औसत रहा 18.09 का। ऑस्ट्रेलियन से 1935 में भारत का दौरा किया और नासिर ने चार मुकाबलों में 35 विकेट झटके। इंग्लैंड के अपने आखिरी दौरे में उन्होंने पांच ओवरों के एक स्पैल में चार विकेट लेकर इंग्लिश टीम को बैकफुट पर धकेल दिया।