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द्रविड़ की सलाह का पालन कर रहे जितेश एशियन गेम्स की चुनौती के लिए तैयार
जितेश शर्मा ने आखिरी ओवरों में अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से काफी सुर्खियां बटोरी हैं और उम्मीद है कि वह एशियन गेम्स में भी अपनी अच्छी लय जारी रखेंगे.
Written by Vanson Soral
Last Updated on - July 16, 2023 6:32 PM IST

नई दिल्ली। एशियन गेम्स के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने बनाने वाले आक्रामक विकेटकीपर बल्लेबाज जितेश शर्मा ने कहा कि वह मुख्य कोच राहुल द्रविड़ की सलाह का पालन कर रहे , जिन्होंने विदर्भ के इस खिलाड़ी अपना नैसर्गिक खेल जारी रखने को कहा था.इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पिछले दो सत्र में अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित करने वाले जितेश भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम का हिस्सा रह चुके हैं. इस साल की शुरूआत में संजू सैमसन के चोटिल होने के बाद राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने वाले इस खिलाड़ी को हालांकि डेब्यू का मौका नहीं मिला था।
इस 29 साल के खिलाड़ी ने ‘ पीटीआई – भाषा ’ से कहा, ‘‘ खेल में सुधार को लेकर हमेशा चर्चा होती है. हां, कुछ महीने पहले घरेलू सरजमीं पर खेली गयी सीरीज में जब मैं टीम का हिस्सा बना था तब राहुल सर से बात हुई थी.’’ एशियन गेम्स का आयोजन 23 सितंबर से चीन के हांगझोउ में होगा. भारत पहली बार इन खेलों में अपनी क्रिकेट टीम भेजेगा. एशियन गेम्स में पुरुषों के क्रिकेट मैच 28 सितंबर से शुरू होंगे.
कोच द्रविड़ से मिली खास सलाह
जितेश से पूछा गया कि द्रविड़ ने क्या सलाह दी तो उन्होंने बताया कि कोच ने कहा था, ‘‘जैसी बल्लेबाजी कर रहे हो , वैसे ही करते रहो. हम भविष्य के लिए यही देख रहे है. हमें ऐसे खिलाड़ी ही चाहिये इस क्रम (बल्लेबाजी में पांचवें या छठे क्रम पर) पर.’’ भारतीय कोच की बातें इस खिलाड़ी के दिमाग में बैठ गयी.
T20 क्रिकेट में फिनिशर की भूमिका निभाने वाले खिलाड़ी के पास आसानी से बड़े शॉट खेलने की क्षमता के साथ धैर्य की जरूरत होती है. जितेश इन दोनों मामलों में शानदार रहे हैं. उन्होंने पंजाब किंग्स के साथ आईपीएल के पिछले दो सत्र में ऐसा किया है. जितेश ने आखिरी ओवरों में अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से काफी सुर्खियां बटोरी हैं और उम्मीद है कि वह एशियन गेम्स में भी अपनी अच्छी लय जारी रखेंगे.
नेशनल टीम में उनका चयन होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि वह पिछले कुछ समय से टीम में जगह बनाने के करीब रहे हैं. भारतीय टीम में चयन के बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं इससे आश्चर्यचकित नहीं हूं. एक खिलाड़ी के रूप में , आपको यह आभास है कि आप इस दौड़ में शामिल हैं.मुझे लगता है कि यह अच्छा फैसला है.’’ आईपीएल के 26 मैचों में जितेश का स्ट्राइक रेट 16 के करीब रहा है जबकि 90 T20 मैचों में उनका स्ट्राइक रेट 150 के करीब रहा है.
‘पावर हिटिंग’ एक आदत
आईपीएल की 24 पारियों में 44 चौके और 33 छक्के जड़ने वाले इस खिलाड़ी से जब उनकी ताकत और फिनिशर की भूमिका के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा , ‘‘ अच्छी आदतें आपके साथ रहती हैं और ‘पावर हिटिंग’ एक आदत है जिसे मैंने विकसित किया है.मैं अभ्यास के दौरान अच्छी आदतों को अपनाने पर ध्यान देता हूं.आप अभ्यास के दौरान जिस काम पर सबसे ज्यादा मेहनत करते हैं, उसे आपके लिए मैदान पर करना आसान हो जाता है.’’
आम तौर पर आखिरी 10 ओवरों में बल्लेबाजी करने वाले जितेश को दबाव में बल्लेबाजी करना पसंद है.वह इस बात को ध्यान रखते हुए अभ्यास करते हैं जैसे कि वह आखिरी ओवरों में बल्लेबाजी कर रहे हो।
उन्होंने कहा , ‘‘ अभ्यास के दौरान मै मैच की किसी परिस्थिति के बारे में सोच कर बल्लेबाजी करता हूं.अभ्यास के समय मैं 16 वें , 17 वें और 18 वें ओवर में बल्लेबाजी के बारे में सोचता हूं.फिर मैं खुद को काल्पनिक मैच स्थितियों में रख कर अभ्यास करता हूं .मैं यह सोच कर अभ्यास करता हूं कि टीम को 12 गेंदों पर 30 या छह गेंदों पर 18 या तीन गेंदों पर 12 रन चाहिए.’’
पंजाब किंग्स से मिला भरपूर सपोर्ट
उन्होंने अपनी फ्रेंचाइजी को शुक्रिया किया.पंजाब किंग्स की ओर से जितेश को अपना स्वाभाविक खेल खेलने की छूट मिली हुई है. इस खिलाड़ी ने कहा , ‘‘ अगर मैं किसी एक व्यक्ति का नाम लूंगा तो यह अनुचित होगा. मुझे पंजाब किंग्स और फ्रेंचाइजी से जुड़े सभी अनुभवी भारतीय खिलाड़ियों से बहुत समर्थन मिला है.’’ जितेश ऐसे समय में भारतीय टीम में जगह बनाने की कोशिश कर रहे है जब टीम के पास कई विकल्प मौजूद है.चोट से उबरने के बाद ऋषभ पंत वापसी करने के लिए तैयार होंगे.इशान किशन फिलहाल भारत के शीर्ष विकेटकीपर बल्लेबाज है.संजू सैमसन भी इस सूची में शामिल है.एशियाई खेलों की टीम में जितेश के साथ प्रभसिमरन सिंह भी मौजूद है।
उन्होंने कहा, ‘‘हां , इस तरह देखें तो काफी प्रतिस्पर्धा है लेकिन किसी खिलाड़ी को दूसरे के बारे में सोचना छोड़कर खुद से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिये.’’ जितेश भारतीय वायु सेना में जाना चाहते थे और उन्होंने क्रिकेट खेलना इसलिए शुरू किया था ताकि नेशनल डिफेंस एकेडमी के लिए खेल कोटे से अंक जुटा सके. कूच बिहार ट्रॉफी के लिए विदर्भ की अंडर -19 टीम में जगह बनाने के बाद उन्होंने हालांकि पिछले मुड़कर नहीं देखा.
क्रिकेट बना जुनून
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उन्होंने कहा , ‘‘ स्कूल के समय मैं भारतीय वायु सेना में जाना चाहता था और इसलिए जब मुझे पहली बार विदर्भ अंडर -16 के लिए चुना गया तो यही मेरा लक्ष्य था. जब मैंने विदर्भ के लिए कूच बेहार ट्रॉफी खेली , तब तक मुझे पता चल गया था कि क्रिकेट एक जुनून है और मैंने खुद को पूरी तरह से खेल के प्रति समर्पित कर दिया.’’