×

जब-जब चेन्नई सुपर किंग्स ने जीता खिताब, तब कैसा रहा है महेंद्र सिंह धोनी का प्रदर्शन

चेन्नई की टीम पांच बार की आईपीएल चैंपियन है. और महेंद्र सिंह धोनी ने टीम के लिए बतौर कप्तान और बल्लेबाज बेहतरीन खेल दिखाया है.

MS Dhoni CSK champions

MS Dhoni CSK champions

चेन्नई सुपर किंग्स को आईपीएल की सबसे कामयाब फ्रैंचाइजी कहा जाता है. और महेंद्र सिंह धोनी को सबसे कामयाब कप्तान. चेन्नई सबसे ज्यादा बार आईपीएल खिताब जीतने वाली टीमों में मुंबई इंडियंस के साथ संयुक्त रूप से पहले स्थान पर है. दोनों ने पांच-पांच बार इस चमचमाती ट्रॉफी को उठाया है. धोनी ने न सिर्फ कप्तान बल्कि अपने बल्ले से भी चेन्नई को इतनी सफल फ्रैंचाइजी बनने में योगदान दिया है. एक नजर डालते हैं कि जब-जब चेन्नई की टीम चैंपियन बनी है तो धोनी के बल्ले का प्रदर्शन कैसा रहा है.

MS Dhoni
MS Dhoni

साल 2010- CSK Champion

यह पहली बार था जब महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में चेन्नई सुपर किंग्स ने आईपीएल का खिताब जीता था. इस साल धोनी ने 13 मैच खेले और 287 रन बनाए. धोनी का बल्लेबाजी औसत 31.88 का रहा. उन्होंने 136.66 के औसत से बल्लेबाजी की. धोनी ने साल 2010 में दो हाफ सेंचुरी लगाईं.

MS Dhoni
MS Dhoni

साल 2011

चेन्नई सुपर किंग्स ने लगातार दूसरी बार आईपीएल का खिताब जीता. इस साल धोनी का बल्ले का असर पहले से ज्यादा रहा. 16 मैचों में उन्होंने 392 रन बनाए. उनका बैटिंग औसत 43.55 का था और स्ट्राइक-रेट 158.70 की. यानी रन भी ज्यादा और धमाका भी ज्यादा. इस साल भी धोनी ने 2 हाफ सेंचुरी लगाईं.

TRENDING NOW


साल 2018

दो साल के बैन के बाद चेन्नई की टीम ने आईपीएल में वापसी की. और इस बार फैंस को अपनी टीम से बहुत उम्मीदें थीं. माही की सेना ने उन्हें निराश नहीं किया. और न ही महेंद्र सिंह धोनी ने. टीम ने अपना तीसरा खिताब जीता. और धोनी ने अपनी बल्लेबाजी से कमाल कर दिया. धोनी ने 16 मैचों में 455 रन बनाए. उनका औसत 75.83 का रहा. और स्ट्राइक रेट 150 से ऊपर. इस साल धोनी ने तीन हाफ सेंचुरी लगाईं.

MS Dhoni

साल 2021

इस साल महेंद्र सिंह धोनी बल्ले से कुछ खास नहीं कर पाए. लेकिन कप्तानी में उनका रंग, असर और जलवा कम नहीं हुआ. धोनी ने 16 मैचों में सिर्फ 114 रन बनाए. औसत सिर्फ 16.28 का रहा. और स्ट्राइक-रेट 106.54 का. धोनी कोई हाफ सेंचुरी नहीं लगा पाए.

साल 2023

आखिरी दो गेंदों पर चेन्नई को जीत के लिए 10 रन चाहिए थे. रविंद्र जडेजा ने गुजरात टाइटंस के पेसर मोहित शर्मा की गेंदों पर छक्का और चौका लगाकर टीम को पांचवीं बार चैंपियन बनाया. धोनी इस बार अलग भूमिका में थे. घुटने की चोट से परेशान. वह ज्यादा समय क्रीज पर नहीं बिता रहे थे. कम गेंद के लिए आना और बल्ले के प्रहार से ज्यादा-से-ज्यादा स्कोर बनाना. उन्होंने 16 मैचों में 104 रन बनाए. औसत 26 का रहा. लेकिन स्ट्राइक-रेट 182.46 का. यानी कम वक्त में बड़ा धमाका करने की भूमिका को धोनी ने अच्छी तरह निभाया.

trending this week