Manoj Shukla
मनोज शुक्ला क्रिकेटकंट्री हिंदी में बतौर रिपोर्टर कार्यरत हैं
Written by Manoj Shukla
Last Published on - October 31, 2016 12:43 PM IST
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को हमेशा से युवाओं को प्रेरित करने के लिए जाना जाता रहा है। सौरव ने युवा खिलाड़ियों के लिए हमेशा आगे बढ़ने का मार्ग दिया है। सौरव गांगुली की आक्रामक कप्तानी की बदौलत वह भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक बन पाए। सौरव गांगुली ने टीम को उस समय संभाला था जब टीम स्पॉट फिक्सिंग में फंस गई था और प्रशंसकों के सामने टीम एक विलेन बन चुकी थी। सौरव के सामने कई चुनौतियां थीं। टीम को एक करना था और प्रशंसकों का खोया भरोसा वापस पाना था। सोरव ने टीम में यह विश्वास जगाया कि वह भारत के बाहर भी टेस्ट मैच जीत सकते हैं। सौरव ने हमेशा युवा खिलाड़ियों को आगे करने की बात की और यही वजह रही कि उनकी कप्तानी में भारत को कई युवा खिलाड़ी मिले जो आज स्टार बन चुके हैं। क्या आप जानते हैं ऐसे खिलाड़ियों के बारे में जिन्हें सौरव गांगुली ने निखारा, अगर नहीं, तो आइए हम आपको रूबरू करवाते हैं ऐसे ही पांच खिलाड़ियों से जो सौरव की कप्तानी में मौका मिलने पर आज स्टार बन चुके हैं।
5. जहीर खान:
भारत के सबसे सफल तेज गेंदबाज जहीर खान सौरव गांगुली की ही खोज कहे जाते हैं। सौरव गांगुली की कप्तानी में जहीर खान ने अपने करियर का आगाज किया था। जहीर खान के अंदर बेहतरीन वो सारे गुण थे जो उन्हें क्रिकेट जगत में ऊंचाईयों तक पहुंचा सकता था। इसी गुण को पहचाना सौरव गांगुली ने। बस फिर क्या था गांगुली ने जहीर को मौका दिया और जहीर सौरव की उम्मीदों पर सोलह आने खरे साबित हुए। जहीर टेस्ट में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे सबसे सफल तेज गेंदबाज हैं। वहीं वनडे में भी जहीर ने जलवा दिखाते हुए 269 विकेट हासिल किए हैं। जहीर खान ने 2011 विश्वकप में बेहतरीन गेंदबाजी की थी और भारत को विश्वचैंपियन बनाने में मदद की थी। ये भी पढ़ें: जब सचिन तेंदुलकर ने पोछे 125 करोड़ जनता के आंसू
4. हरभजन सिंह:
टर्बनेटर के नाम से मशहूर हरभजन सिंह ने भारत के लिए कई यादगार मैच जिताए हैं। लेकिन यह खिलाड़ी अगर आज बुलंदियों पर है तो इसका श्रेय जाता है सौरव गांगुली को। जी हां, हरभजन सिंह तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने साल 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज में तीन टेस्ट में 32 विकेट झटक डाले। लेकिन क्या आपको पता है इस मैच से पहले किसी ऑफ स्पिनर के लिए टीम में जगह बनाना कांटों भरा रास्ता जैसा था। लेकिन सौरव गांगुली ने हरभजन को टीम में शामिल करने को लेकर चयनकर्ताओं से भी भिड़ गए और नतीजा आपके सामने है। हरभजन सिंह ने भी कई बार अपने इंटरव्यू में इस बात को कबूला है। हरभजन सिंह ने कहा था कि सौरव गांगुली को उनपर काफी विश्वास था और वह उनका बहुत साथ देते थे।
3. वीरेंद्र सहवाग:
दुनिया के सबसे विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग, जिनकी तुलना सचिन तेंदुलकर तक से कर डाली गई। क्या आपको पता है सहवाग भी गांगुली की ही कप्तानी में निखर सके थे। सौरव गांगुली ने रही सहवाग को पहचान दिलाई थी। सहवाग ने शुरुआत में अपने करियर की शुरुआत बतौर मध्यक्रम बल्लेबाज के तौर पर की थी। लेकिन सौरव ने उनकी आक्रामकता को पहचाना और उन्हें सलामी बल्लेबाजी करने के लिए कहा। सौरव ने सहवाग के लिए अपना ओपनिंग का स्थान भी कुर्बान कर दिया और खुद नंबर तीन पर खेलने लगे। बस फिर क्या था, सहवाग ने अपने कप्तान के विश्वास को जाया नहीं जाने दिया और दुनिया के सबसे विस्फोटक और सफल सलामी बल्लेबाज बन कर उभरे। करियर के शुरुआती क्षणों में सौरव ने सहवाग का बहुत साथ दिया था। जिसकी बदौलत हमने सहवाग की आक्रामक बल्लेबाजी का लुत्फ उठाया।
2. युवराज सिंह:
सिक्सर किंग के नाम से मशहूर युवराज सिंह ने साल 2000 में सौरव गांगुली की कप्तानी में अपने करियर का आगाज किया था। आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी में सौरव ने युवराज पर भरोसा जताया और युवराज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 84 रनों की पारी खेली जिसकी बदौलत भारत ने ट्रॉफी जीत ली। सौरव गांगुली ने युवराज पर जो भरोसा दिखाया उसपर युवराज ने खरा उतरकर दिखा दिया। इसके बाद युवराज ने और अच्छी पारियां खेलीं और टीम के लिए मैच विनर बन गए। जब युवराज सिंह खराब फॉर्म से गुजर रहे थे उस समय भी सौरव ने युवराज पर भरोसा जताया और उन्हें अच्छा करने की प्रेरणा दी। युवराज ने कई बार इस बात को माना भी है। युवराज ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि मैं जितने भी कप्तानों की कप्तानी में खेला हूं, उन सबसे बेहतर सौरव गांगुली ही हैं।
1. एमएस धोनी:
कहते हैं सोने की पहचान सिर्फ जौहरी ही कर सकता है। यही बात हुई थी एमएस धोनी के साथ। धोनी आज भारत के सबसे सफल कप्तान हैं, लेकिन इसके पीछे सौरव गांगुली का बहुत बड़ा रोल है। धोनी अगर यहां तक पहुंचे हैं तो गांगुली की इसके पीछे अहम भूमिका है। धोनी ने गांगुली की ही कप्तानी में अपने करियर का आगाज किया था। पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज में गांगुली ने धोनी को नंबर तीन पर खेलने का मौका दिया और धोनी ने 148 रन ठोक डाले। बस फिर क्या था धोनी ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा और नए कीर्तिमान बनाते चले गए। पाकिस्तान के खिलाफ धोनी को टीम में चुनने के लिए सौरव चयनकर्ताओं से भिड़ पड़े थे और जिद में अटक गए थे कि मुझे टीम में धोनी चाहिए। अगर आज धोनी इस मुकाम तक पहुंचे हैं तो इसके पीछे की वजह सौरव गांगुली ही हैं।
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