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काउंटी क्रिकेट में चेतेश्वर पुजारा से बेहतर बल्लेबाजी कर रहे हैं ईशांत शर्मा
भारतीय टीम को अगस्त में टेस्ट सीरीज के लिए इंग्लैंड टीम का दौरा करना है।
Written by Gunjan Tripathi
Last Published on - May 15, 2018 1:27 PM IST

अगस्त में इंग्लैंड दौरे पर होने वाली टेस्ट सीरीज की तैयारी के लिए भारतीय टेस्ट टीम के कई खिलाड़ी काउंटी क्रिकेट में हाथ आजमा रहे हैं। हाल ही में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने भी सर्रे के साथ काउंटी चैंपियनशिप खेलने का करार किया है। कोहली अफगानिस्तान के खिलाफ ऐतिहासिक टेस्ट मैच को छोड़कर काउंटी क्रिकेट में हिस्सा लेंगे, मुमकिन है कि वो आयरलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज भी ना खेलें लेकिन हम यहां कोहली की नहीं बल्कि एक महीने से काउंटी चैंपियनशिप खेल रहे भारतीय टेस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा की बात करेंगे। पुजारा इंडियन प्रीमियर लीग के 11वें सीजन की शुरुआत से पहले ही काउंटी क्रिकेट खेलने इंग्लैंड पहुंच गए थे। सभी को उम्मीद थी कि इससे इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए उन्हें मदद मिलेगी लेकिन यॉर्कशायर के साथ काउंटी डिवीजन एक चैंपियनशिप खेल रहे पुजारा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है।
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पुजारा यॉर्कशायर के लिए खेले चार मैचों की आठ पारियों में 12.50 के खराब औसत से अब तक केवल 100 रन बना पाए हैं। जिसमें एक भी अर्धशतक शामिल नहीं है। भारतीय मध्य क्रम के इस बल्लेबाज से बेहतर बल्लेबाजी प्रदर्शन तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने किया है। ईशांत ने ससेक्स के लिए चार मैचों की छह पारियों में 22.50 की औसत से 102 रन बनाए हैं, जिसमें एक अर्धशतक भी शामिल है। हालांकि पुजारा और ईशांत की तुलना कहीं से भी नहीं की जा सकती है लेकिन अहम सवाल ये है कि भारतीय शीर्ष क्रम का एक बल्लेबाज इंग्लैंड की जमीन पर एक भी अर्धशतक क्यों नहीं लगा पाया है, जबकि निचले क्रम के एक खिलाड़ी ने ऐसा कर दिखाया है।
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बीसीसीआई ने हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली वनडे और टी20 टीम का ऐलान किया था लेकिन टेस्ट टीम को लेकर अभी कोई खबर नहीं आई है। ऐसे में पुजारा का ये प्रदर्शन बोर्ड के लिए परेशानी का सबब है। पुजारा का अनुभव उन्हें टेस्ट टीम में बोर्ड की पहली पसंद बनाता है लेकिन अगर उनके प्रदर्शन में सुधार नहीं आया तो शीर्ष क्रम में उनकी जगह लेने के लिए कई युवा खिलाड़ी तैयार हैं। इनमें सबसे पहला नाम मयंक अग्रवाल का है। कर्नाटक के इस युवा खिलाड़ी ने रणजी ट्रॉफी 2018 में 105.45 की औसत से 1,160 रन बनाए हैं। हालांकि एक नए बल्लेबाज को इंग्लैंड के दौरे पर मौका देना मुश्किल फैसला है लेकिन नामुमकिन नहीं। पुजारा को अगर टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की करनी है तो काउंटी क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन करना होगा।