×

इंग्‍लैंड को वर्ल्‍ड चैंपियन बना 'खलनायक' से महानायक बने स्टोक्स

वर्ल्‍ड कप के फाइनल में बेन स्‍टोक्‍स नाबाद 84 रन बनाकर मैन ऑफ द मैच रहे। उन्‍होंने सुपर ओवर में जोस बटलर के साथ 15 रन बनाए।

user-circle cricketcountry.com Written by Press Trust of India
Last Updated on - July 15, 2019 2:42 PM IST

दो साल पहले एक नाइटक्लब के बाहर झगड़े के कारण क्रिकेट से बाहर होने की कगार पर खड़े बेन स्टोक्स को विश्व कप में उनके प्रदर्शन ने इंग्लैंड का नूरे नजर बना दिया और फाइनल में जीत के सूत्रधार रहे इस ऑलराउंडर का नाम इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गया।

पढ़ें: विवादों में फंस जीत को तरसा अफगानिस्‍तान

एक शानदार कैच लपककर विश्व कप में आगाज करने वाले स्टोक्स टूर्नामेंट के आखिर में खुशी के आंसू पोछते नजर आए। यह अतीत की नाकामियों और विवादों को पीछे छोड़ने की खुशी थी, टीम के लिए भी और स्टोक्स के लिए भी।

फाइनल में नाबाद 84 रन बनाकर मैन ऑफ द मैच रहे स्टोक्स ने सुपर ओवर में जोस बटलर के साथ 15 रन बनाए। न्यूजीलैंड ने भी सुपर ओवर में 15 रन बनाए लेकिन ज्यादा चौकों-छक्कों के कारण इंग्लैंड विजेता रहा।

स्टोक्स ने जीतने के बाद कहा, ‘मेरे पास शब्द नहीं है। मैने बहुत मेहनत की और अब दुनिया के सामने हम चैंपियन बनकर खड़े हैं। यह अद्भुत है। इस तरह के लम्हों के लिए ही आप क्रिकेटर बनते हैं।’

पढ़ें: श्रीलंकाई टीम में निरंतरता की रही कमी

ऑस्ट्रेलिया में ब्रिस्टल में नाइटक्लब के बाहर झगड़े के कारण स्टोक्स 2017-18 की एशेज सीरीज नहीं खेल सके थे। उसके बाद साथी खिलाड़ियों ने टीम में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और विश्व कप में अपने प्रदर्शन से इस ऑलराउंडर ने उसका बदला चुकाया।

न्यूजीलैंड में जन्मे स्टोक्स ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले ही मैच में एंडिले फेहलुकवायो का शानदार कैच लपका था । उसके बाद नाबाद 82 और 89 रन बनाये । भारत के खिलाफ करो या मरो के मैच में उन्होंने 79 रन जोड़े ।

न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल में चार विकेट जल्दी निकलने के बाद वह इंग्लैंड के ‘संकटमोचक’ बने। उनके बल्ले से टकराकर ‘ओवरथ्रो’ पर गेंद जिस तरह से चार रन के लिए गई इससे बानगी मिल गई कि यह दिन उनका था, उनकी टीम का था।

TRENDING NOW

यह सफर पिछले विश्व कप से पहले दौर से बाहर हुई इंग्लैंड की टीम का ही नहीं था बल्कि उसके इस होनहार खिलाड़ी का भी था। दुनिया को क्रिकेट सिखाकर कभी खुद खिताब नहीं जीत पाने का मलाल इंग्लैंड ने दूर किया, वहीं खलनायक से महानायक बने स्टोक्स ने जिजीविषा, जुझारूपन और हार न मानने के जज्बे की नई मिसाल पेश की।