Manoj Shukla
मनोज शुक्ला क्रिकेटकंट्री हिंदी में बतौर रिपोर्टर कार्यरत हैं
Written by Manoj Shukla
Last Published on - December 22, 2016 4:44 PM IST
आईसीसी ने 2016 के अवॉर्ड्स की घोषणा कर दी है। जिसमें भारत के रविचंद्रन अश्विन को आईसीसी प्लेयर ऑफ द ईयर के खिताब से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आईसीसी ने टेस्ट टीम की घोषणा भी की। लेकिन आईसीसी की टीम में भारत के कप्तान विराट कोहली का नाम नहीं था। कोहली का नाम ना होने से कई लोगों को हैरानी हुई, आखिर कोहली ने साल भर बेहतरीन प्रदर्शन किया, इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में संपन्न हुई टेस्ट सीरीज में दोहरा शतक भी लगाया और सीरीज में कुल 655 रन बनाए। ऐसे में कोहली का नाम आखिर टेस्ट टीम में क्यों नहीं था?, आइए जानते हैं कारण।
दरअसल आईसीसी ने अवॉर्ड्स की घोषणा 14 सितंबर 2015 से 20 सितंबर 2016 के प्रदर्शन के आधार पर की। और इस दौरान कोहली ने 8 मैचों में 45 की औसत के साथ सिर्फ 451 रन बनाए और इस दौरान कोहली ने सिर्फ एक शतक और एक ही अर्धशतक लगाया। भारत ने इस दौरान दो देशों के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेली। भारत ने पहले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपनी मेजबानी में 4 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली। इस सीरीज में कोहली का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। वहीं इसके बाद भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज की मेजबानी में चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेली। हालांकि कोहली ने इस दौरान अपने करियर का पहला दोहरा शतक लगाया। ये भी पढ़ें: आईसीसी ने घोषित की वनडे और टेस्ट टीम ऑफ द ईयर, टेस्ट में कोहली को नहीं मिली जगह
दक्षिण अफ्रीका दौरे की बात करें तो कोहली ने इस दौरे में कोहली ने सिर्फ एक अर्धशतक की मदद से कुल 200 रन ही बनाए। इस दौरान कोहली ने सिर्फ एक ही अर्धशतक जड़ा और उनका सर्वश्रेष्ठ 88 रन रहा था। साफ है दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली गई इस सीरीज में कोहली अपनी छाप छोड़ने में पूरी तरह नाकाम रहे और अपने नाम के अमुकूल प्रदर्शन नहीं कर पाए। हालांकि कोहली की कप्तानी में भारत ने सीरीज जीत ली थी। इसके बाद भारत ने वेस्टइंडीज की मेजबानी में चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेली। इस सीरीज में कोहली ने अपने करियर का पहला दोहरा शतक लगाया। लेकिन इसके बाद कोहली सीरीज में कुछ खास नहीं कर सके और एक भी अर्धशतक नहीं लगा सके। सीरीज में कोहली ने एक दोहरे शतक की मदद से सिर्फ 251 रन ही बना सके। हालांकि वेस्टइंडीज के खिलाफ भी भारत ने सीरीज जीती थी।
साफ है आईसीसी की समयसीमा के दौरान कोहली ने 8 मैचों में कुल 451 रन ही बनाए। इस दौरान कोहली ने एक शतक और एक ही अर्धशतक लगाया। वहीं इसी दौरान इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टेयर कुक ने 14 टेस्ट मैचों में 55 की औसत के साथ 1,269 रन बनाए। कुक ने इस दौरान दो शतक और सात अर्धशतक लगाए। कुक ने इसी समयसीमा के अंदर पाकिस्तान के खिलाफ 263 रनों की पारी भी खेली थी। वहीं स्टीवन स्मिथ के प्रदर्शन की बात करें तो इस दैरान उन्होंने 4 शतक लगाए और चार अर्धशतक लगाए। स्मिथ ने इस दौरान 11 मैचों में 900 से ज्यादा रन अपने नाम किए।
वहीं केन विलियमसन ने इस दौरान अपने बल्ले का जौहक दिखाते हुए चार शतक और सात अर्धशतक लगाए। वहीं 12वें खिलाड़ी के रूप में टीम में शामिल होने वाले विलियमसन ने इस दौरान 11 मैचों में 1,194 रन बनाए। साफ है कोहली के सर्वाकालीन दोनों ही बल्लेबाजों का प्रदर्शन कोहली से बहुत बेहतर था। इस लिहाज से कोहली को आईसीसी ने अपनी टेस्ट में जगह नहीं दी। हालांकि आईसीसी की समयसीमा के बाद कोहली का बल्ला जो चलना शुरू हुआ वह सबके सामने है। कोहली ने इसके बाद दो और दोहरे शतक लगाए और इंग्लैंड के खिलाफ अपने करियर का सर्वोच्च स्कोर भी बनाया। लेकिन कोहली को आईसीसी की टेस्ट टीम में जगह इसलिए नहीं मिली क्योंकि आईसीसी की समयसीमा के अंदर वह रन नहीं बना सके। ये भी पढ़ें: वनडे क्रिकेट में जब 425 रन बनाने के बाद भी 20 रनों से हार गई टीम
लेकिन कोहली के प्रशंसक भले ही इस बात से निराश हुए हों कि उन्हें टेस्ट टीम में जगह नहीं दी गई हो, लेकिन कोहली आईसीसी वनडे टीम के कप्तान नियुक्त किए गए हैं। कोहली ने आईसीसी की समयसीमा के दौरान 10 वनडे मैच खेले जिसमें उन्होंने 62 के शानदार औसत के साथ 626 रन बनाए, जिसमें 3 शतक ठोंके। इसके अलावा कोहली का स्ट्राइक रेट भी उनके करियर के स्ट्राइक रेट से भी ज्यादा 94.13 का रहा। वहीं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोहली ने 76 की औसत के साथ रन बनाए और दो शतक, दो अर्धशतक लगाए। साफ है कोहली को भले ही टेस्ट टीम में जगह ना मिली हो लेकिन वनडे टीम के वह कप्तान बने हैं जो उनके प्रशंसकों के लिए अच्छी खबर है।
बल्लेबाजी क्रम के आधार पर आईसीसी टेस्ट टीम कुछ इस प्रकार है: डेविड वार्नर (ऑस्ट्रेलिया), एलिस्टेयर कुक (इंग्लैंड) (कप्तान), केन विलियमसन (न्यूजीलैंड), जो रूट (इंग्लैंड), एडम वोग्स (ऑस्ट्रेलिया), जॉनी बेयरस्टो (इंग्लैंड) (विकेटकीपर), बेन स्टोक्स (इंग्लैंड), आर. अश्विन (भारत), रंगना हेराथ (श्रीलंका), मिशेल स्टार्क (ऑस्ट्रेलिया), डेल स्टेन (दक्षिण अफ्रीका) और स्टीव स्मिथ (ऑस्ट्रेलिया)।
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