Devbrat Bajpai
देवब्रत वाजपेयी क्रिकेटकंट्री हिंदी के साथ senior correspondent के पद पर कार्यरत हैं
Written by Devbrat Bajpai
Last Published on - January 14, 2017 1:24 PM IST
इंग्लैंड ने अंतिम बार भारत का दौरा साल 2012-13 में किया था। इस दौरे में इंग्लैंड ने पहले तीन मैचों की टेस्ट सीरीज और फिर दो टी20I मैचों की सीरीज खेली और सबसे बाद में 5 मैचों की वनडे सीरीज का आयोजन किया गयाा। चूंकि, टेस्ट सीरीज में भारत को इंग्लैंड के हाथों 2-1 से हार का सामना करना पड़ा। वहीं टी20I सीरीज 1-1 से बराबर पर छूटी। ऐसे में टीम इंडिया को इंग्लैंड को वनडे सीरीज में हराकर टेस्ट सीरीज की हार का बदला तो लेना ही था। ऐसी परिस्थिति में टीम इंडिया वनडे सीरीज के पहले विस्तृत स्तर पर तैयारी की। और अंततः सीरीज 3-2 से अपने नाम कर ली। लेकिन वनडे सीरीज का पहला मैच अनोखा साबित हुआ जब अंतिम ओवर तक गए इस मैच में दर्शकों की सांसे थमी रहीं। क्या रहा था इस मैच का रिजल्ट आइए जानते हैं।
राजकोट में खेले गए पहले मैच में इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टेयर कुक ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड टीम को कुक और ईयान बेल ने शानदार शुरुआत दी। दोनों ने पहले विकेट के लिए 27.4 ओवरों में 158 रन जोड़े। पहले विकेट के रूप में इयान बेल आउट हुए। उन्हें रहाणे ने रन आउट कर दिया। बेल ने 96 गेंदों में 85 रन बनाए। इसके थोड़ी देर बाद ही पारी के 32वें ओवर में पार्ट टाइम गेंदबाज सुरेश रैना ने कुक को रहाणे के हाथों झिलवाते हुए टीम इंडिया को दूसरी सफलता दिलवाई। कुक 83 गेंदों में 75 रन बनाकर आउट हुए। कुक के बाद बल्लेबाजी को आए केविन पीटरसन ने आते ही बड़े स्ट्रोक खेलने शुरू कर दिए। दूसरे छोर से इयोन मॉर्गन भी तेज आक्रमण कर रहे थे। ऐसा लग रहा था कि अगर थोड़ी देर ये और जमे रहे तो स्कोर 350 के पार जाएगा। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 65 गेंदों में 76 रन जोड़े। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। [ये भी पढ़ें: भारत बनाम इंग्लैंड, पहला वनडे(प्रिव्यू): जीत के साथ शुरू साल 2017 का अभियान शुरू करना चाहेगी टीम इंडिया]
पारी के 42वें ओवर में अशोक डिंडा ने मॉर्गन को अपनी ही गेंद पर लपक लिया और इस तरह भारत को 248 के स्कोर पर तीसरी सफलता मिल गई। मॉर्गन ने 38 गेंदों में 41 रन बनाए। 44वें ओवर में डिंडा ने एक बार फिर से टीम इंडिया को सफलता दिलवाई जब उन्होंने कोहली के हाथों पीटरसन को लपकवा दिया। पीटरसन 45 गेंदों में 44 रन बनाकर आउट हुए। इंग्लैंड के अब 255 रनों पर चार विकेट गिर गए थे। चूंकि, अब पारी के 6 ओवर ही बचे थे इसलिए हिटिंग तो लाजिमी थी। समित पटेल ने क्रेग कीस्वेटर के साथ मिलकर जबरदस्त हिटिंग की और स्कोर को 50 ओवरों में 4 विकेट पर 325 तक ले गए। इस तरह टीम इंडिया को 326 रनों का लक्ष्य मिला। समित पटेल ने इस दौरान 28 गेंदों में 44 रन बनाए।
भारत की ओर से अशोक डिंडा को सर्वाधिक दो विकेट मिले। वहीं सुरेश रैना को एकमात्र विकेट मिला। इनके अलावा अश्विन, जडेजा, भुवी, ईशांत, कोहली कोई विकेट लेने में सफल नहीं हो पाए।
जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया को रहाणे और गंभीर ने अच्छी शुरुआत दी। दोनों ने विकेट के चारों ओर चौकों की झड़ी लगा दी। आनन फानन में भारतीय टीम 100 रनों की ओर बढ़ने लगी लेकिन इसी बीच रहाणे को ट्रेडवेल ने डर्नबैक के हाथों झिलवाते हुए टीम इंडिया को पहला झटका 97 रनों के स्कोर पर दे डाला। रहाणे 47 रन बनाकर आउट हुए। इसके पहले कि टीम इंडिया संभलती अर्धशतक जड़कर गौतम गंभीर अगले ओवर में ही आउट हो गए और अब टीम इंडिया के 102 रनों पर दो विकेट गिर गए। गंभीर ने 52 रनों की पारी खेली। इसके बाद कोहली(15) ने युवराज सिंह के साथ मिलकर पारी को संभालने की कोशिश की लेकिन 138 के स्कोर पर कोहली भी चलते बने। कोहली ने 15 रन बनाए। इसके बाद रैना और युवराज जम गए और इंग्लैंड के गेंदबाजों की खूब बखिया उधेड़ी। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 60 रन बनाए। युवराज 54 गेंदों में 61 रन रन बनाकर आउट हुए और इस तरह भारत का चौथा विकेट 198 रनों पर गिर गया। अब जिम्मेदारी रैना और धोनी के कंधों पर थी कि टीम के स्कोर को जीत की ओर मोड़े।
लेकिन रैना 50 रन बनाकरआउट हो गए और टीम इंडिया का पांचवां विकेट 243 रनों पर गिर गया। रैना के आउट होने के बाद धोनी पर भारी दबाव आ गया और रन गति बढ़ाने के प्रयास में धोनी 25 गेंदों में 32 रन बनाकर आउट हो गए। इसी ओवर में जडेजा भी 13 रन बनाकर आउट हो गए और भारतीय टीम का निचला क्रम चरमराने लगा। ऐसी विपरीत परिस्थिति में भुवी और अश्विन ने मोर्चा संभाला। दोनों ने दो- दो चौके जड़े और स्कोर को 300 के नजदीक ले गए। लेकिन पारी के 48वें ओवर में अश्विन 13 रन बनाकर आउट हो गए और टीम इंडिया के 197 रनों पर आठ विकेट गिर गए। अब टीम इंडिया को आखिरी 15 गेंदों में 28 रन बनाने थे। इसी बीच 49वें ओवर की पहली गेंद पर भुवी ने चौका जड़ दिया और अब टीम इंडिया को 11 गेंदों में 23 रनों की दरकार थी।
लेकिन ब्रेसनन ने अगली गेंदें बड़ी चतुराई से फेंकी और कोई भी चौका नहीं दिया। अंततः 49वें ओवर की पांचवीं गेंद पर ब्रेसनन ने डिंडा को बोल्ड कर दिया और टीम इंडिया के 9 विकेट 307 रनों पर गिर गए। अंतिम ओवर में टीम इंडिया को 18 रन बनाने थे। डर्नबेक की पहली गेंद पर ईशांत शर्मा ने चौका जड़ दिया और अब टीम इंडिया को 5 गेंदों में 14 रन बनाने थे। लेकिन अगली पांच गेंदों में सिर्फ चार रन बने और टीम इंडिया 50 ओवरों में 316/9 का स्कोर बनाया और मैच 17 रन से मैच गंवा दिया।
This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.
Strictly Necessary Cookie should be enabled at all times so that we can save your preferences for cookie settings.
If you disable this cookie, we will not be able to save your preferences. This means that every time you visit this website you will need to enable or disable cookies again.