Gunjan Tripathi
गुंजन त्रिपाठी क्रिकेटकंट्री हिंदी की रिपोर्टर हैं
Written by Gunjan Tripathi
Last Published on - April 3, 2017 1:12 PM IST
दिल्ली डेयरडेविल्स आईपीएल की ऐसी टीम है जिसमें स्टार खिलाड़ियों की कमी कभी नहीं रही लेकिन फिर भी यह टीम अब तक एक भी आईपीएल खिताब नहीं जीत पाई है। वीरेंदर सहवाग, गौतम गंभीर, एबी डीविलियर्स, महेला जयवर्धने, तिलकरत्ने दिलशान और मॉर्ने मार्कल जैसे खिलाड़ी शुरुआती सीजन में दिल्ली टीम का हिस्सा थे। पहले दोनों आईपीएल सीजन में दिल्ली की टीम सेमीफाइनल तक पहुंची थी लेकिन उसके बाद से दिल्ली का प्रदर्शन लगातार गिरा। तीसरे सीजन के बाद से अब तक दिल्ली केवल एक ही बार प्लेऑफ में शामिल हो पाई है। आईपीएल की शुरुआत में सबसे मजबूत टीम माने जाने वाली दिल्ली के लिए आईपीएल ट्रॉफी सपना बनकर रह गई है।
कई बार कप्तान बदलने के बाद भी दिल्ली की किस्मत नहीं चमकी। हालांकि पिछले सीजन में भारत के सफल तेज गेंदबाज जहीर खान को कप्तानी सौंपने के बाद दिल्ली ने धमाकेदार शुरुआत की लेकिन शुरुआती मैच जीतने के बाद दिल्ली को लगातार हार का सामना पड़ा और वह ग्रुप टेबल में छठे नंबर पर पहुंच गई। वैसे यह प्रदर्शन दिल्ली के लिए बेहतर ही कहा जाएगा क्योंकि इससे पहले तीन सीजन में वह सातवें, आठवें और नौंवे नंबर पर रही थी।
आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स का अब तक का सफर:
सीजन | नतीजा | कप्तान |
2008 | सेमीफाइनल | वीरेंदर सहवाग |
2009 | सेमीफाइनल | वीरेंदर सहवाग |
2010 | पांचवे स्थान पर | गौतम गंभीर |
2011 | दसवें स्थान पर | वीरेंदर सहवाग |
2012 | प्लेऑफ | वीरेंदर सहवाग |
2013 | नौंवे स्थान | महेला जयवर्धने |
2014 | आठवें स्थान पर | दिनेश कार्तिक/केविन पीटरसन |
2015 | सातवें स्थान पर | जे पी ड्यूमिनी |
2016 | छठें स्थान पर | जहीर खान |
दिल्ली को लगी ‘चोट’ : आईपीएल का दसवां सीजन शुरू होने से पहले ही दिल्ली के दो विकेट गिर गए। इस टीम के दो अहम बल्लेबाज जेपी ड्यूमिनी और क्विंटन डी कॉक टूर्नामेंट से बाहर हो गए। दोनों ही साउथ अफ्रीकन बल्लेबाजों ने अलग-अलग वजह से अपना नाम आईपीएल से वापस लिया है। ड्यूमिनी जहां निजी कारणों की वजह से इस टूर्नामेंट में नहीं खेल पाएंगे वहीं डी कॉक उंगली में चोट के चलते आईपीएल से बाहर है। इन दोनों खिलाड़ियों के टीम ने ना रहने से बल्लेबाजी क्रम को तगड़ा झटका लगेगा, क्योंकि दिल्ली के लिए इन खिलाड़ियों ने हर सीजन में अच्छा प्रदर्शन किया है।
खिलाड़ी | मैच | रन | सर्वाधिक स्कोर | औसत | स्ट्राइक रेट | अर्धशतक | शतक | विकेट | गेंदबाजी रिकॉर्ड | औसत | इकॉनामी | चार विकेट | कैच | स्टंपिंग |
जे पी ड्यूमिनी | 77 | 1993 | 78* | 39.86 | 124.87 | 14 | 0 | 23 | 4 for 17 | 34.69 | 7.25 | 1 | 28 | 0 |
क्विंटन डी कॉक | 26 | 726 | 108 | 29.04 | 132.24 | 5 | 1 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 7 | 3 |
दिल्ली डेयरडेविल्स की ताकत:
टीम इंडिया का अनुभव(जहीर खान-राहुल द्रविड़): भारतीय टीम के सबसे सफल तेज गेंदबाज जहीर खान को पिछले सीजन में डेयरडेविल्स का कप्तान बनाया गया था। जहीर इस सीजन में भी दिल्ली टीम का नेतृत्व करते नजर आएंगे। देखा जाए तो जहीर इस टीम की सबसे बड़ी ताकत हैं। उनके पास विश्व की सबसे बेहतरीन टीमों और बल्लेबाजों के खिलाफ खेलने का अनुभव है जो आईपीएल में दिल्ली टीम के काम आ सकता है। 2016 में जहीर ने 12 मैचों में 7.71 की इकोनमी रेट से कुल 10 विकेट चटकाए। जहीर क्रिस मॉरिस और अमित मिश्रा के बाद दिल्ली के तीसरे सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। पहला सीजन उनके लिए भी नया था लेकिन अब हालात बदल चुके हैं और जहीर अपने नए अनुभव के साथ इस सीजन में उतरेंगे और उम्मीद है कि नतीजे भी जरूर बदलेंगे। [ये भी पढ़ें: आईपीएल 2017(प्रिव्यू): तीसरे खिताब पर रहेगी मुंबई इंडियंस की नजर]
इस बार जहीर का साथ देने के लिए राहुल द्रविड़ भी बतौर मेंटॉर दिल्ली टीम में मौजूद है। ये दोनों दिग्गज लंबे समय तक एक साथ खेल चुके हैं। भारतीय टीम के ये दो सदस्य दिल्ली की किस्मत पलट सकते हैं। बतौर कोच या मेंटॉर द्रविड़ कितने प्रभावशाली हैं ये सभी जानते हैं। आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स टीम ने उनके मार्गदर्शन में जबर्दस्त प्रदर्शन किया वहीं अंडर-19 टीम के कोच रहते हुए भी द्रविड़ ने आश्चर्यजनक नतीजे दिए। वहीं भारत ए के कोच के पद पर रहते हुए उन्होंने कई खिलाड़ियों को तैयार किया जो अब राष्ट्रीय टीम का हिस्सा है। हार्दिक पांड्या, के एल राहुल, जयंत यादव और करुण नायर इन सभी ने अपने प्रदर्शन का श्रेय द्रविड़ को दिया है। द्रविड़ की मौजूदगी दिल्ली टीम की ताकत को कई गुना बढ़ा देगी।
दिल्ली के ‘5 पांडव’: दिल्ली डेयरडेविल के पास पांच युवा और प्रतिभावान बल्लेबाज हैं जो किसी भी मैच का रुख बदल सकते हैं। श्रेयस अय्यर, करुण नायर, संजू सैमसन, ऋषभ पंत और इसी सीजन में टीम में शामिल हुए आदित्य तरे। ये पांचों खिलाड़ी बल्लेबाजी क्रम को अतिरिक्त मजबूती देते हैं। हालांकि तरे को छोड़कर बाकी चारों पिछले सीजन में भी दिल्ली के लिए खेल रहे थे लेकिन इस बार परिस्थिति बदल चुकी है। इस एक साल में नायर और पंत भारतीय टीम में डेब्यू कर चुके हैं। नायर जहां इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में तिहरा शतक जड़ चुके हैं वहीं पंत इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टी20 मैच में केवल पांच रन ही बना सके थे लेकिन घरेलू टूर्नामेंट्स में उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी का कोई जवाब ही नहीं है। [ये भी पढ़ें: कोलकाता नाइट राइडर्स का पहला घरेलू मैच खेल सकते हैं उमेश यादव]
श्रेयस अय्यर को भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला टेस्ट के लिए टीम में जगह दी गई थी, हालांकि वह मैच खेल नहीं पाए थे लेकिन ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत ए टूर मैच में उन्होंने दोहरा शतक जड़ा था। इन चारों खिलाड़ियों को राहुल द्रविड़ ने कोचिंग दी है। वहीं अगर आदित्य तरे की बात करें तो वह रणजी ट्रॉफी 2016-17 में मुंबई टीम के कप्तान रहे हैं। इस दौरान उनका प्रदर्शन लाजवाब रहा था। उन्होंने छह मैचों में कुल 258 रन बनाए साथ ही बतौर विकेटकीपर तरे ने 17 कैच पकड़े। तरे के अलावा संजू सैमसन और ऋषभ पंत भी विकेटकीपरिंग करते हैं। ऐसे में क्विंटन डी कॉक की कमी दिल्ली डेयरडेविल्स को इतनी ज्यादा नहीं खलेगी।
मजबूत गेंदबाजी: दिल्ली डेयरडेविल्स ने इस बार की नीलामी में ज्यादातर गेंदबाजों पर ही बोली लगाई। दिल्ली ने इस बार जो सबसे महंगा खिलाड़ी खरीदा वह है साउथ अफ्रीकन तेंज गेंदबाज कगीसो रबाडा। रबाडा को अपनी टीम में शामिल करने के लिए दिल्ली को पांच करोड़ रुपए चुकाने पड़े। हालांकि रबाडा जैसे प्रतिभावान गेंदबाज को खरीद कर दिल्ली ने यकीनन फायदे का सौदा किया है। रबाडा के अलावा दिल्ली ने 4.4 करोड़ में ऑस्ट्रेलियन तेज गेंदबाज पैट कमिन्स को खरीदा। कमिन्स ने हाल ही में भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया है। मिचेल स्टार्क की जगह टीम में आए कमिन्स ने काफी हद तक स्टॉर्क की कमी पूरी की। अब कमिन्स के पास भारतीय जमीन पर खेलने का अनुभव भी है। जहीर खान जैसे विश्वस्तरीय तेज गेंदबाज के साथ कमिन्स और रबाडा जैसे युवा पेसर्स का कॉम्बिनेशन विपक्षी टीमों के लिए घातक साबित हो सकता है। [ये भी पढ़ें: एडम जम्पा ने महेंद्र सिंह धोनी को लेकर मजाकिया ट्वीट किया]
अगर स्पिनर्स की बात करें तो यहां भी दिल्ली टीम का पलड़ा भारी है। अमित मिश्रा, जयंत यादव, मुरुगन अश्विन और शाहबाज नदीम के साथ दिल्ली की स्पिन गेंदबाजी पूरी तरह तैयार है। हालांकि इमरान ताहिर के ना रहने पर दिल्ली को विदेशी स्पिनर की कमी जरूर खेलगी।
विदेशी ऑलराउंडर्स: दिल्ली ने इस बार नीलामी में एंजेलो मैथ्यूज (2 करोड़) और कोरी एंडरसन (1 करोड़) जैसे दो ऑलराउंडर्स खिलाड़ियों को खरीदा है। वहीं दिल्ली टीम के पास क्रिस मॉरिस, कार्लोस ब्रैथवेट जैसे दो बेहतरीन ऑलराउंडर्स पहले से ही है। हालांकि मैथ्यूज की चोट दिल्ली के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है। आशंका है कि वह शुरुआती आईपीएल मैचों में शामिल नहीं होगे। दिल्ली डेयरडेविल की दूसरी परेशानी यह भी है कि उनके पास कोई भी अच्छा भारतीय ऑलराउंडर नहीं हैं। चूंकि नियमों के अनुसार अंतिम एकादश में केवल चार विदेशी खिलाड़ी हो सकते हैं ऐसे में किसी खिलाड़ी के चोटिल होने पर टीम कॉम्बिनेशन बनाने में परेशानी हो सकती है।
दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम: जहीर खान (कप्तान), जेपी ड्यूमिनी, मोहम्मद शमी, शाहबाज नदीम, मयंक अग्रवाल, जयंत यादव, अमित मिश्रा, श्रेयस अय्यर, सैम बिलिंग्स, संजू सैमसन, क्रिस मॉरिस, कार्लोस ब्रैथवेट, करुण नायर, ऋषभ पंत, चामा मिलिंद, सैयद खलील अहमद, प्रतिभू सिंह, आदित्य तरे, अंकित बावने, पैट कमिंस, कागीसो रबाडा , एंजेलो मैथ्यूज , नवदीप सैनी, मुरुगन अश्विन, शशांक सिंह, कोरी एंडरसन।
संभावित प्लेइंग इलेवन: जहीर खान (कप्तान), मयंक अग्रवाल, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत, करुण नायर, संजू सैमसन, कार्लोस ब्रैथवेट/क्रिस मॉरिस, कगीसो रबाडा, शाहबाज नदीम, अमित मिश्रा, पैट कमिंस।
This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.
Strictly Necessary Cookie should be enabled at all times so that we can save your preferences for cookie settings.
If you disable this cookie, we will not be able to save your preferences. This means that every time you visit this website you will need to enable or disable cookies again.