भारतीय क्रिकेट टीम पिछले चार साल से आईसीसी के बड़े टूर्नामेंटों में ‘चोकर्स’ साबित होती जा रही है और वह नॉकआउट में पहुंचते ही बाहर हो जाती है। विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम इंडिया को इंग्लैंड में जारी आईसीसी विश्व कप-2019 का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन टीम सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों 18 रन से हारकर एक बार फिर नॉकआउट से बाहर हो गई।
टूर्नामेंट के ग्रुप चरण में टीम शानदार खेली और वह इंग्लैंड से हार के बावजूद 10 टीमों की अंकतालिका में नौ मैचों में सात जीत के साथ 15 अंकों की बदौलत पहले नंबर पर रही। दूसरी तरफ न्यूजीलैंड की टीम ग्रुप चरण में चौथे स्थान पर रहकर सेमीफाइनल में पहुंची, जहां उसने रोमांचक मुकाबले में भारत को हरा दिया।
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ठीक इसी तरह 2015 के विश्व कप सेमीफाइनल में भी भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 95 रन से हार का सामना करना पड़ा था। ऑस्ट्रेलिया ने 328 रन का विशाल स्कोर बनाया था और फिर भारत को लक्ष्य से काफी दूर रोक दिया था।
2017 के चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में भी भारत को चिरप्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से 180 रन की शर्मनाक हार का मुंह देखना पड़ा था। इस मैच में पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत को 339 रन का विशाल लक्ष्य दिया, लेकिन बल्लेबाजों की नाकामी के चलते टीम लक्ष्य से काफी दूर रह गई।
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2016 के टी-20 विश्व कप में भी विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम चोकर्स साबित हुई जब वह 192 रन का स्कोर बनाने के बावजूद भी इस लक्ष्य का बचाव नहीं कर पाई और उसे वेस्टइंडीज के हाथों सात विकेट से हार का सामना करना पड़ा।
विश्व क्रिकेट में अब तक दक्षिण अफ्रीका को ही चोकर्स समझा जा रहा था, लेकिन इस बार वह सेमीफाइनल में पहुंचने में विफल रही।