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ओवल में मैचों केआयोजन के लिए इस टीम से सीख ले रहा सर्रे काउंटी क्लब

दक्षिण लंदन के इस मैदान पर अगले सप्ताह से इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच शुरू होना था

user-circle cricketcountry.com Written by Press Trust of India
Last Published on - May 28, 2020 12:34 PM IST

कोरोना वायरस के बावजूद इस सत्र में अपने ओवल मैदान पर काउंटी क्रिकेट मैचों के आयोजन के लिए इंग्लिश काउंटी सर्रे अमेरिकी फुटबाल टीम मियामी डॉल्फिन्स से सीख ले रही है।

दक्षिण लंदन के इस मैदान पर अगले सप्ताह से इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच शुरू होना चाहिए था लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण यह श्रृंखला और इंग्लिंश काउंटी सत्र जुलाई तक टाल दिया गया है।

सर्रे की टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो इंग्लैंड की राष्ट्रीय टीम का हिस्सा भी हैं। इनमें बल्लेबाज रोरी बर्न्स और ओली पोप, ऑलराउंडर सैम और टॉम कर्रन तथा विकेटकीपर बेन फोक्स शामिल हैं।

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लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि ओवल में इस सत्र में कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं हो पाएगा क्योंकि सभी मैचों को जैव सुरक्षित वातावरण में आयोजित करने की योजना है जिनमें लंकाशायर के ओल्ड ट्रैफर्ड और हैंपशायर के एजिस बॉउल स्टेडियम प्रमुख हैं जिनमें अंदर होटल की सुविधा भी है।

इस सप्ताह हालांकि ऐसी योजनाएं सामने आई है जिसमें सामाजिक दूरी के दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए ओवल की क्षमता 25,000 से घटाकर 6,000 करना है।

सर्रे के मुख्य कार्यकारी रिचर्ड गॉउल्ड से पूछा गया कि उन्होंने इस तरह की योजना कैसे तैयार की, उन्होंने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो हम मियामी डॉल्फिन्स के काम की नकल कर रहे हैं।’

इस महीने के शुरू में डॉल्फिन्स ने दर्शकों की संख्या में कमी और सामाजिक दूरी के दिशानिर्देशों का पालन करने की अपनी योजना का खुलासा किया था। इसमें स्टेडियम के प्रत्येक गेट से निश्चित समय पर प्रवेश और बाहर निकलना तय होगा। उसने स्टेडियम की क्षमता भी 80,000 से 15,000 करने का फैसला किया है। सभी दर्शकों के लिये मास्क लगाना अनिवार्य होगा। वे खाने का आर्डर दे सकते हैं जिसे उनकी निश्चित सीट पर पहुंचा दिया जाएगा।

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इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है लेकिन ऐसी आशंका जतायी जा रही है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह पहला सत्र हो सकता है जिसमें काउंटी क्रिकेट नहीं खेला गया।

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गॉउल्ड ने कहा, ‘हमें पूरी उम्मीद है कि काउंटी सत्र होगा। अंतरराष्ट्रीय सत्र ही नहीं काउंटी सत्र भी होगा।’