Cricket Country Staff
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Written by Cricket Country Staff
Last Published on - February 19, 2019 11:32 AM IST
भारत के इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट क्रिकेट मे कदम रखने वाले रिषभ पंत के लिए ये सीरीज काफी अहम साबित हुई। पंत को ऋद्धिमान साहा के चोटिल होने पर अचानक टेस्ट टीम में बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज शामिल कर लिया गया, जिसका उन्होंने पूरा फायदा उठाया। वहीं विकेटकीपिंग के लिए सबसे मुश्किल जगह माने जाने वाले इंग्लैंड में पंत का सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा। पंत ने विकेट के पीछे कैच और डिसमिसल के कई रिकॉर्ड बनाए लेकिन साथ ही साथ काफी अतिरिक्त रन भी दिए। हालांकि पंत का कहना है कि पहले दौरे को ध्यान में रखते हुए उनका प्रदर्शन अच्छा था।
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ईएसपीएन क्रिकइंफो को दिए इंटरव्यू में इंग्लैंड में विकेटकीपिंग के अपने अनुभव पर बात करते हुए पंत ने कहा, “आप आईपीएल में इन सभी गेंदबाजों का सामना करते हैं। घरेलू क्रिकेट में यही गेंदबाज होते हैं। बस गेंद इंग्लैंड में बहुत ज्यादा हरकत करती है। लेकिन ये ठीक है, पहला मौका कभी ना कभी तो आता है है। लेकिन मैं कह सकता हूं कि एक विकेटकीपर के रूप में, जब मैंने इंडिया ए के लिए इंग्लैंड लायंस के खिलाफ मैच खेला था, तो मुझे समझ आ गया था कि क्या उम्मीद करनी है। इसके अलावा, ये मैच ड्यूक बॉल के साथ खेले गए थे। और ये भारत ए के गेंदबाज ही हैं जो भविष्य में टेस्ट में गेंदबाजी करते हैं। जब तक आप एक अच्छे गेंदबाज नहीं हैं, आप भारत ए टीम में नहीं आएंगे।”
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बाय के जरिए गए अतिरिक्त रनों पर पंत ने कहा, “मैं इससे ज्यादा निराश नहीं हुआ क्योंकि अगर आप देखें तो आपको पता चलेगा कि उनमें से 90 प्रतिशत को बाय देना चाहिए था या कुछ और (वाइड)। जिन लोगों ने लाइव मैच देखा, इंग्लैंड टीम के विकेटकीपिंग कोच ब्रूस फ्रेंच और जोस बटलर दोनों ने कहा कि उन्होंने किसी को पहले दौरे पर इंग्लैंड में इतनी अच्छी विकेटकीपिंग करते नहीं देखा। हां, मैने बाय रन दिए। जाहिर है इससे मुझे थोड़ी निराशा हुई लेकिन अगर मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहा हूं और फिर भी उन्हें नहीं रोक पा रहा हूं, अगर गेंदबाज खुद आकर मुझसे माफी मांग रहा है- मैं बाउंड्री दे रहा हूं और वो माफी मांग रहा है तो आपको महसूस होता है। मैं इससे भाग नहीं रहा हूं, मैं कई बार गेंद को सही समय पर नहीं पकड़ पाया लेकिन ज्यादातर गेंद पकड़ने के लिए काफी मुश्किल थी।”
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काफी अतिरिक्त रन जाने और कुछ कैच छूटने के बावजूद पंत ने मैदान पर हमेशा सकारात्मकता दिखाई। उनका कहना है कि एक क्रिकेटर के तौर पर आपको मुश्किल हालात में खुद को सकारात्मक रखना आना चाहिए। पंत ने कहा, “खुद को सकारात्मक रखना सबसे मुश्किल काम होता है। खासकर अपनी डेब्यू सीरीज में, इस तरह के हालातों में। दबाव बनता जाता है लेकिन बतौर विकेटकीपर आपको खेलते रहना होता है। बाय होंगी, कैच छूटेंगे लेकिन जरूरी ये है कि आप अगले मौके के लिए तैयार रहें। क्योंकि कैच का अगला मौका जरूर आएगा। अगर आप सकारात्मक नहीं रहेंगे तो आप वो मौका भी गंवा देंगे। गलती सुधारने के लिए सकारात्मक रहना जरूरी है। एक खिलाड़ी के तौर पर आपको ऐसा करना आना चाहिए।”
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पंत ने आगे कहा, “मैं हमेशी चीजों के सकारात्मक पक्ष को देखता हूं। विकेटकीपिंग सिर्फ भावना के बारे में है और इंग्लैंड में अपनी विकेटकीपिंग को लेकर मैं अच्छा महसूस करता हूं। इसलिए मैं स्कोरबोर्ड की तरफ ज्यादा नहीं देखता। एक विकेटकीपर के रूप में, और एक युवा खिलाड़ी के रूप में, अगर मैं सीखता नहीं हूं, तो बहुत मुश्किल होगी। हमेशा अपनी गलतियों से सीखते रहना जरूरी है। मैं लगातार विश्लेषण कर रहा था कि कौन सी गेंदें मैं पकड़ सकता था।”
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