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'टीम मैनेजमेंट को शुरू से धोनी को आक्रामक खेलने की आजादी देनी चाहिए'

सीनियर ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह बोले-मुझे लगता है कि एमएस अपना सर्वश्रेष्ठ तभी करते हैं जब वह शुरू से ही गेंद को हिट करते हैं

user-circle cricketcountry.com Written by Press Trust of India
Last Updated on - May 17, 2019 7:02 PM IST

भारतीय क्रिकेट टीम के सीनियर ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने कहा है कि महेंद्र सिंह धोनी की करारे शॉट मारने की कला अब भी बरकरार है और भारतीय टीम प्रबंधन को विश्व कप के दौरान उन्हें शुरू से ही आक्रमण करने के लिए जरूर उतारना चाहिए।

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पर ऐसा देखा जा रहा है कि धोनी अब आक्रामक रूख अख्तियार करने से पहले क्रीज पर काफी समय बिता रहे हैं, लेकिन एक समय राष्ट्रीय टीम और मौजूदा चेन्नई सुपरकिंग्स के साथी हरभजन चाहते हैं कि वह शुरू से ही आक्रामक रहें।

हरभजन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि वह अपना सर्वश्रेष्ठ तभी करते हैं जब वह शुरू से ही हिट करते हैं। उनकी कुछ सर्वश्रेष्ठ पारियां तब बनी हैं जब उन्होंने शुरू से ही आक्रामक रूख किया है। मुझे लगता है कि टीम प्रबंधन को उन्हें और हार्दिक पांड्या को उनके मन मुताबिक बल्लेबाजी करने की छूट देनी चाहिए। कोई पांबदी नहीं।’

हरभजन का मानना है शीर्ष क्रम के बल्लेबाज शिखर धवन, रोहित शर्मा, विराट कोहली और लोकेश राहुल अच्छी पारियां खेल सकते हैं इसलिए धोनी आक्रमाक खेलने के लिए आजाद हैं।

लेकिन यह पूछने पर कि जब मध्य ओवरों में जब स्पिनर जैसे मिशेल सैंटनर या नेथन लियोन गेंदबाजी करेंगे तो उन्होंने कहा, ‘मैं यही कहना चाहता हूं। धोनी किसी भी स्पिनर की दूसरी गेंद पर छक्का जड़ देते। उसे ऐसा करना चाहिए और वह ऐसा कर भी सकते हैं क्योंकि मैंने चेन्नई सुपरकिंग्स के नेट्स में उन्हें देखा है।’

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हरभजन चाहते हैं कि धोनी की की वही धाकड़ मौजूदगी बरकरार रहे जैसे कि उनकी और वीरेंद्र सहवाग की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके सर्वश्रेष्ठ वर्षों के दौरान रहती थी।

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बकौल भज्‍जी, ‘मैं आपको बता सकता हूं कि एक गेंदबाज का दिमाग कैसे काम कर रहा है। मान लीजिए अगर मैं केविन पीटरसन और इयान बेल को गेंदबाजी कर रहा हूं तो मैं बेल की तुलना में पीटरसन के बारे में ज्यादा चिंतित रहूंगा। मैं केपी को दो डॉट गेंद फेक सकता हूं लेकिन उसमें ऐसी काबिलियत है कि वह मेरी गेंदों पर शॉट जड़ दे। जबकि बेल एक-एक रन के लिए खेलेंगे। धोनी भी केपी की तरह गेंदबाजों को भयभीत कर देते हैं। उनका दबदबा ऐसा ही है।’