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IND vs AUS: तेंदुलकर और कोहली की विरासत आगे बढ़ाएगा यह भारतीय खिलाड़ी, पूर्व कंगारू दिग्गज ने की बड़ी भविष्यवाणी

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज ग्रेग चैपल ने भारत के युवा स्टार बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल की जमकर तारीफ की है.

user-circle cricketcountry.com Written by Saurav Kumar
Last Updated on - November 26, 2024 4:45 PM IST

Australia legend Praised Yashasvi Jaiswal: भारत के पूर्व कोच ग्रेग चैपल का मानना है कि यशस्वी जायसवाल में सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली की बल्लेबाजी में उत्कृष्टता की परंपरा को आगे ले जाने का माद्दा है.

‘सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड’ के लिये अपने कॉलम में चैपल ने कहा कि वह आस्ट्रेलिया के खिलाफ यहां पहले टेस्ट में 161 रन की पारी खेलने वाले जायसवाल से काफी प्रभावित हैं . भारत ने पहला टेस्ट 295 रन से जीता.

जायसवाल बढ़ाएंगे कोहली और सचिन की विरासत

चैपल ने लिखा ,‘‘ यह युवा सलामी बल्लेबाज निर्भीक है और सचिन तेंदुलकर तथा विराट कोहली की तरह उत्कृष्ट बल्लेबाजी की विरासत को आगे ले जा सकता है .’’ वर्ष 2005 से 2007 के बीच भारत के कोच रहे चैपल ने पारंपरिक प्रारूप में युवाओं को तैयार करने में भारतीय और आस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड की रणनीति में भारी अंतर को भी रेखांकित किया .

उन्होंने लिखा ,‘‘ जायसवाल का सफर दिखाता है कि भारत की रणनीति और बुनियादी ढांचे ने कैसे विश्व क्रिकेट में उसका दबदबा बनाया है . भारत के लिये खेलने का सपना पूरा करने के लिये उसे सर्वश्रेष्ठ प्रतिस्पर्धाओं की तलाश में दस वर्ष की उम्र में यह युवा बल्लेबाज मुंबई आया था .’’

चैपल ने लिखा ,‘‘ भारतीय अंतिम एकादश में जगह बनाना कितना मुश्किल है , यह देखते हुए उसकी प्रतिबद्धता गजब की है . भारत में इतने सारे खिलाड़ी हैं जो टेस्ट क्रिकेट खेल सकते हैं लेकिन कइयों को प्रदेश की टीम में भी मौका नहीं मिलता .’’

उन्होंने लिखा ,‘‘ आस्ट्रेलिया के नाथन मैकस्वीनी से तुलना कर लीजिये . बाईस वर्ष के जायसवाल ने 14 टेस्ट, 30 प्रथम श्रेणी मैच, 32 लिस्ट ए मैच और 53 आईपीएल मैच खेल लिये हैं . वहीं 25 वर्ष के मैकस्वीनी ने पदार्पण टेस्ट खेलने के अलावा 34 प्रथम श्रेणी, 22 लिस्ट ए और 18 टी20 मैच खेले हैं .’’

राहुल द्रविड़ ने भी किया अच्छा काम

उन्होंने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के पूर्व प्रमुख और चैपल के रहते भारत के कप्तान रहे राहुल द्रविड़ की भी तारीफ की . उन्होंने कहा ,‘‘भारत में दीर्घकालिन रणनीति को देखते हुए राहुल द्रविड़ के मार्गदर्शन में युवा स्तर पर क्रिकेट को तरजीह दी गई . इससे खिलाड़ियों को खेल की बारीकियों को समझने का मौक मिला . वहीं आस्ट्रेलिया में युवा क्रिकेटरों के लिये उतने मौके नहीं है और प्रतिस्पर्धा की बजाय स्कूल को तरजीह दी जाती है .’’

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चैपल ने लिखा ,‘‘ मैने एक बार युवा सरफराज खान से पूछा कि स्कूल और खेल में संतुलन कैसे बनाते हो तो उस समय 16 साल के सरफराज ने कहा कि वह स्कूल नहीं जाता . उसने कहा कि स्कूल बाद में भी जा सकता है लेकिन क्रिकेट खेलने का मौका बार बार नहीं मिलता .’’