जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में चेन्नई और राजस्थान के बीच खेले गए मुकाबले में जहां एक ओर मेहमान टीम जीत दर्ज करने में कामयाब रही, वहीं मैदान पर दो अंपायरों के बीच विवाद भी देखने को मिला। आखिरी ओवर में चेन्नई को जीत के लिए 18 रन की दरकार थी। इस विशोल स्कोर को भी गेंदबाज बेन स्टोक्स डिफेंड नहीं कर पाए।
रवींद्र जडेजा ने ओवर की पहली गेंद पर स्ट्रेट छक्का लगाया। अगली गेंद पर बेन स्टोक्स का बल्ला लाइन से आगे निकल गया, जिसके कारण इसे नोबॉल करार दिया गया। इस गेंद पर कुल दो रन आए और चेन्नई को फ्री हिट भी मिली। ओवर की दूसरी गेंद दोबारा फेंकी गई, जिसपर महेंद्र सिंह धोनी ने भाग कर दो रन लिए। अब चेन्नई को जीत के लिए चार गेंद पर आठ रन की दरकार थी। यहां से मैच चेन्नई के लिए आसान नजर आने लगा था। हालांकि अगली ही गेंद पर स्टोक्स ने धोनी को बोल्ड कर दिया।
अंपायरों के बीच मैदान पर हुआ विवाद
अब चेन्नई को जीत के लिए तीन गेंद पर आठ रन बनाने थे। मेहमान टीम की चिंताएं एक बार फिर बढ़ने लगी थी। चौथी गेंद स्टोक्स ने डायरेक्ट बेस से ऊपर फेंकी। सामने खड़े अंपायर उल्हास गान्धे ने इसे नोबॉल करार दिया। हालांकि ये अधिकार लेग अंपायर का होता है। लेग अंपायर ब्रूस ऑक्सनफोर्ड ने इसे नोबॉल नहीं दिया था। उन्होंने इसे नोबॉल नहीं माना और विवाद शुरू हो गया।
बीच ग्राउंड पर ये सवाल उठ रहे थे कि ये नोबॉल है या नहीं। अगर ये नोबॉल है तो फिर इसपर चेन्नई को एक और फ्री हिट मिलेगी। राजस्थान के खिलाड़ियों ने इसपर आपत्ति जताई। वहीं, सीमा रेखा के बाहर खड़े धोनी भी अंपायरों के बीच विवाद को लेकर गुस्से में दिखे और वो तुरंत मैदान पर आ गए। मैच के ऐसे मोड़ पर दोनों टीमों के बीच मामला काफी बढ़ गया। हालांकि अंत में इसे नोबॉल करार नहीं दिया गया। इस गेंद पर मिशेल सेंटनर ने भाग कर कुल दो रन लिए। आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर सेंटनर ने चेन्नई को जीत दिलाई।