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झारखंड को 124 रनों से हराकर गुजरात रणजी ट्रॉफी फाइनल में पहुंचा
जसप्रीत बुमराह के सात विकेटों की मदद से गुजरात ने हासिल की जीत, आर पी सिंह ने भी की बेहतरीन गेंदबाजी।
Written by Gunjan Tripathi
Last Published on - January 4, 2017 5:36 PM IST


रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल मैचों में से एक का नतीजा आ चुका है। गुजरात बनाम झारखंड मैच में कड़े मुकाबले के बाद आखिरकार गुजरात ने 124 रन के जीत दर्ज कर फाइनल में जगह बना ली है। दूसरी पारी में लक्ष्य का पीछा करते हुए झारखंड ने जल्दी विकेट खो दिए। वहीं झारखंड की हार की सबसे बड़ी वजह बनें जसप्रीत बुमराह। बुमराह जिन्हें वनडे और टी20 के लिए आदर्श गेंदबाज माना जाता है, उन्होंने इस रणजी सत्र में बेहतरीन गेंदबाजी का प्रदर्शन किया। आज जब क्वार्टर फाइनल मैच अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया तो उन्होंने अपनी टीम के लिए शानदार गेंदबाजी करते हुए छह विकेट लिए और झारखंड टीम के बल्लेबाजी क्रम को बिखेर दिया। ये भी पढ़ें: रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल मैचों के चौथे दिन का लाइव ब्लॉग
गुजरात टीम का बल्लेबाजी क्रम इस सत्र की अन्य सभी टीमों से बेहतर रहा है। मैच के पहले दिन बल्लेबाजी करते हुए गुजरात ने 390 रनों का विशाल स्कोर बनाया। इसमें सबसे अधिक योगदान रहा गुजरात के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज प्रियांक पांचाल का, जिन्होंने 149 रन बनाए। पांचाल ने इस पूरे सत्र में गुजरात के लिए बेहतरीन बल्लेबाजी की है। वहीं 309 रन का पीछा करते हुए झारखंड टीम ने अपनी पहली पारी में 408 रन बनाकर केवल 18 रन की बढ़त हासिल की। झारखंड टीम के लिए शतकवीर बनें ईशान जग्गी जिन्होंने 182 गेंदों पर 129 रन बनाए। झारखंड टीम इससे अधिक की बढ़त हासिल कर सकती थी लेकिन गुजरात के गेंदबाज आर पी सिंह ने अपनी घातक गेंदबाजी से विपक्षी टीम को आगे बढ़ने से रोका। उन्होंने 90 रन देकर छह विकेट चटकाए। आर पी सिंह काफी समय से भारतीय टीम में वापसी की कोशिश कर रहे हैं। इस प्रदर्शन के बाद शायद चयनकर्ताओं की नज़र उन पर पड़े। दूसरी पारी में गुजरात की टीम ने झारखंड की 18 रन की बढ़त को पार कर झारखंड को जीत के लिए 233 रनों का लक्ष्य दिया। ये भी पढ़ें: रणजी सेमीफाइनल में न खेलने के सवाल पर रविचंद्रन अश्विन ने फैन को दिया जवाब
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फाइनल में जगह बनाने उतरी झारखंड टीम को जीत के लिए 233 रन बनाने थे लेकिन उनके सामने आर पी सिंह और जसप्रीत बुमराह रुकावट बनकर खड़े थे। झारखंड टीम ने 27 रन पर ही तीन विकेट खो दिए थे और इसके बाद विकटों को सिलसिला रुका ही नहीं। बुमराह के छह विकेट के अलावा आर पी सिंह ने तीन और हार्दिक पटेल ने एक विकेट लिया। 111 रन पर जब झारखंड के नौ विकेट गिर चुके थे तब विकास का विकेट लेकर आर पी सिंह ने अपनी टीम को फाइनल में पहुंचाया। अब मुंबई बनाम तमिलनाडू मैच के नतीजे के बाद पता चल पाएगा कि गुजरात को किस टीम का सामना करना पड़ेगा।