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रूट की शानदार फार्म लॉकडाउन के दौरान अपनी तकनीक पर काम करने का नतीजा: एथरटन

इंग्लिश कप्तान जो रूट ने भारत के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन 180 रनों की शानदार पारी खेली।

user-circle cricketcountry.com Written by Cricket Country Staff
Last Published on - August 15, 2021 1:18 PM IST

पूर्व कप्तान माइक एथरटन का मानना है कि इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान जो रूट को पिछले साल कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान अपनी बल्लेबाजी तकनीक पर काम करने का फायदा मिल रहा है।

इस साल 30 साल के रूट टेस्ट क्रिकेट में बेहतरीन फार्म में हैं। शनिवार को उन्होंने भारत के खिलाफ लार्ड्स में सीरीज का दूसरा शतक जड़ा और 180 रन बनाकर नाबाद रहे जिससे इंग्लैंड ने 27 रन की बढ़त हासिल की।

एथरटन ने ‘स्काई स्पोर्ट्स’ से कहा, “मुझे लगता है कि उसने लॉकडाउन के दौरान अपनी बल्लेबाजी पर कुछ शानदार काम किया है और उसे इसका फायदा मिल रहा है। ये सब तब हुआ जब वो 29 साल का था और उसका करियर शानदार चल रहा था।”

उन्होंने कहा, “लेकिन लॉकडाउन ने उसे आराम करने का मौका दिया और इस दौरान उसने कहा था, ‘मेरे करियर का दूसरा हाफ आने वाला है और मैं शानदार खिलाड़ी से सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक बन सकता हूं’।”

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रूट ने इस शतकीय पारी से टेस्ट क्रिकेट में 9000 रन भी पूरे किए। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान से क्रिकेट लेखक बने एथरटन ने कहा, “उसने बल्लेबाजी विश्लेषक से पिछले पांच सालों के उनके आउट होने के तरीके की वीडियो भेजने को कहा और उसने इन्हें बारीकी से देखकर उन कमियों को दूर करने का प्रयास किया। उसे इसका फल भी मिल रहा है।”

उन्होंने कहा, “उसने अब थोड़ा सा तकनीकी बदलाव किया है और बल्लेबाजी करते हुए वह अपने पीछे वाले पैर को बिलकुल सीधा पीछे रखता है। इससे उसका एलबीडब्ल्यू आउट होने का मौका कम रहता है।”

एथरटन ने कहा, “पिछले तीन सालों से वो सीम और तेज गेंदबाजी के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर अपनी सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी करता है। लेकिन वो अब अपनी स्वर्णिम फार्म में है जो 2021 के शुरू हुई जब इंग्लैंड श्रीलंका गया था।”

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उन्होंने कहा, “सबसे बेहतरीन चीज है कि वो कप्तानी और उम्मीदों के बोझ से दबा हुआ नहीं महसूस करता। इस पारी को ही देखिए, वो तब बल्लेबाजी करने उतरा था तब भारत ने दो गेंदों पर दो विकेट झटक लिये थे और यह हैट्रिक गेंद थी।”

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एथरटन ने कहा, “वो जो रूट ‘द बैट्समैन’ है, जो रूट ‘द कैप्टन’ नहीं जो उम्मीदों और दबाव से दबा हुआ हो और वह पूरी आजादी के साथ खेलता है।”