This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.
पूर्व इंग्लिश कप्तान ने ICC पर बोला बड़ा हमला, टीम इंडिया की साइड लेने का लगाया आरोप
माइकल वॉन की शिकायत यह है कि भारत को अपने सभी मैच सुबह खेलने को मिले जो भारतीय दर्शकों के मुफीद हैं क्योंकि वे शाम को मैच देखते हैं.
Written by Vanson Soral
Last Updated on - June 27, 2024 9:10 PM IST

लंदन। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन का मानना है कि मौजूदा T20 वर्ल्ड कप ‘पूरी तरह से भारत के हिसाब से बनाया गया है’ और वैश्विक संस्था ICC को अन्य देशों के प्रति थोड़ा निष्पक्ष होना चाहिए क्योंकि यह सिर्फ व्यावसायिक फायदे के लिए करायी जाने वाली द्विपक्षीय सीरीज नहीं है. वॉन अकसर भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और भारत की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी ताकत दिखाने के लिए आलोचना करते रहते हैं. 49 वर्षीय वॉन ने यूट्यूब चैनल ‘क्लब प्रेयरी फायर’ पर आस्ट्रेलिया के महान खिलाड़ी एडम गिलक्रिस्ट के साथ पोडकास्ट के दौरान कहा, ‘‘यह उनका टूर्नामेंट है, क्या ऐसा नहीं है? सचमुच ऐसा ही है. आप जानते हैं. वे जब चाहें तब खेल सकते हैं, उन्हें पता है कि उनका सेमीफाइनल कहां है, वे हर मैच सुबह खेलते हैं ताकि रात में भारत में लोग टीवी पर उन्हें देख सकें.’’
पैसा क्रिकेट के लिए अहम
वॉन की शिकायत यह है कि भारत को अपने सभी मैच सुबह खेलने को मिले जो भारतीय दर्शकों के मुफीद हैं क्योंकि वे शाम को मैच देखते हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) पर भारत की वित्तीय ताकत के आगे झुकने के लिए निशाना साधा. वॉन ने कहा, ‘‘मुझे मालूम है कि पैसा क्रिकेट की दुनिया के लिए काफी महत्वपूर्ण है और मुझे द्विपक्षीय सीरीज में भी यह बात समझ में आती है. लेकिन जब आप वर्ल्ड कप में खेलते हैं तो ICC को सभी के प्रति थोड़ा निष्पक्ष होना चाहिए. ’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जब आप वर्ल्ड कप में खेलते हैं तो इस टूर्नामेंट में किसी एक टीम के प्रति सहानुभूति या किसी भी तरह का झुकाव नहीं हो सकता है. पर यह टूर्नामेंट पूरी तरह से भारत के लिए तैयार किया गया है. बहुत सरल बात है.’’ वह यह भी मानते हैं कि भारत जैसी काबिल टीम को क्रिकेट मैच जीतने के लिए किसी भी तरह के अहसान की जरूरत नहीं है. भारत ने एक भी रात का मैच नहीं खेला और वह एकमात्र टीम थी जिसका क्लासिफिकेशन (ए1) स्थायी था और सेमीफाइनल स्थल (गयाना) भी निश्चित था. ’’
उन्होंने स्थल की पसंद पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘भारतीय समर्थकों का मानना है कि कागज पर शायद उनके पास सर्वश्रेष्ठ टीम है इसलिये उन्हें कुछ भी करने की जरूरत नहीं है. वे रात का मैच जीत सकते हैं, उन्हें गयाना में सेमीफाइनल खेलने की जरूरत नहीं है क्योंकि वहां जून में 30 में से 24 दिन बारिश होती है.’’
रिजर्व डे क्यों नहीं?
वॉन ने साथ ही इतने बड़े टूर्नामेंट के लिए ‘रिजर्व डे’ नहीं होने पर सवाल भी उठाये. उन्होंने कहा, ‘‘रिजर्व डे क्यों नहीं है? मैं टूर्नामेंट के नियमों और दिशानिर्देशों के बारे में पढ़ रहा था. इसमें वास्तव में भारत के बारे में लिखा है. नियमों की पुस्तिका में भारतीय टीम के बारे में टिप्पणी हैं जो मुझे लगता है कि द्विपक्षीय मैचों में होती है विश्व कप में नहीं.’’
गिलक्रिस्ट भी वॉन से सहमत थे कि बहुत से भारतीय प्रशंसकों को लगता है कि कार्यक्रम से समझौता किया गया है. आस्ट्रेलिया के इस पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, ‘‘कुछ जुनूनी क्रिकेट समर्थक इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं और सहमत हैं कि कार्यक्रम में कुछ हद तक समझौता किया गया है.‘‘ गिलक्रिस्ट ने कहा, ‘‘भारत टूर्नामेंट में लगातार प्रदर्शन करने वाली सर्वश्रेष्ठ टीम रही है. शायद दक्षिण अफ्रीका भी. लेकिन भारत को जीतना चाहिए और अगर वे ऐसा करते हैं तो यह उनके लिए अच्छा है. ’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आप सही कह रहे हैं. ऐसे बहुत से भारतीय समर्थक हैं जो इतने भोले नहीं है कि उन्हें यह दिखायी नहीं दे रहा. ’’ यहां पर इस बात का भी जिक्र किया जाना चाहिए कि पूर्व वरीयता या पहले से ही स्थल तय करना आईसीसी की एक पुरानी परंपरा रही है जिसने एक निश्चित अवधि के दौरान आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड जैसे देशों की मदद की क्योंकि इनका उस समय आईसीसी के मामलों में बड़ा दखल होता था. यहां तक कि वेस्टइंडीज बोर्ड भी जिसके अधिकारी इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड की इच्छा के अनुसार चलते थे.
TRENDING NOW
उदाहरण के लिए 1992 में पहले से तय था कि दोनों सह मेजबान आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड सिडनी और ऑकलैंड में अपने घरेलू मैदानों में सेमीफाइनल खेलेंगे जबतक वे एक दूसरे के सामने नहीं होंगे. वहीं 1996 में पाकिस्तान को घरेलू क्वार्टर फाइनल खेलने का वादा किया गया था जब तक कि वे भारत के खिलाफ नहीं खेलें (अंत में यह मैच बेंगलुरू में हुआ). 2011 में सह मेजबान भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश को घरेलू नॉक-आउट मैच खेलने का वादा किया गया था. तो यह स्पष्ट है कि पिछले कुछ वर्षों में सभी टीमों के लिए टी20 विश्व कप में पहले से तय वरीयता रही है.