This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.
17 साल में बना इंटरनेशनल स्टार, न आती है हिन्दी न बोल पाता है इंग्लिश
अफगानिस्तान ने बांग्लादेश को तीन मैचों की टी-20 सीरीज में 2-0 से हरा दिया है।
Written by Sandeep Gupta
Last Updated on - June 6, 2018 3:32 PM IST

अफगानिस्तान क्रिकेट का उदय बीते एक साल में जितनी तेजी से हुआ उसकी किसी ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। आतंकवाद से ग्रस्त इस देश में क्रिकेट हाशिए रहा, लेकिन राशिद खान जैसे खिलाड़ी ने महज 19 साल की उम्र में इतनी तेजी से तरक्की पाई कि वो आईसीसी टी-20 रैंकिंग में नंबर एक गेंदबाज बन गया। राशिद को तो विदेशी लीग में खेलने का मौका, जिसके कारण वो ठीक ठाक हिन्दी और अंग्रेजी बोलने लगे, लेकिन अफगानिस्तान की टीम का एक स्पिन गेंदबाज ऐसा भी है जो राशिद जितना नामी तो नहीं है, लेकिन महज 17 साल की उम्र में अच्छी गेंदबाजी से वो सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
आईपीएल में किया शानदार प्रदर्शन
मुजीब-उर-रहमान इन दिनों देहरादून में बांग्लादेश के खिलाफ टी-20 सीरीज खेल रहे है। उन्हें आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से खेलने का मौका मिला तो पहली बार सुर्खियों में आए। आईपीएल में मुजीब ने 11 मैचों में 6.99 की इकनॉमी से 289 रन दिए और 14 विकेट निकाले। इस शानदार प्रदर्शन से मुजीब ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।
चाचा ने सिखाया क्रिकेट
मुजीब ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान बताया, ” अफगानिस्तान के बाकी प्लेयर्स जैसी स्थिति मेरे साथ नहीं थी। मेरे चाचा नूर अली जादरान अफगानिस्तान की तरफ से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते रहे हैं। वो अफगानिस्तान के डेब्यू वनडे मैच में भी टीम का हिस्सा थे। मैं काबुल में अपने चाचा के घर ही रहा और उन्हीं की क्रिकेट एकेडमी में क्रिकेट सीखा।” मुजीब ने कहा, “मैं काफी कम उम्र में ही अपने चाचा को इस माइंड सेट के साथ गेंदबाजी करता था कि मैं अंतरराष्ट्रीय मैच में गेंदबाजी कर रहा हूं। शुरू से ही मुझे एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी को गेंदबाजी करने का मौका मिला।”
क्रिकेट ही बन गई भाषा
TRENDING NOW
मजीब उर रहमान ने कहा, “ना तो मुझे हिन्दी आती है और न ही मैं इंग्लिश सीख पाया हूं। मैं केवल अपनी पश्तो भाषा में ही बातचीत कर सकता हूं। मैं केवल अपनी क्रिकेट ज्ञान के आधार पर ही लोगों से बात कर पता हूं। मुझे इतना समझ आता है कि लोग मुझे क्या कहना चाह रहे हैं। भाषा से मुझे ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा हैं। बात करने के लिए मेरे लिए क्रिकेट ही काफी है।” मुजीब पहली बार इस साल की शुरुआत में हुए अंडर-19 विश्वकप में अच्छे प्रदर्शन के कारण चर्चा में आए।