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चैंपियंस ट्रॉफी पर पाकिस्तान को भारी पड़ेगी जिद, कंगाली के साथ-साथ होंगे और भी नुकसान!

चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन को लेकर अभी तक असमंजस कायम है. पाकिस्तान अपना रुख बदलने को अगर तैयार नहीं होता है तो उसे इतना नुकसान होगा जिसका अंदाज शायद उसने नहीं लगाया होगा.

user-circle cricketcountry.com Written by Bharat Malhotra
Last Updated on - December 11, 2024 2:23 PM IST

कराची: चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन को लेकर गतिरोध जारी है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) अब भी इसके आयोजन को लेकर अपना रुख में नरमी बरतने को तैयार नहीं. अगले साल फरवरी-मार्च में 50 ओवर का यह टूर्नमेंट होना है. पाकिस्तान से दबाव डालने के लिए यहां तक कहा जा रहा है कि उनकी टीम इस टूर्नमेंट से हट भी सकती है. हालांकि ऐसा करना पाकिस्तान के लिए आसान नहीं होगा. अगर वह सिर्फ ऐसा करता है तो उसे न सिर्फ रेवेन्यू का भारी नुकसान होगा बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वह अलग-थलग भी पड़ सकता है.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की प्रतियोगिताओं के आयोजन से जुड़े एक वरिष्ठ क्रिकेट प्रशासक ने हवाले से बुधवार को बताया कि अगर आईसीसी और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) हाइब्रिड मॉडल को पूरी तरह से स्वीकार करने से इनकार करते हैं तो PCB लिए टूर्नामेंट से हटने का फैसला करना आसान नहीं होगा. इस अधिकारी ने कहा, ‘पाकिस्तान ने न केवल आईसीसी के साथ मेजबानी से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, बल्कि इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले अन्य सभी देशों की तरह उसने आईसीसी के साथ सदस्यों की अनिवार्य भागीदारी से संबंधित समझौते (एमपीए) पर भी हस्ताक्षर किए हैं.’

उन्होंने कहा,‘आईसीसी की प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए एमपीए पर हस्ताक्षर करने के बाद ही कोई सदस्य देश आईसीसी प्रतियोगिताओं से होने वाली कमाई का हिस्सा पाने का हकदार होता है.’ अधिकारी में कहा,‘‘सबसे महत्वपूर्ण बात किया है कि आईसीसी ने अपनी सभी प्रतियोगिताओं के लिए प्रसारक से समझौता किया है जिसमें उसने गारंटी दी है कि चैंपियंस ट्राफी सहित आईसीसी की प्रतियोगिताओं में उसके सभी सदस्य देश भाग लेंगे.’

आईसीसी पिछले सप्ताह चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन हाइब्रिड मॉडल से करवाने पर सहमति हासिल करने में सफल रहा था. इसके अनुसार भारत अपने मैच दुबई में खेलेगा. इसके अलावा आईसीसी की 2027 तक होने वाली प्रतियोगिताओं में यह व्यवस्था बरकरार रहेगी. इसकी हालांकि अभी तक औपचारिक घोषणा नहीं की गई है. अगर यह समझौता हो जाता है तो इसका मतलब होगा कि पाकिस्तान 2027 तक होने वाली आईसीसी प्रतियोगिताओं के लिए भारत का दौरा करने के लिए बाध्य नहीं होगा.

प्रशासक ने कहा कि अगर पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी से हटता है तो आईसीसी और यहां तक कि आईसीसी कार्यकारी बोर्ड में शामिल अन्य 16 सदस्य देश भी उसके खिलाफ मुकदमा कर सकते हैं. प्रसारक भी यह रास्ता अपना सकता है क्योंकि पाकिस्तान के बाहर हो जाने से सभी हितधारकों को नुकसान होगा. उन्होंने इसके साथ यह भी खुलासा किया कि पीसीबी को कार्यकारी बोर्ड के अन्य सदस्यों से ठोस समर्थन नहीं मिला.

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एजेंसी- भाषा