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1983 विश्व कप फाइनल में लिया कपिल देव का ऐतिहासिक कैच फिल्माने के लिए रणवीर सिंह को लगे छह महीने
पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने 25 जून, 1983 को विश्व कप फाइनल मैच में मदन लाल की गेंद पर सर विवियन रिचर्डस को आउट करने के लिए लिया था।
Written by India.com Staff
Last Published on - December 26, 2021 9:31 AM IST

बॉलीवुड स्टार रणवीर सिंह (Ranveer Singh) ने खुलासा किया है कि ’83’ फिल्म में कपिल देव (Kapil Dev) का विश्व कप 1983 फाइनल में लिया मशहूर रनिंग (पीछे की ओर दौड़ते हुए) कैच फिल्माने में छह महीने लगे थे। पूर्व भारतीय कप्तान ने 25 जून, 1983 को विश्व कप फाइनल मैच में मदन लाल (Madan Lal) की गेंद पर सर विवियन रिचर्डस (Sir Viv Richards) को आउट करने के लिए लिया था।
रणवीर ने कपिल देव के कैच को परफेक्ट तरीके से फिल्माने के लिए अपने संघर्ष को भी साझा करते हुए कहा, “इसे पूरी तरह से करने में मुझे छह महीने लगे। पीछे की ओर दौड़ते हुए कैच करना कठिन था। इसलिए, संधू सर गेंद फेंकते थे और मुझे दौड़कर इसे लेना पड़ता था। मैंने कई बार इसका अभ्यास किया और संधू सर मुझे सांत्वना पुरस्कार के रूप में बल्लेबाजी करने के लिए छह ओवर देते थे, जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद था। मुझे एक लक्ष्य दिया गया था और मुझे इसका पीछा करना था। ये मजेदार था।”
रणवीर ’83’ की स्क्रीनिंग के दौरान आईएएनएस से बातचीत में कहा, “मैंने कपिल सर के साथ उनके घर में कुछ समय बिताया और उनकी इतनी प्रभावशाली व्यवहार है कि लोग उनके प्यार में पड़ जाएंगे। उनकी मुस्कान, उनकी हंसी, उनका चलना, उनकी बात, उनका डांस .. हां, उनका इतना प्यारा है डांस मूव्स है। मैं देखता था कि वो क्या कर रहे हैं और उनके दिमाग में क्या चल रहा है। वो 1983 में उस समय क्या सोच रहे होंगे। उन्हें इतने करीब से देखने से बहुत मदद मिली।”
ये पूछे जाने पर कि सीखने के लिए सबसे कठिन हिस्सा क्या था, कपिल की गेंदबाजी शैली, उनका रवैया या बल्लेबाजी? अभिनेता ने जवाब दिया, “मैं अपने स्कूल के दिनों में क्रिकेट खेलता था और मैं एक अच्छा फील्डर होने के साथ ही बहुत ही आक्रामक और प्रभावशाली बल्लेबाज भी था। इसलिए बल्लेबाजी में कोई परेशानी नहीं आी। अभिनय की बात करें तो हम पेशेवर हैं, इसलिए कैरेटर में घुसना तो हमारा काम ही है।”
रणवीर ने आगे कहा, “हां, गेंदबाजी सीखना सबसे कठिन काम था। मुझे उनकी कलाई की स्थिति, उनकी प्रतिष्ठित छलांग, गेंद को डालने से पहले छाती पर रगड़ना, ऐसे काम थे, जिनमें मुझे कई महीने लग गए। दरअसल, मेरे बायोमैकेनिक्स कपिल सर से अलग हैं। मैं ‘सिम्बा’ (फिल्म) से आ रहा था और मेरी मांसपेशियां बड़ी थीं। इसलिए संधू सर ने मुझे एथलेटिक फिजिक्स में आने के लिए कहा।”
इस बारे में पूछे जाने पर कि क्या वो आखिरकार महान ऑलराउंडर की तरह कुछ गति और आउटस्विंग हासिल करने में कामयाब रहे, रणवीर ने कहा, “बहुत स्टंप्स उड़ाये मैंने फिर तो.मैं स्विंग के बारे में नहीं कह सकता, लेकिन मैं वास्तव में अच्छी गेंदबाजी कर रहा था और विकेट पर मार (गेंद) रहा था।”
जिम्बाब्वे के खिलाफ कपिल की 175 रनों की पारी रिकॉर्ड नहीं हो पाई थी, क्योंकि उस दिन बीबीसी कर्मचारी हड़ताल पर थे। महान पारी की बारीकियों के बारे में जानना कितना कठिन था?
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उन्होंने कहा, “इसमें कोई शक नहीं है कि यह मुश्किल था, क्योंकि इसकी कोई वीडियो रिकॉडिर्ंग नहीं है। और साथ ही मुझे कपिल सर के लिए भी बुरा लग रहा है। यह क्रिकेट इतिहास की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक थी। और अब लोग फिल्म देखने के बाद ही उस ²श्य की सराहना कर रहे हैं और पता लगा रहे हैं कि उस समय यह कैसे किया गया होगा।”