Bharat Malhotra
Bharat Malhotra अभी cricketcountry.com/hi की टीम की अगुआई कर रहे हैं. भारत के पास डिजिटल मीडिया का 16 साल का अनुभव है. करियर की विधिवत श ...Read More
Written by Bharat Malhotra
Last Updated on - December 4, 2024 7:14 AM IST
सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली एक बार फिर साथ थे. लेकिन जिस तरह विनोद कांबली नजर आए वह लोगों को भावुक कर गया. मौका था दोनों के गुरु रमाकांत आचरेकर के मेमोरियल के उद्घाटन का. मंगलवार को मुंबई में हुए इस समारोह में सचिन और विनोद के अलावा आचरेकर के कई शिष्य इस मौके पर मौजूद थे.
सचिन और कांबली ने अपने युवा दिनों में 664 रन की साझेदारी कर स्कूल क्रिकेट में सभी को चौंका दिया था. कांबली और तेंदुलकर अचरेकर के दो सबसे होनहार छात्रों में रहे. इस वीडियो में दिख रहा है कि सचिन कांबली के पास जाकर उनसे बात करते हैं. दोनों के बीच में छोटी लेकिन अच्छी बातचीत होती है. इस इवेंट में पारस म्हाम्ब्रे, प्रवीण आमरे, बलविंदर सिंह संधु, संजय बांगर और समीर दीघे जैसे पूर्व क्रिकेटर, जिन्होंने अपने क्रिकेट का ककहरा आचरेकर से सीखा, भी मौजूद थे.
काबंली इस समय अपने जीवन में बहुत मुश्किल वक्त से गुजर रहे हैं. हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें देखा जा रहा था कि वह अपने पैरों पर चल भी नहीं पा रहे हैं. इसे देखकर उनके फैंस उनकी सेहत को लेकर काफी फिक्रमंद हो गए थे. कांबली ने साल 2022 में अपनी खराब आर्थिक स्थिति के बारे में बात की थी. और बताया था कि अपने परिवार के लालन-पालन के लिए वह पूरी तरह बीसीसीआई से मिल रही पेंशन पर ही निर्भर हैं.
VIDEO | Indian cricketing legend Sachin Tendulkar (@sachin_rt) met his childhood friend and former Indian cricketer Vinod Kambli at the unveiling ceremony of memorial for legendary cricket coach Ramakant Achrekar in Mumbai. pic.twitter.com/uTgW0MIfax
— Press Trust of India (@PTI_News) December 3, 2024
कांबली के करियर का आगाज बहुत ही शानदार तरीके से हुआ था. उन्होंने करियर के आगाज में ही लगातार दो दोहरे शतक लगा दिए थे. ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय बल्लेबाज बने थे. अपने पहले सात टेस्ट मैचों में उन्होंने इसके बाद श्रीलंका के खिलाफ दो शतक लगाए थे. हालांकि बाएं हाथ के इस बल्लेबाज का करियर इसके बाद पटरी से उतर गया. अपनी आखिरी 10 पारियों में वह एक भी हाफ सेंचुरी नहीं लगा पाए. इसमें तीन बार वह खाता भी नहीं खोल पाए थे. उन्होंने भारत के लिए 17 टेस्ट मैच खेले. इसमें उन्होंने 54.20 के औसत से 1084 रन बनाए. इसमें चार शतक और तीन अर्धशतक शामिल थे.
वनडे क्रिकेट में उन्होंने 104 मैच खेले. इसमें 97 पारियों में 32.59 के औसत से 2477 रन बनाए. उनका स्ट्राइक रेट 71.94 का रहा. इसमें उन्होंने दो सेंचुरी और 14 हाफ सेंचुरी लगाई. उन्होंने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच अक्तूबर 2000 में शारजाह में खेला था. साल 2009 में उन्होंने आखिरकार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था.
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