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बीसीसीआई ने लगाया अजीत चंदीला पर आजीवन प्रतिबन्ध
चंदीला को बीसीसीआई के भ्रष्टाचार रोधी कानून के तहत दोषी पाया गया।
Written by Indo-Asian News Service
Last Updated on - January 19, 2016 1:09 PM IST


भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में स्पॉट फिक्सिंग और भ्रष्टाचार के आरोप में सोमवार को अजीत चंदीला पर अजीवन प्रतिबंध लगा दिया। इसके साथ ही हिकेन शाह पर पांच साल तक क्रिकेट खेलने पर रोक लगाया गया है। बीसीसीआई की अनुशासन समिति की सोमवार को क्रिकेट सेंटर में बैठक हुई और इसके बाद इस फैसले का ऐलान किया गया। बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष शशांक मनोहर, निरजंन शाह और ज्योतिरादित्य सिंधिया रहे। दोनों ही आरोपी खिलाड़ी पिछले साल 24 दिसंबर को समिति के सामने पेश हुए थे। दोनों से उन पर लगाए गए आरोपों पर लिखित जवाब चार जनवरी तक पेश करने को कहा गया था। पांच जनवरी को समिति की दोबारा बैठक हुई जिसमें शाह ने मौखिक रूप से अपना पक्ष रखा साथ ही अपने खिलाफ हो रही जांच के संबंध में लिखित जवाब भी दिया। ये भी पढ़ें: आईपीएल में धोनी करेंगे राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स की कप्तानी
चंदीला को बीसीसीआई के भ्रष्टाचार रोधी कानून के तहत दोषी पाया गया। उसे 2013 में एस. श्रीसंत और अंकित चह्वाण के साथ आईपीएल के दौरान गिरफ्तार किया गया था बीसीसीआई ने एक बयान में कहा, “अजित चंदीला पर अजीवन प्रतिबंध लगाया गया है। वह किसी भी तरह से बोर्ड और इससे जुड़ी संस्थाओं में क्रिकेट में हिस्सा नहीं ले सकते।” श्रीसंत और चह्वाण पर पहले ही अजीवन प्रतिबंध लगाया जा चुका है, जबकि चंदीला को कुछ सालों के लिए निलंबति कर दिया गया था। ये भी पढ़ें: चोटिल समी की जगह जसप्रीत बुमराह टी20 टीम में शामिल
बीसीसीआई ने कहा, “शाह को बीसीसीआई के भ्रष्टाचार रोधी कानून के अनुच्छेद 2.1.1, अनुच्छेद 2.1.2, अनुच्छेद 2.1.4 के उल्लंघन का दोषी पाया गया है।” बयान में कहा गया है, “शाह को पांच साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है। वह इस दौरान क्रिकेट से संबंधित किसी भी गतिविधि में हिस्सा नहीं ले सकते।” शाह ने अपने साथी खिलाड़ी को भ्रष्टाचार करने के लिए उकसाया था। वह खिलाड़ी आईपीएल 2015 का हिस्सा भी रह चुका है। ये भी पढ़ें: बीसीसीआई करेगा टी -20 विश्व कप के बाद भारतीय कोच नियुक्त: अनुराग ठाकुर
बीसीसीआई की अनुशासन समिति ने पाकिस्तान के अंपायर असद रउफ की उस अपील को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने दोबारा जांच की मांग की थी। रउफ समिति के सामने पेश नहीं हुए। उन्होंने संदेश के जरिए कहा कि इस मामले सही जांच नहीं हुई है।
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बीसीसीआई ने अपने बयान में कहा, “समिति ने उन्हें अपना लिखित बयान पेश करने का एक आखिरी मौका दिया था। वह जो बात कह रहे हैं उससे संबंधित कागजात नौ फरवरी 2016 तक पेश करने को कहा गया है। मामले की आखिरी सुनवाई 12 फरवरी रखी गई है।”