Gunjan Tripathi
गुंजन त्रिपाठी क्रिकेटकंट्री हिंदी की रिपोर्टर हैं
Written by Gunjan Tripathi
Last Updated on - November 6, 2016 1:29 PM IST
भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज नौ नवंबर से शुरू होने जा रही है। गुरूवार को राजकोट के सौराष्ट्र क्रिकेट स्टेडियम में दोनों टीमें पहला टेस्ट मैच खेलने वाली हैं। भारत ने अभी अभी न्यूजीलैंड को टेस्ट सीरीज में 3-0 से हराया है जिससे खिलाड़ियों के हौसले बुलंद हैं। फैन्स को उम्मीद हैं कि कप्तान कोहली अंग्रेज टीम को क्लीन स्वीप करेंगे। वहीं गौर करने वाली बात यह है कि भारत ने 2009 के बाद इंग्लैंड को किसी भी टेस्ट सीरीज में नहीं हराया है। इस बार भारतीय टीम के पास इंग्लैड को हराने का सुनहरा मौका है। अगर पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत इंग्लैंड को हरा देता है तो विराट कोहली का टेस्ट में अजेय रहने का रिकॉर्ड तो कायम रहेगा ही साथ ही भारत टेस्ट रैकिंग में पाकिस्तान के मुकाबले कहीं ज्यादा प्वाइंट हासिल कर लेगा। पर यह करना इतना आसान नहीं है क्योंकि आज तक केवल एक ही भारतीय कप्तान है जिसने इंग्लैंड को टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप किया है, वह कप्तान हैं मोहम्मद अजहरूद्दीन। जानें क्या है इंग्लैंड को हराने का विराट प्लान
भारत के सफल कप्तानों में से एक मोहम्मद अजहरूद्दीन को कलाई का जादूगर कहा जाता था, जिस तरह वह कलाईयों का इस्तेमाल कर शॉट खेलते थे विपक्षी टीम के खिलाड़ी भी उनके मुरीद हो जाते थे। 1984-85 में अजरूद्दीन ने अपना टेस्ट डेब्यू भी इंग्लैड के खिलाफ ही किया था और पहले तीन मैचों में लगातार तीन शतक जड़े थे, अजहरूद्दीन का यह रिकॉर्ड आज तक कोई नहीं तोड़ पाया है। अजहरूद्दीन ने 1990 में भारतीय टीम की कप्तानी संभाली थी और अपनी कप्तानी में भारत को कई सीरीज जिताई। अजहरूद्दीन ने अपनी कप्तानी में कुल 47 टेस्ट मैच खेले है जिनमें से 14 मैच भारत ने जीते और 14 मैच हारे जबकि 19 मैच ड्रॉ रहे। अजहरूद्दीन भारतीय टीम के अकेले ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने भारत को इग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 3-0 से जीत दिलाई हैं। 1993 में जब ग्राहम कूच की कप्तानी में इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर थी तब भारत की कप्तानी अजहरूद्दीन संभाल रहे थे। इस दौरे पर दोनों टीमों को सात वनडे और तीन टेस्ट खेलने थे, तीन वनडे मैचों के बाद टेस्ट सीरीज खेली गई थी और बाकी के चार वनडे इसके बाद खेले गए थे। भारत ने टेस्ट सीरीज के तीनों मैच जीत कर इंग्लैंड को क्लीन स्वीप किया था, वहीं वनडे सीरीज ड्रॉ रही थी। जानें कौन हैं वह भारतीय खिलाड़ी जिन्होंने गरीबी को मात देकर पूरे किए अपने सपने
पहला टेस्ट कोलकाता के मशहूर ईडन गार्डन स्टेडियम में खेला गया था। इस मैच में अजहरूद्दीन ने कप्तानी पारी खेलते हुए पहली इनिंग में 182 रन बनाए थे जिसकी बदौलत भारत ने मैच आठ विकेट से जीता था। वहीं गेंदबाजी में वर्तमान भारतीय कोच अनिल कुंबले, वेंकटपति राजू और राजेश चौहान ने तीन-तीन विकेट लिए थे। चेन्नई में खेले गए दूसरे टेस्ट में सचिन तेंदुलकर और नवजोत सिंह सिद्धू के शतक की बदौलत भारत ने पहली पारी के बाद इंग्लैंड के सामने 560 रनों का लक्ष्य रखा। जवाब में इंग्लैंड की पहली पारी में 286 रनों पर सिमट गई। वहीं दूसरी पारी में भी इंग्लैंड 252 ही बना सकी और भारत ये मैच भी एक पारी और 22 रन से जीत गया। तीसरा और अंतिम टेस्ट मुंबई के वानखेड़े में खेला गया। पहली पारी में इंग्लैंड ने ग्रीम हिक की शतक की मदद से 347 रन बनाए वहीं भारत की ओर से विनोद कांबली ने 224 रनों की धमाकेदार पारी खेली और 591 रनों का विशाल स्कोर बनाया। भारत ने यह मैच भी एक पारी और 15 रनों के अंतर से जीता। भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले अनिल कुंबले को मैन ऑफ द सीरीज का खिताब दिया गया।
भारत के लिए यह एक यादगार सीरीज रही क्योंकि पहली बार भारत ने इंग्लैंड को टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप किया था। इससे पहले 1962 में नारी कॉन्ट्रेक्टर की कप्तानी में भारत ने पहली बार इंग्लैंड को टेस्ट सीरीज में हराया था और इसके बाद 1971 में अजीत वाडेकर ने भारतीय टीम को पहली बार इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जिताई थी। भारत के सीमित ओवर के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी 2008 में भारत में खेली गई पटौदी ट्रॉफी में दो मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 से जीत दिलाई थी। इसके बाद से भारत अभी तक इंग्लैंड से कोई भी टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाया है। अब भारत के नए टेस्ट कप्तान कोहली के पास मौका है कि वह इस रिकॉर्ड को तोड़ सकें और भारत को इस सीरीज में 5-0 से जीत दिलाएं।
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