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इतिहास के पन्नों से: जब रवि शास्त्री ने एक ओवर में जड़े थे छह छक्के

मुंबई बनाम बड़ौदा रणजी ट्रॉफी फाइनल मैच में शास्त्री ने बनाया था सबसे तेज दोहरा शतक।

user-circle cricketcountry.com Written by Gunjan Tripathi
Last Updated on - January 10, 2017 4:07 PM IST

युवराज सिंह द्वारा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में छह छक्के लगाने से पहले रवि शास्त्री ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बनाया था यह रिकॉर्ड।© Getty Images
युवराज सिंह द्वारा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में छह छक्के लगाने से पहले रवि शास्त्री ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बनाया था यह रिकॉर्ड।© Getty Images

आज रणजी ट्रॉफी 2016-17 का फाइनल मैच गुजरात और मुंबई के बीच खेला जा रहा है। मुंबई इस टूर्नामेंट की शुरुआत से ही सबसे पसंदीदा टीम रही है। आज का दिन इस टीम के लिए काफी खास है क्योंकि आज ही के दिन 32 साल पहले मुंबई के लिए एक बल्लेबाज ने प्रथम श्रेणी का एक ऐसे रिकॉर्ड की बराबरी की जो इससे पहले 49 सालों से कायम था। पूर्व भारतीय खिलाड़ी रवि शास्त्री ने आज ही के दिन रणजी ट्रॉफी में मुंबई के लिए खेलते हुए एक ओवर छह छक्के लगाए थे। साथ ही शास्त्री ने सबसे तेज दोहरा शतक भी अपने नाम किया था। शास्त्री ने केवल 113 मिनट में 200 रन बना दिए थे। ये भी पढ़ें:मुंबई बनाम गुजरात रणजी ट्रॉफी फाइनल मैच का लाइव ब्लॉग

आठ जनवरी 1985 को मुंबई टीम के कप्तान सुनील गावस्कर ने एक बड़ा फैसला लेते हुए दिलीप वेंगसरकर को देर से मैदान पर आने के लिए टीम से बाहर किया था। यह सुनने में अटपटा लग सकता है लेकिन सच है। बड़ौदा के खिलाफ फाइनल मैच में मुंबई टीम बिना वेंगसरकर के उतरी थी। गावस्कर काफी अनुशासनात्मक कप्तान थे और उन्हें यह बात कतई बर्दाश्त नहीं हुई। इससे पहले भी वह रवि शास्त्री और राजू कुलकर्णी को देरी से आने के लिए टीम से निकाल चुके थे। वेंगसरकर के काफी निवेदन करने पर भी गावस्कर ने उन्हें टीम में शामिल नहीं किया। गावस्कर का कहना था कि दिलीप के साथ रवि, मोहिंदर अमरनाथ और वह खुद भी एक ही फ्लाइट से आए थे लेकिन उन्हें मैदान पर आने में देरी नहीं हुई फिर वह क्यों देर से आए। इस सब के बाद आखिरकार मैच शुरू हुआ, मुंबई ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। सलामी बल्लेबाज लालाचंद राजपूत ने 66 तो गुलाम पार्कर ने 170 रनों की शानदार पारी खेली। वहीं शिशिर हाटनगड़ी ने 83 रन बनाए और मुंबई ने 371 रन पर पारी घोषित कर दी। बड़ौदा टीम ने भी जमकर संघर्ष किया और आठ विकेट खोकर 330 रन बनाए। ये भी पढ़ें:सौरव गांगुली को मिली जान से मारने की धमकी

मैच के तीसरे दिन यानि कि 10 जनवरी को मुंबई के चार विकेट गिरने के बाद रवि शास्त्री मैदान पर आए और फिर हुआ वह जो इतिहास में लिखा जाना था। शास्त्री अक्सर आते ही अपनी रक्षात्मक बल्लेबाजी से दर्शकों को गुस्सा दिलाते थे। साथ ही दो दिन पहले ही उन्होंने इंग्लैड के खिलाफ कोलकाता में 111 रनों की धीमी पारी खेली थी। शास्त्री की बल्लेबाजी की रफ्तार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह इस पारी के दौरान 455 मिनट तक क्रीज पर रहे थे। हालांकि उन्होंने अपना अर्धशतक केवल 42 गेदों में पूरा किया था और शतक के लिए सिर्फ 80 गेदें खेली थी। लेकिन आज के दिन कुछ अलग ही होने वाला था। ये भी पढ़ें:महेंद्र सिंह धोनी को आखिरी बार कप्तानी करते मुफ्त में देख पाएगे फैंस

रवि ने आते बाएं हाथ के गेंदबाज तिलक राज को निशाना बनाया क्योंकि उन्हें अब तक विकेट नहीं मिला था इसलिए उनपर दबाव आसानी से बनाया जा सकता था। शास्त्री ने उनके ओवर में छह शानदार छक्के लगाए और 147 से सीधे 183 के स्कोर पर पहुंच गए। शास्त्री ने इसी के साथ गैरी सोबर्स के छह छक्कों को रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। गैरी सोबर्स जो कि नॉटिंघमशायर के लिए खेलते थे, उन्होंने ग्लैमोर्गन के खिलाफ 1968 में मैलकॉल्म नाश के ओवर में छह छक्के जड़े थे। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनके इस रिकॉर्ड की बराबरी 49 सालों तक कोई नहीं कर सका था क्योंकि इसे तोड़ना तो असंभव है। जब शास्त्री ने रिकॉर्ड बनाया तो खुशी से उन्होंने दर्शक दीर्घा की ओर अभिवादन में अपने हाथ उठाए। अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गेंदबाज तिलक राज ने कहा, “मैं एक परेशान गेंदबाज था।” वह इस घटना के बाद अचंभे में थे और काफी दुखी भी थे। ये भी पढ़ें:हैदराबाद में आयोजित नहीं होगा भारत बनाम बांग्लादेश टेस्ट

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शास्त्री ने अपने शतक को दोहरे शतक में बदलने के लिए केवल 43 गेंदो का इस्तेमाल किया था। इस पारी में उन्होंने नौ छक्के और चार चौके लगाए थे। शास्त्री की 113 मिनट की इस पारी ने गिलबर्ट जेस्सप और क्लाइव लॉयड द्वारा 120 मिनट में दोहरा शतक लगाने के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। इससे पहले दोनों बल्लेबाड साझा रूप से सबसे तेज दोहरा शतक लगाने वाले बल्लेबाजों की सूची में शीर्ष पर थे। शास्त्री की इस रिकॉर्ड तोड़ पारी ने क्रिकेट के इतिहास में अपनी खास जगह बना ली।