Gunjan Tripathi
गुंजन त्रिपाठी क्रिकेटकंट्री हिंदी की रिपोर्टर हैं
Written by Gunjan Tripathi
Last Published on - March 23, 2020 4:41 PM IST
क्रिकेट इतिहास में टी20 फॉर्मेट की की पॉपुलैरिटी बढ़ाने में भारतीय टीम का बड़ा हाथ रहा है। पहला टी20 विश्व कप खिताब जीतने से लेकर इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत तक, भारत में टी20 फॉर्मेट की पॉपुलैरिटी बढ़ती ही जा रही है। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है इस फटाफट फॉर्मेट का रोमांच। ऐसा ही एक रोमांचक आज से ठीक चार साल पहले भारत और बांग्लादेश के बीच खेला गया था।
बैंगलोर के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में 23 मार्च, 2016 को खेले गए आईसीसी टी20 विश्व कप के 25वें ग्रुप मैच में भारत ने बांग्लादेश को एक रन से हराया था।
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— Cricketopia (@CricketopiaCom) March 23, 2020
आखिरी गेंद तक चले इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया 20 ओवर में 7 विकेट खोकर 146 रन ही बना सकी थी। टीम इंडिया का कोई भी बल्लेबाज इस मैच में बड़ी पारी नहीं खेल पाया था। भारत की ओर से सर्वाधिक 30 रन सुरेश रैना ने बनाए थे। उनके अलावा विराट कोहली ने भी 24 रनों का योगदान दिया था।
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चिन्नास्वामी के छोटे स्टेडियम में बल्लेबाजों की मददगार पिच पर 147 जैसे लक्ष्य को बचाना आसान नहीं था। लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपने गेंदबाजों के साथ मिलकर इस असंभव काम को पूरा किया।
टीम इंडिया की ओर से स्पिन गेंदबाजों रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा ने बीच के ओवरों में अच्छी गेंदाबजी की थी और 2-2 विकेट झटके थे। जबकि ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या 19 ओवर तक एक भी विकेट नहीं ले पाए थे लेकिन इसके बावजूद धोनी ने 20वें ओवर में पांड्या को गेंद थमाई।
बांग्लादेश को जीत के लिए 6 गेंदो पर 11 रनों की जरूरत थी और सेट बल्लेबाज मुश्फिकुर रहीम और महमूदुल्लाह रियाद क्रीज पर थे। महमूदुल्लाह ने पहली गेंद पर सिंगल लेकर स्ट्राइक रहीम को दी, जिन्होंने अगली दो गेंदो पर लगातार दो चौके जड़े और पहले ही जीत का जश्न मनाने लगे। स्टेडियम में बैठे बांग्लादेशी फैंस का भी यही हाल था, जबकि भारतीय खेमा खामोश था।
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इस बीच कप्तान धोनी और सीनियर गेंदबाज आशीष नेहरा, पांड्या से बात करने आए। जिसके बाद ओवर की चौथी गेंद पर पुल शॉट लगाने की कोशिश में रहीम डीप मिड विकेट पर शिखर धवन को आसान कैच दे बैठे। हालांकि बल्लेबाजों ने एंड बदल लिए थे, इसलिए नए बल्लेबाज की जगह सेट महमूदुल्लाह स्ट्राइक पर रहे।
पांचवीं गेंद से पहले धोनी ने अपने सर्वश्रेष्ठ फील्डर जडेजा को कवर्स से हटाकर मिड विकेट पर लगाया। पांड्या ने गेंद फुलटॉस रखी और महमूदुल्लाह ने बड़ा शॉट लगाने की कोशिश की लेकिन गति नहीं मिलने की वजह से गेंद सीधा जडेजा के हाथों में गई।
आखिरी गेंद पर बांग्लादेश को मैच ड्रॉ कराने के लिए मात्र एक रन चाहिए था। प्लान के हिसाब से पांड्या को गेंद वाइड रखनी थी और धोनी दस्ताने निकालकर पहले ही तैयार थी। जैसे ही शुवगाता रन लेने के लिए भागे, धोनी ने थ्रो करने के बजाय खुद आगे जाकर गेंद स्टंप पर लगाई और भारत को एक रन से मैच जिताया।
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