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लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट में भारत के असली 'नायक' युवराज सिंह
चंडीगढ़ के इस खिलाड़ी को भारत को दो विश्व कप का खिताब दिलाने के लिए याद किया जाएगा।
Written by Press Trust of India
Last Published on - June 10, 2019 6:32 PM IST

सीमित ओवर्स के क्रिकेट में भारत के सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक युवराज सिंह का टेस्ट क्रिकेट में सफल नहीं होना एक रहस्य ही रहेगा। चंडीगढ़ के इस खिलाड़ी को भारत को दो विश्व कप का खिताब दिलाने के लिए याद किया जाएगा। विश्व कप 2011 के दौरान वह कैंसर से पीड़ित थे और खांसते समय खून के थक्के बाहर निकल रहे थे।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले इस खिलाड़ी का टेस्ट करियर वनडे करियर की तरह परवान नहीं चढ़ा। उन्होंने 40 की जगह अगर 100 टेस्ट खेले होते तो उनका कद क्या होता इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। बाएं हाथ के बाल्लेबाज वैसे ही आकर्षक होते है और अगर उनके पास ताकत हो तो यह उन्हें और भी खास बनाता है।
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बचपन में युवराज जब रोलर स्केट प्रतियोगिता में चैम्पियन बने तो योगराज ने उनके खिताब को कूड़े में फेंक दिया ऐसे में युवराज के पास क्रिकेट में सफल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
वह क्रिकेट के मैदान में आए और शानदार खेल से दुनिया भर के प्रशंसकों को दिवाना बनाया। कपिल देव का 1983 में भारतीय क्रिकेट में अगर बड़ा योगदान था तो 2011 में वह काम युवराज सिंह ने किया। इस विश्व कप में उन्होंने 300 से ज्यादा रन और 15 विकेट चटका कर भारत को चैम्पियन बनाने में अहम भूमिका निभाई।
युवराज ने अपनी पहचान बड़े मैचों के खिलाड़ी के तौर पर बनाई। इंग्लैंड के खिलाफ लार्ड्स के मैदान पर नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में खेली गई पारी हो या फिर टी20 विश्व कप (2007) के करो या मरो मैच में इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड के खिलाफ ओवर में छह छक्के लगाने के करिश्मे के साथ 2011 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अर्धशतकीय पारी उनके व्यक्तित्व को दर्शाता है।
विश्व कप (2011) में मैन ऑफ द सीरीज रहने के बाद उन्हें कैंसर का पता चला। उन्होंने हालांकि इससे उबर कर मैदान में वापसी की लेकिन वह पहले वाले युवराज नहीं रहें।
बांग्लादेश में 2014 में धीमी पिच पर खेले टी20 विश्व कप में श्रीलंका के खिलाफ 21 गेंद में 11 रन की उनकी पारी भारत की हार का कारण बनी। इसके बाद भी वह टीम से अंदर बाहर होते रहे लेकिन उनकी फिटनेस में गिरावट आ गई थी।
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इन सब के बावजूद युवराज वनडे में भारत के महान खिलाड़ियों में से एक रहेंगे। उनका नाम सचिन तेंदुलकर, कपिल देव, विराट कोहली और महेन्द्र सिंह धोनी जैसे धुरंधरों की श्रेणी में रहेगा।