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अश्विन ने इस खिलाड़ी को बताया गावस्कर और सहवाग के बाद बेस्ट ओपनर

अश्विन ने कहा कि चेतेश्वर पुजारा कभी भी अपनी राय नहीं बदलता है. आप कुछ भी कर सकते हैं लेकिन पुजारा अपनी सोच नहीं बदलता.

user-circle cricketcountry.com Written by Bharat Malhotra
Last Published on - February 15, 2023 4:06 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज मुरली विजय ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान किया. घरेलू मैदानों पर हाफ सेंचुरी को सेंचुरी में बदलने की बात आती है तो मुरली विजय का रिकॉर्ड सबसे अच्छा है. भारत में खेले गए टेस्ट मैचों में उनका कन्वर्जन रेट 60 पर्सेंट है. भारत में उन्होंने 15 बार 50 रन का आंकड़ा पार किया और इसमें 9 शतक हैं. इस लिहाज से देखें तो उनका कन्वर्जन रेट मोहम्मद अजहरुद्दीन, विराट कोहली और रोहित शर्मा से भी बेहतर है .

मुरली विजय के ये आंकड़े देखकर कई लोग हैरान थे. इसमें पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर भी शामिल थे. वीरेंदर सहवाग और गौतम गंभीर के बाद मुरली विजय ने बतौर सलामी बल्लेबाज खुद को अच्छी तरह स्थापित कर लिया था. उनके टेस्ट करियर की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी. लेकिन साल 2013 में जब वह बतौर सलामी बल्लेबाज टीम इंडिया की पहली पसंद बने तो उनका करियर रफ्तार पकड़ने लगा. साल 2018 तक दुनिया के चोटी के सलामी बल्लेबाजों में गिने जाने लगे थे.

रविचंद्रन अश्विन ने मुरली विजय के बारे में कई बातें बताईं. दोनों घरेलू क्रिकेट में तमिलनाडु के लिए भी साथ खेले और फिर एक साथ भारतीय क्रिकेट टीम का भी प्रतिनिधित्व किया. अश्विन ने विजय को सुनील गासवकर और वीरेंदर सहवाग के बाद भारत का सर्वश्रेष्ठ ओपनर करार दिया. इसके साथ ही उन्होंने मुरली विजय की तुलना चेतेश्वर पुजारा के साथ भी की. उनका कहना था कि इन दोनों को वह पहचान नहीं मिली जिसके वे हकदार थे.

अश्विन ने ईएसपीएनक्रिकइंफो के लिए लिखा, ‘मुरली विजय, मेरे हिसाब से सुनील गावसकर और वीरेंदर सहवाग के बाद भारत के सर्वश्रेष्ठ ओपनर हैं.’

उन्होंने आगे लिखा, ‘विजय और पुज्जी दोनों के बारे में एक चीज समान है कि दोनों बहुत ज्यादा सेलिब्रेट नहीं करते. दोनों के साथ मेरी सबसे मजेदार बहस हुई हैं. वे दोनों टेस्ट क्रिकेट में सबसे मुश्किल काम करते हैं- मुश्किल परिस्थितियों में नई गेंद खेलना. जब भी हम विदेश जाते हैं तो हमें इसकी जरूरत होती है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘वह एक पूरे सेशन ब्रेक के दौरान उस कॉल पर बहस कर सकते हैं कि जिस पर पुजारा ने रेस्पॉन्स नहीं किया. विजय कोशिश करता था कि बाकी खिलाड़ी उसका साथ दें लेकिन पुज्जी अपनी बात पर अडिग रहेगा. वह कहेगा, ‘कोई रन नहीं था.’ आप गवाह और सबूत ला सकते हैं लेकिन पुज्जी कभी अपनी सोच नहीं बदलता है. न ही वह इस तरह की बहस से परेशान ही होता है.’

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अश्विन ने पुजारा की खूब तारीफ की और कहा कि उनका डिफेंस शानदार है. कोई भी पुजारा को उनके खेलने का तरीका बदलने के लिए राजी नहीं कर सकता है. इसी वजह से वह अपने खेलने के तरीके पर भरोसा करता है. अश्विन ने कहा, ‘जिस तरह शिकार सिर्फ अपने शिकार पर नजर रखता है, पुजारा बैटिंग के दौरान वैसा ही फोकस रखता है.’