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बूढों की फौज नहीं है ‘थलाइवा’ धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स

इस टीम में खिलाड़ियों की औसत उम्र 34 साल के पार है।

user-circle cricketcountry.com Written by Press Trust of India
Last Updated on - May 26, 2018 4:09 PM IST

भारत की विश्व चैंपियनशिप जीत पर सुनील गावस्कर की 1985 की किताब ‘वन डे वंडर्स’ में एक रोचक घटना का जिक्र है जिसमें गावस्कर, मोहिंदर अमरनाथ और मदन लाल सभी 30 वर्ष से ऊपर के थे और आपस में एक-दूसरे को ‘ओ टी ’कहकर बुलाते थे।

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ऑस्ट्रेलिया में टूर्नामेंट के दौरान इन तीनों में से कोई भी जब अच्छा कैच लपकता या चुस्त फील्डिंग करता तो बाकी आकर कहते, ‘वेल डन ओ टी।’ओ टी यानी ‘ओवर थर्टी’यानी तीस वर्ष से ज्‍यादा उम्र के खिलाड़ी।

उस प्रदर्शन ने साबित कर दिया था कि उम्र महज एक आंकड़ा है और उसी की याद दिलाई है महेंद्र सिंह धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स ने जो तीसरे आईपीएल खिताब से एक जीत दूर है। धोनी की टीम अनुभवी खिलाड़ियों की ऐसी फौज बनकर उभरी है जिसके किले को भेदना हर विरोधी टीम के लिए टेढी खीर साबित हुआ है।

इस टीम में खिलाड़ियों की औसत उम्र 34 साल के पार है। खुद धोनी 36 साल के हैं जबकि अंबाती रायुडू 32, सुरेश रैना 31, शेन वॉटसन और हरभजन सिंह 37 साल के हैं। शुरुआत में सभी ने इसे ‘बूढों की फौज’कहकर खारिज कर दिया था।

दो साल के प्रतिबंध के बाद वापसी करने वाली चेन्नई की सफलता का आखिर राज क्या है। इसमें कोई शक नहीं कि धोनी के चतुर क्रिकेटिया दिमाग को इसका श्रेय जाता है। चेन्नई ने आधी जंग तो नीलामी के दौरान ही जीत ली थी जब उसने अनुभव पर दांव लगाया।

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रायुडू (586) ऑरेंज कैप धारी केन विलियमसन से 100 रन पीछे हैं। वहीं शार्दुल ठाकुर 15 विकेट ले चुके हैं। कैरियर के आखिरी पड़ाव पर पहुंचे धोनी ने 15 मैचों में 455 रन बनाए हैं जिसमें 30 छक्के शामिल है। धोनी का यह आठवां फाइनल और बतौर कप्तान सातवां खिताबी मुकाबला होगा। चेन्नई के इस ‘थलाइवा’ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अनुभव का कोई सानी नहीं।