गुरुवार को वानखेड़े मैदान पर चेन्नई और मुंबई के बीच खेले गए मैच में शुरुआती 2 ओवर तक DRS उपलब्ध नहीं था. इससे चेन्नई के बल्लेबाजों को अंपायर के फैसलों को चैलेंज करने का मौका नहीं मिला.
IPL हो या कोई और टूर्नामेंट खिलाड़ियों के पास अंपायर से बहस करने का कोई मौका नहीं है. उन्हें तय नियमों के मुताबिक बस अपना सर्वश्रेष्ठ देने चाहिए. अंपायर के खराब निर्णयों पर उनका बस नहीं है,
मुझे लगता है कि जब भी कमर के ऊपर की गेंद को अंपायर डिसीजन देने में गलती करे, तब थर्ड अंपायर को हस्तक्षेप कर उस निर्णय को सही करना चाहिए: महेला जयवर्धने
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