This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.
साल 2015 में खूब चमके पाकिस्तान टीम के ये दो महारथी
पाकिस्तान टीम ने टेस्ट क्रिकेट में इस साल जबरदस्त प्रदर्शन किया
Written by Devbrat Bajpai
Published: Dec 29, 2015, 04:34 PM (IST)
Edited: Dec 29, 2015, 10:09 PM (IST)


पाकिस्तान क्रिकेट टीम का इस साल सीमित ओवरों की क्रिकेट में प्रदर्शन भले ही कोई खास न रहा हो, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने विश्व की चुनिंदा टीमों को अपने आगे घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। पाकिस्तान टीम ने इस साल कुल तीन टेस्ट सीरीजें खेलीं और तीनो में जीत हासिल की। इस साल पाकिस्तान टीम के वरिष्ठ खिलाड़ी युनिस खान का बल्ला खूब चमका और उन्होंने इस दौरान 60 के ऊपर के औसत से 789 रन बनाए। वहीं गेंदबाजी में यासिर शाह खूब चमके। शाह ने 23 के उम्दा औसत से साल में 49 विकेट अपने नाम किए। पाकिस्तान ने इस साल कुल 8 टेस्ट मैच खेले जिनमें उन्हें पांच में जीत व एक में हार मिली। बाकी के दो टेस्ट मैच ड्रॉ रहे। ये भी पढ़ें: साल 2015: वनडे क्रिकेट के पांच सफलतम बल्लेबाज
पाकिस्तान की जीत वाले टेस्ट मैचों में युनिस खान ने 78.37 की औसत से 627 रन बनाए। वहीं शाह ने 21.18 की औसत से 38 विकेट लिए। युनिस खान साल-दर-साल टेस्ट मैचों में धारदार प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान टीम अपने घरेलू मैदान के रूप में दुबई और आबू धाबी के मैदानों का इस्तेमाल कर रही है और इन पिचों पर युनिस का बल्ला खूब बोल रहा है। यासिर शाह ने इस साल जिस तरह की करिश्माई गेंदबाजी का प्रदर्शन किया उसे देखकर टीम पाकिस्तान को सईद अजमल की कमी बिल्कुल नहीं खली। जिस तरह की क्रिकेट इन दोनों ने हाल की टेस्ट श्रृंखलाओं में दिखाई है उसे देखकर यह कहना पूरी तरह उचित होगा कि साल 2016 पाकिस्तान टेस्ट क्रिकेट के लिए युनिस खान के रहते हुए बेहतरीन रहने वाला है। ये भी पढ़ें: साल 2015 का लेखा-जोखा: क्रिकेट के लिए कीर्तिमानों का साल रहा 2015

38 साल की उम्र में भी युनिस मैदान पर पूरी तरह से चुस्त व रनों के लिए भूखे नजर आते हैं। साथ ही सीमित ओवरों को अलविदा कहने के बाद से युनिस की बल्लेबाजी में गहरा स्थायित्व देखने को मिला है। वहीं उनके कप्तान मिस्बाह उल हक भी अपनी कप्तानी की भूमिका में पूरी तरह से फिट नजर आ रहे हैं। 41 साल के मिस्बाह उल हक ने पिछले कुछ सालों से पाकिस्तानी टीम के मध्यक्रम में जबरदस्त बैटिंग की है। जिस तरह से वह आजकल मैदान में बिना किसी अवसाद के नजर आते हैं उससे लगता है कि वह अभी टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने के मूड में तो कतई नहीं हैं। कुछ महीनों पहले ही युनिस खान ने टेस्ट क्रिकेट में 9000 रन पूरे किए हैं। यह कारनामा करने वाले वह पाकिस्तान के एकमात्र बल्लेबाज हैं। वह अवश्य रूप से रनों की भूख को बरकरार रखना चाहेंगे और 10 हजारिया क्लब में अपना नाम दर्ज करवाना चाहेंगे। ये भी पढ़ें: साल 2015 की तीन सबसे तेज पारियां
वहीं यासिर को देखें तो ऐसा लगता है जैसे वह किसी दूसरे ग्रह से आए हों। उनके प्रदर्शन को देखकर कई लोग तो सोच में ही पड़ जाएंगे। यासिर ने इस साल 49 विकेट लिए हैं। वहीं दो अन्य शीर्ष पाकिस्तानी गेंदबाजों ने मिलकर 51 विकेट लिए हैं। वहीं पाकिस्तान के तीन अन्य गेंदबाजों ने कुल मिलाकर 35 विकेट लिए हैं। यासिर ने तीन पाकिस्तानी गेंदबाजों के कुल प्रदर्शन के बराबर अकेले प्रदर्शन किया है जो उनकी प्रतिभा को साफतौर पर दर्शाता है। वहीं यासिर ने पाकिस्तान की जीत में 38 विकेट अपने नाम किए हैं।
TRENDING NOW
साल 2014 में जब सईद अजमल पर प्रतिबंध लगा तो पाकिस्तान एक अच्छे स्पिन गेंदबाज की भारी कमी से जूझने लगा। लेकिन यासिर ने आते ही पाकिस्तान स्पिन गेंदबाजी को पटरी पर लौटा दिया। इसका सुबूत पाकिस्तान टीम की टेस्ट में 5 जीत व एक हार का आंकड़ा है। कहने का मतलब है जिस सईद अजमल को कभी पाकिस्तान टीम की रीढ़ की हड्डी माना जाता था उसकी कमी शाह ने रत्ती भर महसूस नहीं होने दी और टेस्ट मैचों में पाकिस्तान के स्पिन विभाग की डोर बखूबी अपने हाथों में संभाली। यासिर ने श्रीलंका की पिचों पर 19.33 की औसत से 24 विकेट निकाले। गौर करने वाली बात यह है कि वह पिचें श्रीलंका के मुताबिक डिजाइन की गई थीं। इंग्लैंड के खिलाफ हालिया टेस्ट सीरीज में शाह ने दो टेस्ट मैच खेले(इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट मैच ड्रॉ रहा था जिसमें वह नहीं खेले थे)। शाह ने इन दोनों मैचों में 21.53 के औसत से 15 विकेट निकाले। हाल ही में डोप टेस्ट में असफल पाए जाने के बाद यासिर शाह को आईसीसी ने प्राविधिक रूप से निलंबित कर दिया है। लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि वह जल्द ही लौटेंगे और फिर से विश्व के चोटी के बल्लेबाजों को अपनी फिरकी में उलझाएंगे।