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पांच टेस्ट मैच जब 250 से भी ज्यादा रनों से जीती टीम इंडिया

भारत बनाम इंग्लैंड दूसरे टेस्ट में भारत 246 के बड़े अंतर से मैच जीता, आइए जानते है ऐसा कब-कब हुआ जब भारतीय टीम 250 से भी ज्यादा रनों से टेस्ट मैच जीती।

user-circle cricketcountry.com Written by Gunjan Tripathi
Last Updated on - November 22, 2016 2:15 PM IST

भारत बनाम इंग्लैंड विशाखापत्तनम टेस्ट में भारत 246 रनों से जीता।  © AFP
भारत बनाम इंग्लैंड विशाखापत्तनम टेस्ट में भारत 246 रनों से जीता। © AFP

यह तो आप सभी जानते हैं कि विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टेस्ट टीम अब तक अजेय है। 2016 में बतौर कप्तान कोहली ने 15 मैच खेले हैं जिसमें से 11 उन्होंने जीते हैं और बाकी ड्रॉ रहे। हाल ही में कोहली ने न्यूजीलैंड को टेस्ट सीरीज में 3-0 से हराया था और इस समय इंग्लैंड के साथ खेली जा रही टेस्ट सीरीज में भी भारत 1-0 से आगे है। राजकोट में खेला गया पहला टेस्ट जहां ड्रॉ रहा था वहीं विशाखापत्तनम टेस्ट में भारत ने 246 रनों के बड़े अंतर से जीत हासिल की। हम यहां 246 रनों पर ज्यादा जोर दे रहे हैं क्योंकि अब हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे टेस्ट मैचो के बारें जब भारतीय टीम 250 से ज्यादा के अंतर से मैच जीती। भारत ने यह कारनामा कुल नौ बार किया है लेकिन हम यहां आपको उनमे से पांच सबसे ज्यादा रोमांचक मैचों के बारें में बताने जा रहे हैं। ये भी पढ़ें: भारत ने 246 रनों से जीत लिया विशाखापत्तनम टेस्ट

5-भारत बनाम इंग्लैंड, 1986, 279 रन-

भारतीय टीम ने साल 1986 में इंग्लैंड का दौरा किया था जहां उसे तीन टेस्ट मैच खेलने थे। इस दौरे पर भारतीय टीम में सुनील गावस्कर, किदांबी श्रीकांत, रवि शास्त्री और मोहम्मद अजरूद्दीन जैसे कई दिग्गज खिलाड़ी शामिल थे। वहीं कप्तानी की बागडोर संभाल रहे थे भारत के सबसे सफल ऑल राउंडर कपिल देव। भारत ने लॉर्ड्स के मैदान पर खेला पहला टेस्ट पांच विकेट से जीतकर सीरीज में 1-0 से बढ़त बना ली थी। इसके बाद बारी थी लीड्स के मैदान पर दूसरा टेस्ट खेलने की। भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की और दिलीप वेंगसरकर के शानदार 61 रनों की मदद से 272 रन का स्कोर खड़ा किया। वहीं गेंदबाजी करते हुए भारत की ओर से रोजर बिन्नी ने पांच विकेट लेकर इंग्लैंड की पारी को 102 रनों पर ही समेट दिया। अगली पारी में एक बार फिर दिलीप वेंगसरकर ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए शतक बनाया और भारत ने दूसरी पारी में भी 237 रन बनाए। 408 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड टीम 128 रनों पर आउट हो गई और भारत ने यह मैच 279 रनों के जीत लिया। दूसरी पारी में भारत की ओर से मनिंदर सिंह ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए। इस मैच में मैन ऑफ द मैच भारतीय बल्लेबाज दिलीप वेंगसरकर को चुना गया। भारत ने तीन मैचों की यह सीरीज 2-0 से जीत ली थी लेकिन मैन ऑफ द सीरीज का खिताब इंग्लैंड के कप्तान माइक गैटिंग को मिला था। ये भी पढ़ें: इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने कहा अपरिपक्व कप्तान हैं विराट कोहली

4-भारत बनाम साउथ अफ्रीका, 1996, 280 रन-

भारत के सबसे सफल बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भी एक समय में भारत की कप्तानी की थी और उन्ही की कप्तानी में भारत ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 280 रनों से टेस्ट मैच जीता था। नंवबर 1996 में साउथ अफ्रीका हैंसी क्रोने की कप्तानी में भारत के दौरे पर आई थी। तीन मैचों की इस सीरीज में पहला मैच भारत जीता था तो वहीं दूसरे मैच में प्रोटीज ने जीत हासिल की थी। इस दौरे के तीसरे और निर्णायक टेस्ट मैच में 280 रनों से जीत दर्ज कर भारत ने सीरीज पर कब्जा कर लिया था। कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेल गए इस मैच में भी टॉस भारत ने ही जीता था और हमेशा की तरह पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। भारत के कप्तान सचिन तेंदुलकर ने पहली पारी में 61 रन बनाए थे और पारी को 237 रन तक पहुंचाया था। वहीं साउथ अफ्रीका की टीम 177 रन पर ऑल आउट हो गई, इसका श्रेय जाता है भारत कते वर्तमान कोच और बेहतरीन गेंदबाज अनिल कुंबले को। जंबो ने इस मैच में चार विकेट लिए थे जिसमें कप्तान हैंसी क्रोने का विकेट भी शामिल था। दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाज मोहम्मद अजरूद्दीन ने शानदार 163 रन की बदौलत भारत ने 400 रन बनाए। साउथ अफ्रीका के सामने 461 रनों का लक्ष्य था जो टीम को पहले ही मानसिक तौर पर कमजोर कर देता है और ऐसा ही कुछ हुआ साउथ अफ्रीका टीम के साथ। पूरी टीम 180 रन पर ऑल आउट हो गई। इस सीरीज में मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज मोहम्मद अजरूद्दीन को दिया गया। इस मैच में एक और खास बात यह थी यह वीवीएस लक्ष्मण का डेब्यू मैच था।

4-भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2008, 320 रन-

भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक महेंद्र सिंह धोनी ने भारत को टेस्ट में नंबर वन बनाया है। धोनी ने भले ही टेस्ट से संन्यास ले लिया हो लेकिन उन्होंने अपनी कप्तानी में भारत को कई यादगार मैच जिताए हैं। इन्हीं में से एक मैच हैं 2008 में ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे पर खेली गई ब्रॉडर गावस्कर ट्रॉफी का दूसरा टेस्ट। मोहाली स्टेडियम में खेला गया यह मैच एक रोमांचक मैच था। चार मैचों की इस सीरीज का पहला मैच ड्रॉ रहा जिसके बाद दूसरा मैच जीतकर भारत ने सीरीज में बढ़त बना ली। मोहाली में खेले गए इस मैच में भी भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का चयन किया। लगता है जैसे पहले टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करना भारत की आदत बन गया है। भारत की ओर से सौरव गांगुली ने 102 रन बनाए थे वहीं धोनी 92 रन पर आउट होकर शतक से चूक गए थे। इन दोनों बल्लेबाजों की पारी की बदौलत ने 469 रन बना लिए जिसके सामने कंगारू टीम के हौसले पस्त हो गए। वहीं रही सही कसर अपना डेब्यू मैच खेल रहे भारतीय स्पिनर अमित मिश्रा ने पूरी कर दी और पांच विकेट लेकर पारी को 268 रन पर समेट दिया। दूसरी पारी में भारत ने एक बार फिर 314 रन बनाए और इस बार शतकवीर बनें सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर और 90 रन बनाकर उनका साथ दिया वीरेंद्र सहवाग। 516 रनों का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम 195 पर ऑल आउट हो गई और इस बार सबसे ज्यादा चार विकेट लिए तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने। इस मैच में भारत ने 320 रनों से जीत दर्ज की थी और मैन ऑफ द मैच महेंद्र सिंह धोनी को बनाया गया था। भारत ने इस मैच से सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। तीसरा मैच ड्रॉ होने के बाद भारत ने चौथे मैच को जीतकर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम कर ली थी।

2- भारत बनाम न्यूजीलैंड, 2016, 321 रन –

हाल ही में न्यूजीलैंड के भारत दौरे पर खेली गई टेस्ट सीरीज के तीसरे और आखिरी मैच ने भी इस सूची में जगह बनाई है। विराट कोहली का कप्तानी में भारतीय टीम ने इस सीरीज में कीवीज को 3-0 से क्लीन स्वीप किया। इस सीरीज का तीसरा और आखिरी टेस्ट इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेला गया था जिसमें भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 557 रनों का विशाल स्कोर बनाया जिसमें अजिंक्य रहाणे का शतक और कोहली का दोहरा शतक शामिल है। वहीं पहले दो टेस्ट हारकर बैठी कीवी टीम इस मैच में भी फ्लॉप रही। मार्टिन गप्टिल (72) और जेम्स नीशम (71) के अलावा किसी भी बल्लेबाज ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। वहीं भारत की ओर से रविचंद्रन अश्विन ने सबसे ज्यादा छह विकेट लिए और विपक्षी टीम को 299 पर ऑल आउट किया। वहीं दूसरी पारी में भारत ने 216 रन पर अपनी पारी घोषित कर मेहमान टीम को बल्लेबाजी का न्यौता दिया। कीवी टीम ने अपने ही पिछले प्रदर्शन का रिकॉर्ड तोड़ दिया और केवल 153 पर सारी टीम पवेलियन लौट गई। एक बार अश्विन भारत के लिए मैच विनर बनें इस बार उन्होंने सात विकेट लिए। अश्विन के इस बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज का खिताब दिया गया। भारत यह मैच 321 रनों से जीता था।

1-भारत बनाम साउथ अफ्रीका, 2015, 337 रन-

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कप्तान विराट कोहली ने इस सूची में दो बार अपनी जगह बनाई है। टेस्ट मैच में भारत को सबसे बड़ी जीत कोहली की कप्तानी में ही मिली है। पिछले साल दिसंबर ने साउथ अफ्रीका के भारत दौरे पर कोहली ने चार मैचों की फ्रीडम ट्रॉफी सीरीज 3-0 से जीती थी। यह सीरीज दोनों देशों के दो महान व्यकितयों नेल्सन मंडेला और महात्मा गांधी के सम्मान में आयोजित की गई थी। दिल्ली के फिरोज शाह कोटला मैदान में खेले गए इस सीरीज के आखिरी मैच में एक बार फिर वही हुआ जो हमेशा होता है भारत ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी की। भारत की ओर से 127 रनों की शानदार पारी खेली थी और भारत ने 334 रन का स्कोर बोर्ड पर लगाया था। जवाब में पूरी साउथ अफ्रीकन टीम 121 रन के स्कोर पर आउट हो गई थी। जिसका श्रेय प्रोटीज की बदतर बल्लेबाजी को तो मिलता ही है साथ ही थोड़ा श्रेय जाता है भारतीय स्पिनर रविंद्र जडेजा को जिन्होंने इस पारी में पांच विकेट लिए थे। दूसरी पारी में रहाणे ने एक और शतक लगाया और भारत ने 267 पर पारी खत्म की। जिसके जवाब में मेहमान टीम 143 पर ऑल आउट हो गई और इस बार पांच विकेट लेने वाले बल्लेबाज बनें अश्विन। भारत ने इस मैच को 337 रनों से जीता और साथ ही सीरीज भी 3-0 से जीत ली।