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पंजाब का पहले हाफ में रहा शानदार प्रदर्शन, खली छठे गेंदबाज की कमी
आईपीएल के 12वें सीजन में किंग्स इलेवन पंजाब की टीम छठे स्थान पर रही
Written by Kamlesh Rai
Published: May 15, 2019, 12:34 AM (IST)
Edited: May 15, 2019, 12:36 AM (IST)

किंग्स इलेवन पंजाब टीम ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें सीजन में जिस तरह से शुरुआत की थी उसे आगे बरकरार नहीं रख सकी। नतीजतन टीम को लीग राउंड से ही बाहर होना पड़ा। इस टीम की बल्लेबाजी केएल राहुल और क्रिस गेल के इर्द-गिर्द घूमती रही जबकि गेंदबाजी में आर अश्विन और पेसर मोहम्मद शमी के अलावा कोई अन्य गेंदबाज प्रभाव नहीं छोड़ सका।
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टूर्नामेंट के पहले हाफ में पंजाब ने बेहतरीन खेल दिखाया। लेकिन टूर्नामेंट खत्म होने के बाद अश्विन की अगुवाई वाली पंजाब 14 मैचों से 12 अंक लेकर आठ टीमों के प्वाइंटस टेबल में छठे स्थान पर रही।
देखा जाए तो इस टीम का पिछले सीजन में जो हाल हुआ था ठीक उसी तरह इस सीजन में भी हुआ। पंजाब ने इस सीजन शुरुआती 6 में से चार मैच जीतकर धमाकेदार आगाज किया था। इसके बाद अगले सात मैचों में से पंजाब की टीम एक मैच ही जीत पाई और प्लेऑफ की दौड़ में पिछड़ गई।
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किंग्स इलेवन अपना आखिरी लीग मैच चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ जीतने में सफल रहा। इस टीम ने इस सीजन 14 मैच खेले जिसमें से उसे 6 में जीत मिली जबकि 8 मैच गंवाने पड़े।
शुरुआत रही शानदार
पंजाब ने अपने अभियान की शुरुआत राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 14 रन से जीत के साथ की थी। अश्विन की कप्तानी वाली टीम ने 184 रन का सफल बचाव किया था। इस मैच में अश्विन ने राजस्थान के बल्लेबाज जोस बटलर को मांकडिंग आउट किया था। इसके बाद राजस्थान के सात बल्लेबाज महज 22 रन और जोड़कर पवेलियन लौट गए थे।
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दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ पंजाब टीम ने गजब का प्रदर्शन करते हुए शानदार जीत दर्ज की। दिल्ली को जीत के लिए 21 गेंदों पर 23 रन की जरूरत थी जबकि उसके सात विकेट बचे हुए थे। ये पूरी तरह दिल्ली के पक्ष्ज्ञ में मैच जाता दिखाई दे रहा था लेकिन पंजाब ने अविश्वसनीय प्रदर्शन कर मुकाबले को अपने नाम किया। दिल्ली के अगले 17 गेंदों में सात विकेट गंवाए जबकि इस दौरान केवल आठ रन बनाए।
यही वो मैच था जिसमें पंजाब के सैम कर्रन ने हैट्रिक लेकर टीम को यादगार जीत दिलाई थी।
अहम मैचों में टीम ने खराब फील्डिंग की
जब कोई टीम सात में से छह मैच हार जाती है तो उसका मनोबल गिर जाता है। पंजाब के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब टीम को जीत की सख्त जरूरत थी तब उसके फील्डरों ने मैदान में सुस्ती दिखाई और कई अहम कैच टपकाए।
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पंजाब को हराकर ही विराट कोहली की कप्तानी वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने लगातार छह मैच हारने के बाद इस सीजन अपनी पहली जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ ही पंजाब ने अपने लिए खतरे की घंटी बजा दी थी। पंजाब ने 8 में से घर के बाहर लगातार छह मैच गंवाए। उसकी कोई भी हार छोटे अंतर की नहीं थी।
केएल राहुल और गेल ने शानदार प्रदर्शन किए
सलामी बल्लेबाज केएल राहुल और क्रिस गेल का प्रदर्शन शानदार रहा। राहुल के लिए ये आईपीएल शानदार रहा। टीम इंडिया के ओपनर राहुल ने 135 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से एक शतक और 6 अर्धशतक के साथ कुल 593 रन बनाए।
गेल ने 13 मैचों में 490 रन बनाए जिसमें नाबाद 99 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा।
डेविड मिलर ने किया निराश
दक्षिण अफ्रीका के अनुभवी बल्लेबाज डेविड मिलर से फ्रेंचाइजी को काफी उम्मीदें थीं लेकिन उन्होंने निराश किया। मिलर के लिए ये सीजन भुलने वाला रहा। उन्होंने 10 मैचों में एक अर्धशतक की मदद से 213 रन बनाए। इसके बाद मिलर को टीम से ड्रॉप भी किया गया।
मिलर ने राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली के खिलाफ शुरुआत तो अच्छी की थी लेकिन वो अपनी पारी को 40 रन से आगे नहीं ले जा पाए। मिलर के पास जो क्लास और अनुभव है उससे पंजाब को बड़े मौकों पर फायदा हो सकता था।
राहुल और गेल के बाद मयंक अग्रवाल रहे बेस्ट परफॉर्मर
राहुल और गेल के बाद पंजाब की ओर से जिस खिलाड़ी ने अधिक रन बनाए वो मयंक अग्रवाल थे। मयंक ने कुल 322 रन जुटाए। युवा सरफराज खान ने सीजन की शुरुआत तो अच्छी की थी। उन्होंने चेन्नई सुपरकिंगस के खिलाफ नाबाद 46 और अर्धशतक लगाए थे लेकिन किन्हीं कारणों से उन्हें आगे के मैचों में मौका नहीं दिया गया।
शमी रहे सबसे सफल गेंदबाज
गेंदबाजी विभाग में पंजाब के सबसे सफल गेंदबाज पेसर मोहम्मद शमी रहे। शमी ने 8.68 के इकोनोमी से कुल 19 विकेट चटकाए। इस दौरान शमी की बेस्ट गेंदबाजी 21 रन देकर तीन विकेट रही।
अश्विन का नेतृत्व कौशल एमएस धोनी या स्टीव स्मिथ के समान ही है।
अश्विन ने इस लीग में साथी गेंदबाजों के मुकाबले में अच्छी गेंदबाजी की। उन्होंने 14 मैचों में 15 विकेट निकाले। अश्विन का नेतृत्व कौशल एमएस धोनी या स्टीव स्मिथ के समान ही है। टूर्नामेंट की शुरुआत में ही अश्विन को छठे गेंदबाज की कमी खलने लगी। लेकिन वो छठे गेंदबाज के साथ नहीं गए।
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अश्विन के कुछ फैसले चौंकाने वाले रहे। उन्होंने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ शमी की बजाय अर्शदीप से गेंदबाजी कराई इसके अलावा आरसीबी के खिलाफ सैम कर्रन की जगह फाइनल ओवर सरफराज खान से डलवाया। कर्रन उनके पास गेंदबाजी के रूप में विकल्प मौजूद थे जिन्होंने दिल्ली के खिलाफ हैट्रिक ली थी।